Thursday 31 May 2018

कैराना उपचुनावः भाजपा की हार के जिम्मेदार ये 3 नेता

नई दिल्ली/शामलीः कैराना लोकसभा सीट पर भाजपा की करारी हार के साथ ही पार्टी में यह मंथन शुरू हो गया है कि इस हार का कारण क्या रहा ? भाजपा कार्यकर्ताओं में रोष तो है ही साथ ही अपने लोकल बड़े नेताओं के प्रति नाराजगी भी है। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुजफ्फरनगर के भाजपा सांसद डॉ. संजीव बालियान, यूपी के गन्ना मंत्री सुरेश राणा (जो थानाभवन से विधायक हैं और थानाभवन विधानसभा सीट कैराना लोकसभा सीट का ही हिस्सा है) और सहारनपुर के वरिष्ठ भाजपा नेता व यूपी सरकार में आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी का इस हार में बड़ा योगदान है। सैनी नकुड़ विधानसभा सीट से विधायक हैं और यह भी कैराना का ही हिस्सा है। वे लगातार तीसरी बार विधायक हैं। बसपा सरकार में भी वे मंत्री थे और उन्होंने 2017 के चुनाव के समय ही भाजपा ज्वाइन की थी। इन तीनों नेताओं पर ही पार्टी ने सबसे ज्यादा भरोसा किया हुआ था और ये भाजपा को अपने बल पर वोट दिलाने में विफल रहे।

कैराना का परिणामः
तबस्सुम बेगम (रालोद) 421145 मत

मृगांका सिंह (भाजपा) 371691 मत

अंतर- 49545

संजीव बालियान- पहले से ही निशाने पर हैं भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के, पढिए यह स्टोरी

फिलहाल पार्टी में मंथन का दौर शुरू हो गया है। पहला विचार यही सामने आ रहा है कि न तो संजीव बालियान जाटों के वोट दिलवा सके और न ही दूसरे वर्गों की। थानाभवन में भी भाजपा को सबसे कम वोट मिले और यही हाल नकुड़ में रहा। एक भाजपा नेता ने बताया कि प्रचार के दौरान ही साफ हो गया था कि इन तीनों नेताओं का ही अपने इलाकों पर कोई नियंत्रण नहीं है। 

संजीव ने पार्टी को भरोसा दिलाया था कि वे जाटों को फिर से अजित सिंह की ओर नहीं लौटने देंगे। इसी प्रकार राणा व सैनी ने थानाभवन व नकुड़ विधानसभा क्षेत्रों की गारंटी ली थी लेकिन सब फेल रहे। थानाभवन में तो सुरेश राणा ने किसी बड़े नेता या सीएम योगी की रैली भी नहीं होने दी। राणा ने पार्टी हाईकमान को भरोसा दिलाया था कि वे अपने इलाके से भारी समर्थन भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह को दिलवाएंगे। पर ऐसा नहीं हुआ। सबसे कम वोट भाजपा को थानाभवन से ही मिले हैं। अभी आंकड़े एकत्र किए जा रहे हैं और जैसे ही फाइनल फीगर आ जाएगी आपको विधानसभा वार आंकड़े दिए जाएंगे।




कैराना लोकसभा उपचुनाव

पांचों विधानसभाओं के आंकड़े


शामली
लोकदल 77159
भाजपा 77571
312 से भाजपा आगे रही

थाना भवन
लोकदल 88539
भाजपा 73334
लोकदल 15205 से आगे रही

कैराना
लोकदल 79378
भाजपा 93195
भाजपा 13817 से आगे रही


गंगोह (सहारनपुर)
लोकदल 108411
भाजपा 96141
लोकदल 12370 से आगे रही

नकुड़ (सहारनपुर) 
लोकदल 114341
भाजपा 86224
लोकदल 18117 से आगे रही 

उपरोक्त आंकड़े साफ कर रहे हैं कि थानाभवन व नकुड़ में भाजपा की करारी हार हुई। जबकि कैराना विधानसभा, जहां से तबस्सुम बेगम का बेटा नाहिद हसन सपा विधायक है, में रालोद की करारी हार हुई। यहां गुर्जर समाज ने मृगांका के लिए जमकर वोटिंग किया। शामली विधानसभा में भी भाजपा आगे रही। ऐस में सुरेश राणा व धर्म सिंह सैनी पर गाज भी गिर सकती है। 


