मुजफ्फरनगरः भारतीय जनता पार्टी ने यूपी में होने वाले विधानसभा के उपचुनावों के लिए टिकटों का ऐलान कर दिया है। मुजफ्फरनगर विधानसभा सीट से कपिल देव अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया गया है। कपिल इससे पहले 2002 में भी विधानसभा चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वे 2006 मे नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़े और जीते थे। 2012 के विधानसभा में चुनाव में कपिल ने टिकट के लिए पूरा जोर लगाया था लेकिन सिटिंग विधायक अशोक कंसल को टिकट हो गया था। कंसल को सपा के चितरंजन स्वरूप से हार का सामना करना पड़ा था।
कपिल देव विज्ञापन एजैंसी चलाते हैं और लंबे समय से इस कारोबार में हैं। उनके सामने पूर्व विधायक अशोक कंसल व भाजपा के जिला महामंत्री राजीव गर्ग टिकट के लिए टक्कर में थे लेकिन हाईकमान ने कपिल पर दांव खेला। कपिल के पक्ष में भाजपा में जोरदार लॉबिंग हो रही थी। चुनाव कमेटी में मौजूद रामलाल उनके खास माने जाते हैं इसके अलावा केंद्रीय मंत्री व मुजफ्फरनगर सांसद संजीव बालियान भी कपिल के पक्ष में बताए जा रहे थे। अंतिम समय में मुकाबला कपिल व राजीव में सिमट गया था लेकिन अपनी लॉबिंग और मजबूत आर्थिक स्थिति के कारण कपिल को मजबूत मानते हुए उन्हें टिकट दे दिया गया।
बता दें, पिछले साल बीमारी के कारण सपा विधायक चाचा चित्तो का निधन हो गया थी और मुजफ्फरनगर सीट खाली हो गई। अब यहां 13 फरवरी को उपचुनाव हो रहा है। सपा ने चित्तो के बेटे गौरव को पहले ही प्रत्याशी घोषित कर दिया था। बसपा उपचुनाव में मैदान में नहीं उतरती है लेकिन रालोद ने मिथलेश पाल को जरूर मैदान में उतार दिया है। भाजपा के लिए पाल का टिकट परेशानी बन सकता है। इसके अलावा देवबंद से रामपाल पुंडीर और बीकापुर से राम कृष्ण तिवारी को टिकट दिया गया है। यहां भी 13 को ही उपचुनाव हो रहा है।
बता दें, पिछले साल बीमारी के कारण सपा विधायक चाचा चित्तो का निधन हो गया थी और मुजफ्फरनगर सीट खाली हो गई। अब यहां 13 फरवरी को उपचुनाव हो रहा है। सपा ने चित्तो के बेटे गौरव को पहले ही प्रत्याशी घोषित कर दिया था। बसपा उपचुनाव में मैदान में नहीं उतरती है लेकिन रालोद ने मिथलेश पाल को जरूर मैदान में उतार दिया है। भाजपा के लिए पाल का टिकट परेशानी बन सकता है। इसके अलावा देवबंद से रामपाल पुंडीर और बीकापुर से राम कृष्ण तिवारी को टिकट दिया गया है। यहां भी 13 को ही उपचुनाव हो रहा है।
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