शामली जिले के भौंराकला गांव की रहने वाली है पूनम
मेरठः शादी के 12 साल बाद तीन-तीन बच्चों की परवरिश करते हुए आईएएस बन जाना कोई हंसी खेल नहीं है। वेस्ट यूपी के जिले शामली के भौंराकला गांव की रहने वाली पूनम शादी के समय केवल 10वीं पास थी। उसने 12वीं की, बीएससी की फिर गणित से एमएससी की और 2012 में सिविल सेवा की परीक्षा दी। इसमें उसने शानदार सफलता हासिल करके इतिहास रच दिया।पूनम की कहानी बेहद प्रेरणा दायक है। गाजियाबाद एसएसपी ऑफिस में तैनात सिपाही संदीप कुमार गांव एलम थाना कांधला जनपद शामली के रहने वाले हैं। दिसंबर 1999 में उनकी शादी भौराकलां शामली निवासी पूनम पुत्री केशोराम के साथ हुई। इसके बाद पूनम की 2 बेटियां हुईं। शादी के बाद पति की प्रेरणा से पूनम ने दोबारा पढ़ाई शुरू करने का फैसला किया। फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ्स के साथ उन्होंने 12वीं पास की। इसके बाद मेरठ की सीसीएस यूनीवर्सिटी से बीएससी की और एमएससी (गणित) की। पूनम ने गेट का भी इम्तहान दिया और पास भी हो गईं। इसके बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ा और फिर उन्होंने आईएएस की परीक्षा दी और पहली बार में सफल हो गईं।
34 साल की पूनम ने वर्ष 2012 की परीक्षा की एक्स मेरिट में 46वीं रैंक हासिल की है। पूनम के पति संदीप गाजियाबाद पुलिस में सिपाही हैं। संदीप ने भी मिसाल पेश की। पूनम ने 2012 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी। बीमारी के चलते वह कुछ जरूरी दस्तावेज जमा नहीं कर पाईं थीं, जिसकी वजह से उनका रिजल्ट रोक दिया गया था। दस्तावेज जमा करने के बाद परिणाम जारी और वे सफल रही। इस बीच पूनम एक बेटे की मां भी बनी है। दो बेटियां और एक बेटा। पूनम को तो जैसे सारा जहां मिल गया है।
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