Tuesday 29 May 2018

CBSE 10 Result : मुजफ्फरनगर के अक्षत वर्मा की देश में दूसरी रैंक

मुजफ्फरनगर के एस डी पब्लिक स्कूल का छात्र है अक्षत वर्मा

CBSE 10th result 2018 declared: सीबीएसई ने 10वीं कक्षा के नतीजे घोषित कर दिए हैं। रिजल्ट cbseresults.nic.in या cbse.nic.in पर जाकर चेक कर सकते हैं।  कुल 86.70 प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए हैं। बोर्ड ने तय समय से पहले ही परीक्षा के रिजल्ट जारी कर दिए हैं। इससे पहले बताया जा रहा था कि परीक्षा के रिजल्ट शाम 4 बजे तक जारी किए जाएंगे, लेकिन रिजल्ट पहले ही जारी कर दिए गए हैं।
रिजल्ट के मुख्य बिंदु
-
 कुल 86.70 प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए हैं।
- लड़कियों ने मारी बाजी, 88.67 प्रतिशत लड़कियां पास हुई। 85.32 लड़के पास हुए।
- रिजल्ट पिछले साल के मुकाबले 4.25 प्रतिशत गिरा, पिछले साल 90.95% था रिजल्ट
- इस बार 4 स्डूटेंड्स ने टॉप किया है। चारों ने 500 में से 499 अंक हासिल किए हैं। चारों पहले स्थान पर हैं।
प्रखर मित्तल- डीपीएस, गुड़गांव- 500 में से 499
रिमजिम अग्रवाल- आरपी पब्लिक स्कूल, बिजनौर (यूपी)- 500 में से 499
नंदिनी गर्ग - स्कोटिश इंटरनेशनल स्कूल, शामली (यूपी)- 500 में से 499
श्रीलक्ष्मी जी - भवन विद्यालय, कोच्चि- 500 में से 499
सेकेंड टॉपर - दूसरा स्थान पाने वाले 7 विद्यार्थी
ऋतिका सरकार - डीपीएस गुड़गांव - 500 में से 498 अंक
श्रेष्ठा शर्मा - डीपीएस, सोनीपत (हरियाणा) - 500 में से 498 अंक
अक्षत वर्मा - एसडी पब्लिक स्कूल, मुज्जफरनगर (यूपी) - 500 में से 498 अंक
अंशिका गुप्ता - एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, नोएडा (यूपी) - 500 में से 498 अंकअंचित जैन - एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, नोएडा (यूपी) - 500 में से 498 अंक
थेरेसा सोनी- क्रिस्टू जयंथी पब्लिक स्कूल, कोच्चि- 500 में से 498 अंक
साक्षी भांगदिकर - ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ - 500 में से 498 अंक
Third Toppers
थर्ड टॉपर- तीसरा स्थान पाने वाले 14 विद्यार्थी 

तरनप्रीत कौर - ब्रोडवे पब्लिस स्कूल - संगरूर, पंजाब - 500 में से 497 अंक
लक्ष्य चावला - डीएवी पब्लिक स्कूल - गुड़गांव - 500 में से 497 अंक
अर्पणा - डीएलएफ पब्लिक स्कूल, राजेन्द्र नगर, गाजियाबाद, यूपी - 500 में से 497 अंक
अनुष्का पांडेय- बाल भारती पब्लिक स्कूल, नोएडा - 500 में से 497 अंक
शाहिस्ता सादफ- आर्मी स्कूल, रानीखेत, उत्तराखंड- 500 में से 497 अंक
खुशी अग्रवाल - ब्रह्मा देवी मंदिर स्कूल, हापुड़ (यूपी) - 500 में से 497 अंक
आयुष गुप्ता - इंदिरा पुरम पब्लिक स्कूल, गाजियाबाद - 500 में से 497 अंक
स्निग्धा बासु- विश्व भारती पब्लिक स्कूल, नोएडा - 500 में से 497 अंक
मिष्ठी सिंघल - डीपीएस, मेरठ रोड, गाजियाबाद - 500 में से 497 अंक
एल गोकुलनाथ, सोमरविले स्कूल, नोएडा - 500 में से 497 अंक
अम्मू मरिअम अनिल, राजागिरी पब्लिक स्कूल, एर्नाकुलम, केरल- 500 में से 497 अंक
साक्षी महेश्वरी - कृष्णा पब्लिक स्कूल, दुर्ग, छत्तीसगढ़ - 500 में से 497 अंक
धारानी गोविंदास्वामी- महाऋषि विद्या मंदिर, चेन्नई  - 500 में से 497 अंक
अदिश शाह - विकास द कॉन्सेप्ट स्कूल, हैदराबाद, तमिलनाडु - 500 में से 497 अंक
खास बातें- 
 सरकारी स्कूलों में पास परसेंटेज 63.97 फीसदी
- 11.45 फीसदी बच्चों की कंपार्टमेंट आई
- दिव्यांग वर्ग में गाजियाबाद की सान्या गांधी के भी 489 नंबर आए
- दिव्यांग वर्ग में गुरुग्राम की अनुष्का पांडा ने मारी बाजी, 489 नंबर के साथ रहीं टॉप पर
- 27476 बच्चों ने 95 फीसदी से ज्यादा नंबर स्कोर किए
- 131493 बच्चों ने 90 फीसदी से ज्यादा नंबर स्कोर किए
- सबसे ज्यादा फीसदी बच्चे तिरुवनन्तपुरम के पास हुए, 99.60 फीसदी बच्चे पास हुए, वहीं दिल्ली के 78.62 फीसदी बच्चे पास हुए
- सबसे ज्यादा फीसदी बच्चे तिरुवनंतपुरम के पास हुए, 99.60 फीसदी बच्चे पास हुए, वहीं दिल्ली के 78.62 फीसदी बच्चे पास हुए


