भोपाल: मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के भारत रत्न सम्मान के खिलाफ याचिका दायर की गई है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में एक नागरिक वी के नसवाह की दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न सम्मान दिए जाने के बाद भी वे विज्ञापन फिल्मों में काम कर रहे हैं उनके व्ययवसायिक हित अभी भी जस के तस हैं। ये भारत रत्न का अपमान है। चीफ जस्टिस ए एम खानविलकर व के के त्रिवेदी ने इस पर सुनवाई करते हुए असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल को निर्देश दिए हैं कि वह सुप्रीम कोर्ट से भारत रत्न के संबंध में गाइडलाइंस मालूम करके एक सप्ताह के भीतर स्थिति साफ करें। याचिकाकर्ता का कहना है कि सचिन तेंदुलकर ने कई रिकार्ड बनाए हैं और वे एक मशहूर हस्ती हैं। इसके बदले वे विज्ञापनों में काम करते हैं। अब जबकि उन्हें भारत रत्न दे दिया गया है तो इसका लाभ वे भी अपने व्यवसायिक हितों के लिए भी ले रहे हैं। नसवाह ने याचिका में ये भी कहा है कि सचिन तेंदुलकर को नैतिकता के आधार पर खुद ही ये सम्मान लौटा देना चाहिए। बता दें, सचिन तेंदुलकर 12 ब्रांड का प्रचार करते हैं। सचिन ने 2013 में नवंबर माह में क्रिकेट से संन्यास लिया था और उसी दिन उन्हें ये सम्मान दिया गया था।
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