मुजफ्फरनगर: सिसौली में रविवार को हुआ किसान सम्मेलन वैसे तो भाजपा का राष्ट्रीय स्तर का आयोजन था जो हाईकमान की ओर से पूर्व निर्धारित था, लेकिन इसमें सभी ने अपने हितों को साधा। जानिए कैसे:-
1. केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने जिले में अपना कद तो बड़ा किया ही साथ ही हाईकमान की नजर में वे किसान नेता के रूप में उभरे। वे जाट नेताओं में अजित सिंह का विकल्प बनने का सपना पहले से देखते रहते हैं।
2. किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत से इसकी अध्यक्षता कराई गई। नरेश खुद तो पिता महेंद्र सिंह टिकैत की तरह पहचान नहीं बना पाए हैं लेकिन बेटे गौरव को राजनीति के मैदान में उतारना चाहते हैं। सुना है भाजपा ने उनके बेटे का नाम बुढाना विधानसभा सीट से टिकट देने पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
3. किसान सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री एम वेंकैयानायडू, जयंत सिन्हा व निहालचंद पहुंचे थे। इन सभी को सबसे पहले सुबह जिले के कारोबारियों से मिलवाया गया। पेपर मिल व्यवसायी राकेश बिंदल के घर पर सुबह की चाय थी। ये वही बिंदल हैं जो इससे पहले पिछले विस चुनाव में कांग्रेस नेताओं दीपेंद्र हुड्डा व नवीन जिंदल की चाय भी कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि इन कारोबारियों ने किसान सम्मेलन को अपना 'सहयोग' भी दिया इसलिए चाय तो बनती ही थी।
4. इस सम्मेलन के आयोजन में धर्मवीर बालियान नामक सपा नेता का 'सहयोग' भी लिया गया। धर्मवीर पहले रालोद व सपा में भी धक्के खा चुके हैं अब भाजपा में एंट्री के चक्कर में हैं। हालांकि उन्हें कोई गंभीरता से नहीं ले रहा लेकिन अखबारों में प्रचार सामग्री में धर्मवीर ही नजर आए।
1. केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने जिले में अपना कद तो बड़ा किया ही साथ ही हाईकमान की नजर में वे किसान नेता के रूप में उभरे। वे जाट नेताओं में अजित सिंह का विकल्प बनने का सपना पहले से देखते रहते हैं।
2. किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत से इसकी अध्यक्षता कराई गई। नरेश खुद तो पिता महेंद्र सिंह टिकैत की तरह पहचान नहीं बना पाए हैं लेकिन बेटे गौरव को राजनीति के मैदान में उतारना चाहते हैं। सुना है भाजपा ने उनके बेटे का नाम बुढाना विधानसभा सीट से टिकट देने पर विचार करने का आश्वासन दिया है।
3. किसान सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री एम वेंकैयानायडू, जयंत सिन्हा व निहालचंद पहुंचे थे। इन सभी को सबसे पहले सुबह जिले के कारोबारियों से मिलवाया गया। पेपर मिल व्यवसायी राकेश बिंदल के घर पर सुबह की चाय थी। ये वही बिंदल हैं जो इससे पहले पिछले विस चुनाव में कांग्रेस नेताओं दीपेंद्र हुड्डा व नवीन जिंदल की चाय भी कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि इन कारोबारियों ने किसान सम्मेलन को अपना 'सहयोग' भी दिया इसलिए चाय तो बनती ही थी।
4. इस सम्मेलन के आयोजन में धर्मवीर बालियान नामक सपा नेता का 'सहयोग' भी लिया गया। धर्मवीर पहले रालोद व सपा में भी धक्के खा चुके हैं अब भाजपा में एंट्री के चक्कर में हैं। हालांकि उन्हें कोई गंभीरता से नहीं ले रहा लेकिन अखबारों में प्रचार सामग्री में धर्मवीर ही नजर आए।
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