Monday 28 May 2018

Exit Poll- Kairana : कैराना उपचुनाव- कौन जीतेगा जानिए

भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह

रालोद प्रत्याशी तबस्सुम बेगम 
कैराना फाइनल अपडेटः

कुल 54 प्रतिशत मतदान हुआ

चुनाव आयोग को 20 प्रतिशत वीवीपेट मशीनें बदलनी पड़ी


रालोद ने की शिकायत, चुनाव आयोग ने दिया आश्वासन

जयंत चौधरी ने कहा- 170 ईवीएम खराब हुई

एग्जिट पोल अनुमानः 
- लगभग 8.50 से 9 लाख वोट पड़े
- भाजपा को 5 लाख से अधिक वोट मिलने का अनुमान
- रालोद प्रत्याशी को 4.5 लाख के आसपास वोट मिलने का आकलन 







- कांटे की टक्कर में भाजपा को जीत मिलने के आसार। 
- भाजपा का 30-40 हजार वोट से जीतने की संभावना 





Saturday 26 May 2018

टैक्स चोरी में मुजफ्फरनगर के सपा जिलाध्यक्ष रहे हिरासत में

कर चोरी की सूचना के बाद हो रही छापेमारी से जिले में हड़कंप मचा

मुजफ्फरनगरः भाजपा हो या सपा। सारे नेता सरकार को चूना लगा रहे हैं। जिले में हाल ही में टैक्स चोरी की जानकारी मिलने के बाद हुई छापेमारी में यह खुलासा हो गया है। पहले भाजपा नेता व नई मंडी के पूर्व सभासद विकल्प जैन के यहां फर्जी कागजात तैयार करने का भंडाफोड़ हुआ और वहां से जिन फैक्ट्रियों के कागजात मिले उनके खिलाफ लगातार वाणिज्य कर विभाग के छापे पड़ रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिले की लोहा इस्पात इंडस्ट्री में सरिये के निर्माण और बिक्री में हो रही कर चोरी को लेकर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सेल्स टैक्स इंटेलीजेंस (डीजीजीएसटीआई) ने भारी छापेमारी की है। डीजीजीएसटीआई ने शुक्रवार को फिर से चार फैक्ट्रियों में छापे की कार्रवाई की। श्रीबालाजी स्टील्स पर छापे के दौरान टीम ने फैक्ट्री के डायरेक्टर सपा जिलाध्यक्ष एवं उद्यमी गौरव स्वरुप और उनके पार्टनर आकाश को 12 घंटे तक हिरासत में रखा। देर रात केंद्रीय उत्पाद शुल्क के शाकुंतलम स्थित कार्यालय पर दोनों से पूछताछ चलती रही। सूचना पर शहर में समस्त उद्यमी शाकुंतलम पहुंच गये। उद्यमियों ने टीम द्वारा दोनों को अवैध रुप से हिरासत में रखने का विरोध किया। देर रात करीब ग्यारह बजे उन्हें छोड़ा गया। 

