दिल्ली की शारीरिक रूप से कमजोर इरा ने टॉप किया
नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के आज घोषित किए गए प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा के नतीजों में दिल्ली की शारीरिक रूप से निशक्त आईआरएस अधिकारी इरा सिंघल ने पहला स्थान हासिल किया और उनके साथ ही शीर्ष चार स्थानों पर महिलाओं का कब्जा रहा।
यूपीएससी द्वारा घोषित नतीजों के अनुसार 29 साल की इरा सिंघल ने सामान्य श्रेणी में पहला, केरल की रहने वाली रेणु राज ने दूसरा और दिल्ली की ही एक और भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी निधि गुप्ता ने तीसरा स्थान हासिल किया। दिल्ली की रहने वाली एक और महिला वंदना राव ने चौथा स्थान हासिल किया जबकि आईआरएस (आयकर कैडर) अधिकारी सुहर्ष भगत ने पांचवां स्थान हासिल किया।
यूपीएससी के अनुसार विभिन्न केंद्रीय सरकारी सेवाओं में नियुक्ति के लिए कुल 1,236 उम्मीदवारों की सिफारिश की गयी है जिनमें 590 सामान्य श्रेणी, 354 अन्य पिछड़ा वर्ग, 194 अनुसूचित जाति और 98 अनुसूचित जनजाति के हैं। इरा ने कहा कि मैं सच में बहुत खुश हूं। मुझे विश्वास नहीं हो रहा। मैंने बस परीक्षा की तैयारी की थी। मैं आईएएस अधिकारी बनना चाहती थी। मैं शारीरिक रूप से निशक्त लोगों के लिए कुछ करना चाहती हूं। अपने पहले ही प्रयास में परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल करने वाली रेणु राज ने तिरूवनंतपुरम से पीटीआई-भाषा से बात करते हुए कहा कि मैं नतीजे के बारे में जानकार बहुत खुश हूं। मैं पिछले एक साल से परीक्षा की तैयारी कर रही थी। केरल के कोल्लम जिले के एक अस्पताल में काम करने वाली रेणु कोट्टयम की रहने वाली हैं।
तीसरा स्थान हासिल करने वाली निधि ने कहा कि यह उनके लिए एक गर्व का पल है। वर्तमान में सहायक सीमा शुल्क एवं केंद्रीय आबकारी आयुक्त के तौर पर काम कर रही निधि ने कहा कि यह सच में एक गर्व का पल है। मैंने कड़ी मेहनत की और आखिरकार उसका फल मिला। चौथा स्थान हासिल करने वाली वंदना राव ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया। तीसरे प्रयास में सफल रहने वाली वंदना ने कहा कि मैंने लोगों को दो-दो बार फोन कर यह देखने के लिए कहा कि मैं परीक्षा में सफल रही या नहीं। यह एक खुशनुमा आश्चर्य है। यह सच में कड़ी मेहनत का नतीजा है।
बिहार के रहने वाले भगत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं। उनके डॉक्टर पिता फलेंद्र भगत ने बिहार के समस्तीपुर जिले से बात करते हुए कहा कि सुहर्ष का 2011 में भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा(आईएएएस) में चयन हुआ था। 2012 में उसने दोबारा परीक्षा दी और उसे भारतीय सूचना सेवा में जगह मिली।
पीएससी सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों - प्रारंभिक, मुख्य एवं साक्षात्कार - में संपन्न होती है । इस प्रतिष्ठित परीक्षा के जरिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित कई अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है। देश भर के 59 केंद्रों में 2,137 स्थानों पर पिछले साल 24 अगस्त को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी। करीब 9.45 लाख उम्मीदवारोंं ने इसके लिए आवेदन किया था पर करीब 4.51 लाख उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए।
अधिकारी ने बताया कि इनमें से 16,933 उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया गया था। मुख्य परीक्षा का आयोजन पिछले साल दिसंबर में किया गया था जिसमें 16,933 में से 16,286 उम्मीदवार ही शामिल हुए। उन्होंने बताया कि सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के नतीजे इस साल 13 मार्च को घोषित किए गए थे। 3,308 लोगों को साक्षात्कार में शामिल होने के योग्य घोषित किया गया। इनमें से 3,303 उम्मीदवार साक्षात्कार में शामिल हुए। साक्षात्कार का आयोजन 27 अप्रैल से 30 जून तक हुआ। अधिकारी ने कहा कि उम्मीदवारों और केंद्रों या उप केंद्रों की संख्या के लिहाज से यह यूपीएससी द्वारा आयोजित की गयी अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा थी।
