महाराष्ट्र में केवल दो जेलों के अंदर ही फांसी देने का इंतजाम है। पुणे की यरवदा जेल के अलावा नागपुर की जेल में ही यह इंतजाम है। यदि याकूब को नागपुर जेल में फांसी दी जाती है तो यह 24वीं फांसी होगी। फांसी दिए जाने के बाद गृह मंत्रालय को इसकी जानकारी दी जाएगी और फिर कानूनी कार्रवाई के बाद अंतिम कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
मेमन को फांसी देने को लेकर नागपुर केंद्रीय कारागार में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। 30 जुलाई को 22 साल से जेल में बंद याकूब मेमन सात मिनट के अंदर फांसी के फंदे पर झूल जाएगा और उसकी कहानी खत्म हो जाएगी। नागपुर जेल के अंदर एक खुले परिसर में उसे फांसी दी जाएगी। ये परिसर चारों ओर से दीवारों से घिरी हुई है। फांसी वाले दिन याकूब को सजा पढ़कर सुनाई जाएगी। उसके सेल से महज कुछ कदम दूर होगा फांसी का फंदा और उसके सेल से फांसी के फंदे की दूरी महज 2 मिनट के करीब होगी।
याकूब को फांसी देने के लिए फिलहाल तीन रस्सियों को बंदोबस्त किया गया है। इन्हीं में से एक रस्सी से याकूब को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा। इन रस्सियों को मजबूत बनाने के लिए इन्हें घी में डुबोकर रखा जाता है। लटकाने पर तकलीफ न हो इसलिए रस्सी पर केले का लेप लगाया जाता है। फांसी के दिन सुबह में याकूब को उसकी पसंद के मुताबिक धार्मिक पुस्तक पढ़ने के लिए दी जाएगी। किसी प्रोफेशनल जल्लाद की गैर मौजूदगी में फांसी देने का जिम्मा जेल के ही किसी पुलिस कर्मचारी को सौंपा जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, याकूब को फांसी देने के लिए जेल के तीन कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। फांसी दिए जाने के दिन ही रस्सी का चयन किया जाएगा।
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