टिहरी स्टील, श्री राधे स्टील और श्रीजी स्टील पर देर रात तक विभाग की छापेमारी चलती रही ।डीजीजीएसटीआई की नोएडा और मेरठ से आई चार टीमों ने शुक्रवार को जिले की चार फैक्ट्रियों गौरव स्वरुप की श्रीबालाजी स्टील्स, सतीश गोयल की टिहरी स्टील, वैभव जैन की श्री राधे स्टील और अजीत की श्रीजी स्टील्स पर एक साथ छापेमारी की। प्रत्येक टीम में लगभग 20 अधिकारी शामिल रहे। टीम ने तीन फैक्ट्रियों टिहरी स्टील, श्री राधे स्टील और श्रीजी स्टील से कंप्यूटर की हार्ड डिस्क, समस्त रिकार्ड अपने कब्जे में ले लिया। कंपनियों के डायरेक्टर से रात तक उनकी फैक्ट्रियों में ही पूछताछ होती रही। सबसे बड़ा हंगामा श्रीबालाजी फैक्ट्री को लेकर हुआ। तीन दिन पहले वाणिज्यकर विभाग की जीएसटी की टीम ने यहां छापा मारा था और समस्त रिकार्ड जांच के लिए आने साथ ले गए थे। इस कारण फैक्ट्री में डिप्टी कमिश्नर शशांक यादव के नेतृत्व में पहुंची टीम को कुछ नहीं मिला। टीम के अधिकारियों ने कंपनी के डायरेक्टर आकाश और सपा जिलाध्यक्ष गौरव स्वरुप पर दबाव बनाया कि वह उनके साथ मेरठ चले और छापे के बाद भरे जाने वाले पंचनामा पर वहीं पर हस्ताक्षर करें। इस पर गौरव स्वरुप और आकाश टीम के साथ मेरठ चल दिए। लेकिन खतौली के पास व्यापारियों ने विरोध किया और मेरठ जाने से इंकार कर दिया। बाद में तय हुआ कि मुजफ्फरनगर के शाकुंतलम स्थित दफ्तर पर ही पूछताछ व अन्य कार्रवाई हो। बहस के बाद टीम इन दोनो उद्यमियों को शाकुंतलम स्थित केंद्रीय उत्पाद शुल्क के ऑफिस ने आई। यहां दोनों उद्यमियों पर टीम ने दबाव बनाया कि ट्रेडर्स विकल्प जैन के यहां मिले रिकार्ड के अनुसार अपने यहां बड़ी टैक्स चोरी को स्वीकार करें। अफसरों को इस दबाव को उद्यमियों ने स्वीकार नहीं किया। देर रात तक शहर के समस्त उद्यमी शाकुंतलम में एकत्र हो गए। आईआईए अध्यक्ष कुशपुरी, विपुल भटनागर आदि उद्यमियों ने शाम छह बजे के बाद किसी भी उद्यमी को हिरासत में रखने को गैर कानूनी बताया। देर रात्रि करीब 11 बजे टीम ने दोनों को छोड़ा। कार्यालय से बाहर आए गौरव स्वरुप ने कहा कि तीन दिन पहले हमारे यहां छापा लग चुका सारा रिकार्ड वाणिज्यकर वालों के पास है। 
बता दें, डीजीजीएसटीआई की टीम ने 18 मई में भी दो फैक्ट्रियों अंबा स्टील्स और सर्वोत्तम स्टील पर छापेमारी की थी। अंबा स्टील्स से टीम ने करीब बीस करोड़ की कर चोरी पकड़ी थी तथा मौके पर पांच करोड़ रुपये जमा कराए थे। आठ दिन बाद ही यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है।

इस छापेमारी की कार्रवाई की स्थानीय अखबारों अमर उजाल, जागरण व हिंदुस्तान में प्रकाशित खबरें-- 







Friday 25 May 2018

योगी की रैली के बाद दलित वोटर के रुख में बदलाव ?