यूपीएससी के अनुसार विभिन्न केंद्रीय सरकारी सेवाओं में नियुक्ति के लिए कुल 1,236 उम्मीदवारों की सिफारिश की गयी है जिनमें 590 सामान्य श्रेणी, 354 अन्य पिछड़ा वर्ग, 194 अनुसूचित जाति और 98 अनुसूचित जनजाति के हैं। इरा ने कहा कि मैं सच में बहुत खुश हूं। मुझे विश्वास नहीं हो रहा। मैंने बस परीक्षा की तैयारी की थी। मैं आईएएस अधिकारी बनना चाहती थी। मैं शारीरिक रूप से निशक्त लोगों के लिए कुछ करना चाहती हूं। अपने पहले ही प्रयास में परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल करने वाली रेणु राज ने तिरूवनंतपुरम से पीटीआई-भाषा से बात करते हुए कहा कि मैं नतीजे के बारे में जानकार बहुत खुश हूं। मैं पिछले एक साल से परीक्षा की तैयारी कर रही थी। केरल के कोल्लम जिले के एक अस्पताल में काम करने वाली रेणु कोट्टयम की रहने वाली हैं।
तीसरा स्थान हासिल करने वाली निधि ने कहा कि यह उनके लिए एक गर्व का पल है। वर्तमान में सहायक सीमा शुल्क एवं केंद्रीय आबकारी आयुक्त के तौर पर काम कर रही निधि ने कहा कि यह सच में एक गर्व का पल है। मैंने कड़ी मेहनत की और आखिरकार उसका फल मिला। चौथा स्थान हासिल करने वाली वंदना राव ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया। तीसरे प्रयास में सफल रहने वाली वंदना ने कहा कि मैंने लोगों को दो-दो बार फोन कर यह देखने के लिए कहा कि मैं परीक्षा में सफल रही या नहीं। यह एक खुशनुमा आश्चर्य है। यह सच में कड़ी मेहनत का नतीजा है।
बिहार के रहने वाले भगत भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके हैं। उनके डॉक्टर पिता फलेंद्र भगत ने बिहार के समस्तीपुर जिले से बात करते हुए कहा कि सुहर्ष का 2011 में भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा(आईएएएस) में चयन हुआ था। 2012 में उसने दोबारा परीक्षा दी और उसे भारतीय सूचना सेवा में जगह मिली।
किस तरह से होती है ये परीक्षा
यूपीएससी के अनुसार विभिन्न केंद्रीय सरकारी सेवाओं में नियुक्ति के लिए कुल 1,236 उम्मीदवारों की सिफारिश की गयी है जिनमें 590 सामान्य श्रेणी, 354 अन्य पिछड़ा वर्ग, 194 अनुसूचित जाति और 98 अनुसूचित जनजाति के हैं। सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से कुल 1,364 पद भरे जाएंगे। 254 अन्य उम्मीदवार प्रतीक्षा सूची में हैं।यूपीएससी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यूपीएएसी ने पहली बार व्यक्तित्व परीक्षण या साक्षात्कार के खत्म होने के चौथे दिन ही नतीजे घोषित कर दिए।पीएससी सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों - प्रारंभिक, मुख्य एवं साक्षात्कार - में संपन्न होती है । इस प्रतिष्ठित परीक्षा के जरिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित कई अन्य केंद्रीय सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है। देश भर के 59 केंद्रों में 2,137 स्थानों पर पिछले साल 24 अगस्त को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी। करीब 9.45 लाख उम्मीदवारोंं ने इसके लिए आवेदन किया था पर करीब 4.51 लाख उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए।
अधिकारी ने बताया कि इनमें से 16,933 उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया गया था। मुख्य परीक्षा का आयोजन पिछले साल दिसंबर में किया गया था जिसमें 16,933 में से 16,286 उम्मीदवार ही शामिल हुए। उन्होंने बताया कि सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के नतीजे इस साल 13 मार्च को घोषित किए गए थे। 3,308 लोगों को साक्षात्कार में शामिल होने के योग्य घोषित किया गया। इनमें से 3,303 उम्मीदवार साक्षात्कार में शामिल हुए। साक्षात्कार का आयोजन 27 अप्रैल से 30 जून तक हुआ। अधिकारी ने कहा कि उम्मीदवारों और केंद्रों या उप केंद्रों की संख्या के लिहाज से यह यूपीएससी द्वारा आयोजित की गयी अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा थी।
No comments:
Post a Comment