हर हाल में जाट आरक्षण को लागू करवा कर रहेंगे: संजीव बालियान
नई दिल्ली: जाटों द्वारा आरक्षण आंदोलन फिर से शुरू करने का फैसला लिए जाने की पृष्ठभूमि में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा करने के लिए आज भाजपा प्रमुख अमित शाह से भेंट की और कहा कि उनकी सरकार शांति भंग करने को अनुमति नहीं देगी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले (मुजफ्फरनगर सांसद) जाट नेता और केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान को पार्टी ने इस मामले में समुदाय के नेताओं से बातचीत करने की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जाट कोटा वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और मुकदमे को पूरी मजबूती से लड़ेगी। गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने जाट आरक्षण पर रोक लगा दी है। शाह के साथ बैठक में खट्टर के अलावा बालियान और पार्टी महासचिव तथा हरियाणा प्रभारी अनिल जैन भी मौजूद थे।
इस साल फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में कम से कम 30 लोग मारे गए थे और सैकड़ों करोड़ रूपए मूल्य की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।
बालियान का कहना है कि सरकार आरक्षण देने को तैयार है लेकिन अदालत के आदेश ने उसे रोक रखा है। उन्होंने कहा कि हम प्रत्येक प्रयास कर रहे हैं। हम सबसे अच्छे वकीलों को चुनेंगे ताकि आरक्षण बहाली सुनिश्चित हो सके। दूसरी ओर हरियाणा में 5 जून से दोबारा शुरू हो रहे जाट आरक्षण आंदोलन को लेकर हरियाणा सरकार, भारतीय जनता पार्टी और खुद केंद्र की मोदी सरकार सतर्क हो गई है। हाईकमान ने हरियाणा सरकार को कहा है कि चाहे जैसे भी हो इस मसले को हल किया जाना चाहिए।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले (मुजफ्फरनगर सांसद) जाट नेता और केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान को पार्टी ने इस मामले में समुदाय के नेताओं से बातचीत करने की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जाट कोटा वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और मुकदमे को पूरी मजबूती से लड़ेगी। गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने जाट आरक्षण पर रोक लगा दी है। शाह के साथ बैठक में खट्टर के अलावा बालियान और पार्टी महासचिव तथा हरियाणा प्रभारी अनिल जैन भी मौजूद थे।
इस साल फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में कम से कम 30 लोग मारे गए थे और सैकड़ों करोड़ रूपए मूल्य की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।
बालियान का कहना है कि सरकार आरक्षण देने को तैयार है लेकिन अदालत के आदेश ने उसे रोक रखा है। उन्होंने कहा कि हम प्रत्येक प्रयास कर रहे हैं। हम सबसे अच्छे वकीलों को चुनेंगे ताकि आरक्षण बहाली सुनिश्चित हो सके। दूसरी ओर हरियाणा में 5 जून से दोबारा शुरू हो रहे जाट आरक्षण आंदोलन को लेकर हरियाणा सरकार, भारतीय जनता पार्टी और खुद केंद्र की मोदी सरकार सतर्क हो गई है। हाईकमान ने हरियाणा सरकार को कहा है कि चाहे जैसे भी हो इस मसले को हल किया जाना चाहिए।
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