लखनऊः कैराना लोकसभा उपचुनाव में ध्रुवीकरण की हवा चलने लगी है। योगी आदित्यनाथ की वीरवार को शामली में हुई जनसभा ने सारा माहौल बदल दिया है। यहां रालोद की प्रत्याशी तबस्सुम बेगम को सपा, बसपा, कांग्रेस आदि ने समर्थन दिया है और भाजपा की प्रत्याशी मृगांका सिंह कठिन चुनौती का सामना कर रही हैं। वे अपने पिता स्व हुकुम सिंह के निधन से खाली हुई सीट को फिर से हासिल करने के लिए चुनाव लड़ रही हैं। मुस्लिम, दलित बहुल इस सीट पर भाजपा गैर मुुस्लिम वोटों को एकजुट करने की कोशिश कर रही है। ऐसे में भाजपा के पास ध्रुवीकरण के अलावा कोई चारा नहीं है।
माना जा रहा है कि योगी की रैली में जिस तरह से गन्ना व जिन्ना का जिक्र किया है उससे यह संदेश जा रहा है कि मुस्लिम प्रत्याशी के खिलाफ हिंदू मत भाजपा की ओर मुड़ेंगे। संदेश दिया जा रहा है कि अभी तक खामोश दलित मतदाता 28 मई को भाजपा के लिए ही वोटिंग करेगा। पेश है वेस्ट यूपी के अखबारों में छपी खबरों की एक झलक जिनसे साफ है कि योगी की रैली ने कैराना सीट पर क्या प्रभाव छोड़ा है-


 











Thursday 24 May 2018

कैराना उपचुनाव: भाजपा के नेताओं का क्षेत्र में ही डेरा

सेक्टरों में ही दिन रात काम कर रहे हैं भगवा ब्रिगेड के पदाधिकारी, संयुक्त विपक्ष ने भी कमर कसी

शामलीः उत्तर प्रदेश में फूलपुर व गोरखपुर उपचुनाव के नतीजों से सहमी भाजपा ने कैराना लोकसभा सीट के उपचुनाव के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। वीरवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने शामली क्षेत्र में दो रैलियों को संबोधित किया। इससे पहले वे दो रैलियां सहारनपुर जिले में पडऩे वाली कैराना लोकसभा सीट की दो विधानसभाओं गंगोह व नकुड़ में भी कर चुके हैं। भाजपा वह गलती नहीं दोहराना चाहती जो गोरखपुर व फूलपुर में उससे हुई थी।

भाजपा ने अपनी पूरी संगठनात्मक ताकत कैराना लोकसभा सीट पर केंद्रित कर दी है। लगभग एक दर्जन विधायक आसपास के जिलों से यहां बुला लिए गए हैं और प्रचार में लगाए गए हैं। जो भी सैक्टर प्रभारी बनाए गए हैं उन्हें रात दिन क्षेत्र में रहने के लिए कहा गया है। मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ भाजपा नेता राजीव गर्ग, जिन्हें कैराना लोकसभा का संयोजक बनाया गया है, बताते हैं कि पार्टी अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ रही है। सभी सेक्टर प्रभारियों को 28 मई (मतदान दिवस) तक अपने ही क्षेत्रों में रुकने के लिए कहा गया है। सबकी ठहरने की व्यवस्था कर दी गई है और उन्हें बार-बार मतदाताओं से संपर्क करने के लिए कहा जा रहा है। भाजपा ने यहां से स्व. हुकुम सिंह (जिनके निधन के बाद यहां उपचुनाव हो रहा है) की बेटी मृगांका सिंह को प्रत्याशी बनाया है।
हसन परिवार में एकता कराते जयंत चौधरी। कंवर हसन ने दिया तबस्सुम को समर्थन. 

सपा नेता संयुक्त प्रत्याशी का प्रचार करते हुए । 

कैराना क्षेत्र में घर-घर बैठक करते भाजपा नेता। 
कैराना सीट पर पहली बार विपक्ष ने सही मायने में एकता दिखाई है। विपक्ष की संयुक्त प्रत्याशी तबस्सुम बेगम को, जो कैराना सीट से 2009 में बसपा की सांसद रह चुकी हैं, अजित सिंह की रालोद के बैनर पर उतारा गया है। उन्हें सपा, बसपा और कांग्रेस की भी सपोर्ट मिल रही है। रालोद का वेस्ट यूपी में अच्छा प्रभाव है और इसलिए रालोद के पूर्व सांसद जयंत चौधरी लगातार क्षेत्र में ही रहकर सक्रिय प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। सपा ने भी अपने कई नेताओं को भेजा है। इनमें प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम प्रमुख हैं। कांग्रेस की ओर से पूर्व विधायक पंकज मलिक व पूर्व सांसद हरेंद्र सिंह मलिक जाटों को लुभा रहे हैं। बसपा ने भी तबस्सुम के समर्थन में अपील की है। वहीं भाजपा ने जाटों को साधने के लिए मुजफ्फरनगर के जाट सांसद संजीव बालियान को लगाया है। उन्हें ताकीद किया गया है कि वे केवल जाटों के गांवों में ही संपर्क करें। उन्हें रैलियां नहीं बल्कि डोर टू डोर कैंपेन के लिए कहा गया है। इसी प्रकार जातीय समीकरणों को देखते हुए सभी को इसी प्रकार दायित्व सौंपे जा रहे हैं। ठाकुर बहुल इलाकों में यूपी के फायरब्रांड नेता व गन्ना मंत्री सुरेश राणा को लगाया गया है। पार्टी प्रभारियों की रिपोर्ट के आधार पर यह भी आकलन करेगी कि किस क्षेत्र में भाजपा को कितने वोट मिले।

