नियामक ने कहा है कि विश्व भर में यू-ट्यूब पर हर एक सेकेंड में एक घंटे की अवधि का वीडियो अपलोड किया जाता है। इस रिपोर्ट के अनुसार, गूगल पर प्रतिदिन 10 लाख गीगा बाइट (जीबी) से अधिक डाटा की प्रोसेसिंग होती है जो दुनिया की सबसे बड़ी पुस्तकालय यूएस लाइब्रेरी ऑफ कांग्रेस में उपलब्ध सारे डाटा के सौ गुना से अधिक है।
संस्था ने बताया कि डाटा के प्रोसेसिंग और स्टोरेज के खर्च में लगातार कमी आने से इसका प्रयोग बढ़ गया है। उसके अनुसार, 1970 में जितना डाटा स्टोर करने के लिए डेढ़ लाख डॉलर का खर्च आता था, वह अब एक सेंट के खर्च में किया जा सकता है। हालांकि, नियामक ने इंटरनेट पर लोगों की बढ़ती निर्भरता के मद्देनजर व्यक्तिगत डाटा के सार्वजनिक होने के खतरों के प्रति आगाह करते हुये कहा है कि इंटरनेट के इस्तेमाल में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
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