बांग्लादेश के खिलाफ वन डे सीरीज में भी बाधा डाल सकती है बारिश
इसके पहले भारत-बांग्लादेश के बीच चल रहे पहले टेस्ट के दूसरे दिन का खेल बारिश की वजह से रद्द घोषित कर दिया गया है। विराट कोहली की अगुवाई में इस मैच में अभी तक भारतीय टीम ने पहले दिन बिना किसी विकेट के नुकसान पर 239 रन बना लिए हैं।
मौसम के मिजाज को देखते हुए यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि तीसरे दिन का भी खेल बारिश से प्रभावित होगा। इसके पहले बांग्लादेश के मौसम विभाग के डायरेक्टर मोहम्मद शाहआलम ने यह आशंका जताई थी कि टेस्ट मैच ही नहीं अपितु भारत और बांग्लादेश के बीच 18 जून से शुरू होने वाली एकदिवसीय मैचों की सीरीज पर भी बारिश के कारण खलल पड़ सकता है।
बांग्लादेश मौसम विभाग के अनुसार बांग्लादेश में चार महीने का मानसून 10 जून से प्रारंभ हो गया है, इसके पहले चार दिन अभी कम बारिश हुई है, लेकिन आने वाले दिनों में यहां पर तेज बारिश की संभावना है, ऐसे में टेस्ट मैच के साथ एकदिवसीय मैचों पर भी मौसम की मार पड़ सकती है।
विराट कोहली के लिये यह निराशाजनक हो सकता है क्योंकि वो पहली बार पूर्णकालिक तौर पर किसी टेसट मैच में भारत की अगुवाई कर रहें हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि पहली बार बांग्लादेश में जून में महीने में टेस्ट मैच का आयोजन किया जा रहा है।
बांग्लादेश में हुए 50 टेस्ट में से कोई भी जून, जुलाई, अगस्त या सितंबर में नहीं खेला गया है। भारत ने अभी तक सात मैच बांग्लादेश में खेले हैं, और ये मैच नवंबर (2000), दिसंबर (2004-05) और जनवरी (2010) महीने में खेले गए हैं।
भारतीय टीम का कोच बनने की ख्वाहिश नहीं : द्रविड़
उन्होंने कहा कि रवि और उसकी टीम भारत के लिये बेहतरीन काम कर रही है । मेरी भारतीय टीम का कोच बनने की कोई ख्वाहिश नहीं है । उन्होंने कहा कि भारत ए या अंडर 19 टीम का हिस्सा होना किसी भी खिलाड़ी के लिये महत्वपूर्ण चरण है । मैं खुश हूं कि मुझे यह काम सौंपा गया । अभी 2-3 श्रृंखलायें खेलनी है और मैं खिलाडिय़ों से अपने अनुभव बांटूंगा । द्रविड़ ने कहा कि आईपीएल टीम राजस्थान रायल्स के मेंटर रहने के अनुभव का उन्हें फायदा मिलेगा।
द्रविड़ ने कहा कि इतने साल खेलने के बाद दो साल से मेंटर की भूमिका निभाते हुए मैं प्रबंधन और कोचिंग के नजरिये से चीजों को देखने में सक्षम हुआ हूं । अनुभव के साथ निखार आता है और मुझे इसका इंतजार है। उन्होंने कहा कि भारत ए टीम के लिये खिलाड़ी चुनने का कोई तय मानदंड नहीं हो सकता और चयनकर्ताओं के जेहन में अलग अलग समय पर अलग लक्ष्य होते हैं ।
उन्होंने कहा कि यह चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन को तय करना है। कई बार वे युवा खिलाडिय़ों को चुनेंगे, कई बार टीम में वापसी की कोशिश में जुटे खिलाडिय़ों को चुनेंगे और कई बार भारत के भावी दौरों को ध्यान में रखकर चयन होगा । हर बार मानदंड अलग होगा । द्रविड़ ने कहा कि चयनकर्ताओं ने काफी घरेलू क्रिकेट देखी है । मेरा काम चुने हुए खिलाडिय़ों को कोचिंग देना है । मैं चयनकर्ता नहीं हूं । मैं उनके खेल में निखार की कोशिश करूंगा ।
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