हिंदू मुस्लिम समीकरण पर टिकी भाजपा 
संयुक्त प्रत्याशी तबस्सुम बेगम के खिलाफ उनके देवर कंवर हसन ने लोकदल (सुनील) के बैनर पर परचा भर दिया था। भाजपा को उम्मीद थी कि वे अपनी भाभी के मुस्लिम वोट काटेंगे लेकिन उन्होंने भी बेगम को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में भाजपा के सामने केवल हिंदू-मुस्लिम कार्ड ही चारा बचता है। यहां 5 लाख से भी ज्यादा मुस्लिम वोट हैं। जो चुनाव का पासा पलट सकते हैं। दलित वोटर खामोश हैं और भाजपा को यह खामोशी सता रही है। मायावती उपचुनाव लड़ती नहीं हैं और इसलिए प्रचार भी नहीं करती हैं लेकिन अखिलेश यादव का भी बेगम के प्रचार में ना आना कुछ लोगों को खल रहा है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि अगर अखिलेश ने सभा की तो उसमें सबसे ज्यादा मुस्लिम वोटर ही उमड़ेंगे। ऐसे में भाजपा को मतों का ध्रुवीकरण करने का मौका मिल जाएगा। और अखिलेश यह मौका नहीं देना चाहते हैं। विपक्ष का मानना है कि आंकड़े उसके समर्थन में हैं और सारी मेहनत भाजपा को करनी है।

100 hot deals
वोट प्रतिशत बढ़ाने पर जोर 
भाजपा को यह सीट निकालने के लिए वोट प्रतिशत पर ध्यान देना होगा। अगर 50-55 प्रतिशत से आगे मतदान जाता है तो ही भाजपा को फायदा हो सकता है नहीं तो नतीजा फूलपुर व गोरखपुर जैसा ही होगा। 2014 के चुनाव में स्व. हुकुम सिंह को जितने वोट मिले थे उतने उनके तीनों प्रमुख विपक्षी उम्मीदवारों को मिलाकर भी नहीं मिले थे और वे भारी अंतर से जीते थे। पर उपचुनाव में मतदाता उत्साहित नहीं होता और इससे भाजपा की दिक्कतें बढ़ जाती हैं।


जातिगत आंकड़े :
मुस्लिम 5.2 लाख
दलित 2.8 लाख
जाट 1.3 लाख
गुर्जुर 1.24 लाख
सैनी 1.15 लाख
ठाकुर 60 हजार
ब्राह्मण 65 हजार
वैश्य 65 हजार
अन्य 2 लाख

योगी की कैराना में रैली, पूरी कवरेज- वीडियो सहित

हमारा नारा सबकी सुरक्षा, सबका विकास का है, किसी के तुष्टीकरण का नहीं :योगी 
शामली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि हमारी सरकार का नारा 'सबकी सुरक्षा, सबका विकास' का है लेकिन किसी का तुष्टीकरण करना नहीं है। योगी ने कैराना लोकसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा नारा- सबकी सुरक्षा, सबका विकास है, लेकिन किसी का तुष्टीकरण करना नहीं है। उन्होंने पिछले एक साल में प्रदेश में अपराध में कमी आने का दावा करते हुए कहा कि इससे पहले 10-12 साल में राज्य में अपहरण, गुंडागर्दी, पलायन तथा संगठित अपराध एक उद्योग का रूप धारण कर चुका था। हमने उसकी कमर तोड़कर प्रदेशवासियों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है।  उन्होंने मृगांका के पिता और दिवंगत पूर्व सांसद हुकुम सिंह द्वारा समय-समय पर उठाये गये पलायन के मुद्दे का जिक्र किया और कहा कि अब कैराना से गुंडों और अपराधियों का पलायन हो रहा है।


