अमृत योजना के तहत होगा निर्माण, 70 प्रतिशत भागीदारी राज्यों की
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक स्मार्ट सिटी बनेंगी। राज्य में कुल 13 स्मार्ट सिटी विकसित की जायेंगी। इसके बाद तमिलनाडु और महाराष्ट्र का नंबर आता है जहां क्रमश: 12 और 10 स्मार्ट सिटी बनाई जायेंगी। देश में शहरी विकास को गति देने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के फ्लैगशिप शहरी कार्यक्रमों को शुरू करने से पहले सरकार ने 100 स्मार्ट सिटी कार्यक्रम तथा कायाकल्प और शहरी रूपांतरण की अटल मिशन योजना (अमृत) के तहत प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में विकसित होने वाले शहरों की संख्या तय कर दी है।शहरी विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 13 शहर स्मार्ट सिटी बनेंगी। साथ ही राज्य के 54 शहरों को अमृत योजना के लिए चिन्हित किया गया है। तमिलनाडु के 33 शहरों को अमृत योजना के लिए जबकि महाराष्ट्र के 37 शहरों को इस योजना के लिए चिन्हित किया गया है। गुजरात और कर्नाटक में छह स्मार्ट सिटी विकसित की जायेंगी जबकि अमृत योजना के तहत क्रमश: 31 और 21 शहरों को चिन्हित किया गया है। दिल्ली को एक स्मार्ट सिटी और अमृत योजना के तहत एक शहर मिला है।
सरकार ने जो मानदंड तय किया है उसके अनुसार पश्चिम बंगाल और राजस्थान में चार-चार, बिहार, आंध्र प्रदेश और पंजाब में तीन-तीन, ओडिशा, हरियाणा, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में दो-दो तथा जम्मू कश्मीर, केरल, झारखंड, असम, हिमाचल, गोवा, अरूणाचल प्रदेश और चंडीगढ़ में एक-एक स्मार्ट सिटी विकसित की जायेंगी।
इसी तरह अमृत योजना के तहत आंध्र प्रदेश में 31, राजस्थान में 30, पश्चिम बंगाल में 28, बिहार में 27, ओडिशा और हरियाणा में 19, केरल में 18, पंजाब में 17, तेलंगाना में 15 और छत्तीसगढ़ में 10 शहरों को चिन्हित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 जून को 100 स्मार्ट सिटी तथा 500अमृत शहर और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरों की विकास की योजनाओं की शुरूआत करेंगे। स्मार्ट सिटी और अमृत योजना में देश के 12 राज्यों की 70 फीसदी हिस्सेदारी है। इन 12 में से आठ राज्यों में भाजपा या उसके सहयोगी दलों की सरकार है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार 496 में से 225 शहरों को अब तक चुन लिया गया है जबकि शेष शहरों को चुनने की प्रक्रिया जारी है।
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