योगी ने कहा, ''अब दोबारा इस क्षेत्र में गुंडागर्दी को सिर नहीं उठाने दिया जाएगा, चाहे कैराना और कांधला के बीच पीएसी का शिविर ही स्थापित क्यों न करना पड़े।" मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार किसानों समेत सभी वर्गों की बेहतरी के लिए काम कर रही है। कैराना में भाजपा प्रत्याशी मृगांका का मुकाबला रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन से है जो सपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद की संयुक्त उम्मीदवार हैं। इस गठजोड़ का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे, विकास विरोधी नेता अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ एक मंच पर आ गये हैं।
योगी के संबोधन का वीडियो यहां देखें---

Friday 18 May 2018

कंवर हसन बने तबस्सुम के लिए बड़ा खतरा

कैरानाः लोकसभा उपचुनाव में जहां एक और विरासत के लिए हुकुम सिंह व मुनव्वर हसन का परिवार आमने सामने हैं। वहीं हसन परिवार की एकता भी दांव पर लगी है। कैराना के सपा विधायक नाहिद हसन के चाचा यानी संयुक्त प्रत्याशी तबस्सुम बेगम के देवर कंवर हसन ने भी लोकदल (सुनील सिंह) के प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं। कंवर हसन ने 2014 में भी चुनाव लड़ा था और उन्होंने बसपा के बैनर पर 160414 वोट पाए थे। सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ रहे नाहिद हसन की हार में कंवर हसन के इन वोटों का भी बड़ा योगदान था। हुकुम सिंह जीत गए थे। अब फिर वहीं हालात बन रहे हैं। अगर कंवर हसन के वोट बढ़े तो तबस्सुम के लिए जीत कठिन होगी। भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह हिंदू व पिछडी़ जाति के अलावा दलित वोटों में भी सेंध लगा सकती हैं। तबस्सुम को केवल 5 लाख मुस्लिम मतों पर ही भरोसा है। अगर कंवर हसन ने कुछ वोट काट दिए तो तबस्सुम दिक्कत में पड़ सकती हैं। नामांकन की प्रक्रिया की एक दिन पहले नाहिद हसन ने चाचा कंवर हसन से गुजारिश की थी कि वे मैदान से हट जाएं। अगर उन्होंने ऐसा किया तो वे (नाहिद) विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे और उन्हें (कंवर हसन) विधानसभा चुनाव लड़वाने में सहयोग करेंगे। पर कंवर हसन नहीं माने (पढें संलग्न अमर उजाला अखबार की न्यूज) । कंवर हसन के मैदान में आने से भाजपा ने राहत की सांस ली है। कंवर हसन का कहना है कि जिस अजित सिंह के बैनर पर तबस्सुम बेगम चुनाव लड़ रही हैं। उसी के लोगों (जाटों ने) ने मुजफ्फरनगर दंगों के समय मुसलमानों की हत्याएं की थी। और वे उसी बैनर से चुनाव लड़ रही हैं ? अगर चुनाव के आगे बढ़ने तक कंवर हसन ने जोरदार प्रचार किया तो भाजपा की राह आसान हो सकती है।
देवर कंवर हसन से है तबस्सुम को खतरा। 



Saturday 12 May 2018

Following the Star #Cannes2018 : Aishwarya Rai








(for advt. mail - newswave.in@gmail.com )




Kairana ByPoll 2018 : घर का भेदी लंका ढाए, तबस्सुम परेशानी में

शामलीः कैराना लोकसभा के उपचुनाव में एक बार फिर हसन परिवार की घरेलू लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। विपक्ष की इकलौती उम्मीदवार पूर्व सांसद तबस्सुम बेगम को परेशान करने के लिए उनके देवर कंवर हसन ने लोकदल (सुनील सिंह वाली) प्रत्याशी के रूप में दावा ठोक दिया है।

कंवर हसन के अलावा मुनव्वर के दूसरे भाई अनवर हसन (2012 में) और अरशद हसन (2007 में) भी विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब कंवर हसन आ गए हैं। कंवर हसन अब तक हसन परिवार का स्टील फैक्ट्री का कारोबार ही संभालते रहे हैं। पूर्व सांसद मुनव्वर हसन जब तक जिंदा थे तब तक पूरा हसन परिवार उनके कहे अनुसार चलता था लेकिन उनकी 2008 में असामयिक हादसे में मौत के बाद सारा परिवार बिखर गया। बाद में मुनव्वर हसन के पिता पूर्व सांसद अख्तर हसन भी वृद्धावस्था के चलते चल बसे। इस तरह हसन परिवार को जोड़कर रखने वाला कोई नहीं रहा। मायावती ने मुनव्वर की बेवा तबस्सुम को 2009 में लोकसभा का टिकट दे दिया और वे दिग्गज भाजपा नेता स्व. हुकुम सिंह (जो पहली बार लोकसभा चुनाव लडे थे) को हराकर सांसद बन गई। इसी के बाद से हसन परिवार में दो धड़े हो गए। मुनव्वर की पत्नी व बेटा नाहिद एक तरफ और उनके दूसरे भाई एक तरफ।
मृगांका पर बाबू हुकुम सिंह की विरासत बचाने का दबाव है। 
तबस्सुम ने पांच साल तक सांसद रहने के बाद अपनी राजनीतिक विरासत बेटे नाहिद हसन को सौंपने का फैसला किया। नाहिद उस समय आस्ट्रेलिया में पढ़ रहे थे और बहुत छोटे थे। नाहिद वापस लौटे और उन्होंने मां की बात मानकर कैराना सीट से ही सपा के टिकट पर 2014 का लोकसभा चुनाव लडा। मोदी लहर में हुकुम सिंह ने बड़ी जीत हासिल की। उन्हें 565909 वोट मिले और नाहिद को 329081 वोट मिले। नाहिद को जीत नहीं मिली लेकिन राजनीति की एबीसी सीख गए।

हुकुम सिंह के सांसद बन जाने के बाद कैराना विधानसभा सीट का अक्टूबर 2014 में उपचुनाव हुआ और इसमें नाहिद हसन हुकुम सिंह के भतीजे अनिल चौहान को हराकर विधायक बन गए। इससे मुनव्वर हसन के दूसरे भाइयों में बेचैनी बढ़ी और उन्होंने राजनीति में सक्रियता बढ़ाने का फैसला किया। परिवारों में आपसी झगड़े होते ही रहते हैं और इस परिवार में भी थे। इससे पहले 2012 में मुनव्वर के एक और भाई अनवर हसन (60750) ने भी बसपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था और हुकुम सिंह (80293) से लगभग 20 हजार मतों से हारे थे। नाहिद उस समय विदेश में थे। मुनव्वर के भाइयों को लगा कि वे राजनीति में आगे आ सकते हैं। शायद यही वजह है कि अब कंवर हसन भी राजनीति में आए हैं।

कैराना लोकसभा उपचुनाव 2018 में भाजपा की प्रत्याशी स्व. हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह की जीत मुश्किल लग रही है। सारा विपक्ष एक हो गया है और पूर्व बसपा सांसद तबस्सुम को सपा, रालोद व कांग्रेस आदि का समर्थन मिल रहा है। ऐसे में उनकी जीत साफ नजर आ रही थी लेकिन एक और मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में आता है तो खेल बिगड़ सकता है। लगभग 5 लाख मुस्लिम वोटरों वाले इस लोकसभा क्षेत्र में दो मुस्लिम प्रत्याशी तो होते ही थे। इससे भाजपा को भी राहत मिलेगी। सुनील सिंह की लोकदल की इस क्षेत्र में ज्यादा पहचान नहीं है लेकिन फिर भी ‘मनीगेम’ में वह हलचल कर सकते हैं। सुनील सिंह राजनीतिक परिवार से आते हैं और लखनऊ में उनके कई बड़े शैक्षणिक संस्थान हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि भाजपा ने कंवर हसन को अंदरूनी तौर पर सपोर्ट करने का फैसला किया है लेकिन ये सब राजनीति की बाते हैं।


 पिछले विधानसभा चुनाव में जब नाहिद हसन (98830) ने मृगांका (77668) को हराया था तो हुकुम सिंह के भतीजे अनिल (19992) ने रालोद के टिकट पर लड़कर ‘घर का भेदी लंका ढाए’ की भूमिका निभाई थी। अब यही काम कंवर हसन कर सकते हैं। वे जितने भी वोट काटेंगे सभी तबस्सुम के खाते से जाएंगे। देखते हैं 28 मई को चुनाव है और 31 को नतीजा आएगा। तब सब साफ हो जाएगा।

(for advt. mail newswave.in@gmail.com )