नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में राजनीतिक भूचाल की स्थिति है। केंद्र सरकार
से हर मामले में टक्कर लेने के लिए बेताब आम आदमी पार्टी सरकार ने अपने मंत्री की
गिरफ्तारी के बाद अब एसीबी को पदभार ग्रहण कराने से इनकार कर दिया है। दिल्ली में
आम आदमी पार्टी की सरकार ने अस्तित्व की लड़ाई जोर-शोर से लड़ने के तेवर दिखा दिए
हैं। दिल्ली में घटित हो रहे राजनीति घटनाक्रम पर विस्तृत रिपोर्टः-
धोखाधड़ी, जालसाजी के आरोपों के तहत दिल्ली के कानून मंत्री गिरफ्तार
दिल्ली के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को धोखाधड़ी और जालसाजी से
कानून की डिग्री हासिल के आरोपों के तहत आज गिरफ्तार कर लिया गया। इस गिरफ्तारी के
तत्काल बाद सत्तारूढ आप ने केंद्र पर जोरदार हमला बोलते हुए इसे राजनीतिक प्रतिशोध
करार दिया। त्रिनगर से विधायक और पहली
बार मंत्री बने 49 वर्षीय तोमर को
ऐसे समय पर गिरफ्तार किया गया है जब शहर की सरकार में शक्तियों को लेकर आप सरकार
और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच पहले ही तनातनी चल रही है।
पुलिस ने आम आदमी पार्टी के नेता को उनके घर से गिरफ्तार किया। इसके बाद
उन्हें पूछताछ के लिए वसंत विहार पुलिस थाना ले जाया गया। तोमर का दावा है कि
उन्होंने बिहार के एक विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त की है जबकि दूसरे पक्ष का
आरोप है कि यह डिग्री फर्जी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उन्हें कथित फर्जी
डिग्री मामले में गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ कल रात हौज खास पुलिस थाने में
इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
तोमर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी, धोखाधड़ी के मकसद से जालसाजी और आपराधिक षडय़ंत्र के आरोप लगाए गए हैं।
पुलिस का एक दल अदालत के आदेश पर इन आरोपों की जांच करने के लिए बिहार गया था कि
उन्होंने फर्जी डिग्री का इस्तेमाल किया है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने गिरफ्तारी संबंधी प्रश्नों का उत्तर
देने से इनकार कर दिया। बस्सी ने कहा, मैं बैठक में था और मैं
टिप्पणी करने से पूर्व उनकी गिरफ्तारी संबंधी विस्तृत जानकारी प्राप्त करूंगा।
गिरफ्तारी के तत्काल बाद आप नेताओं ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए दावा किया कि
यह विधिवत निर्वाचित विधायक और एक मंत्री के खिलाफ अवैध एवं असंवैधानिक कदम है।
आप नेता संजय सिंह ने केंद्र पर दिल्ली सरकार के खिलाफ दबाव के हथकंडे अपनाने का आरोप लगाया। सिंह ने कहा, संबंधित विश्वविद्यालय ने
अदालत में अपना जवाब दायर कर दिया है। उसने यह बयान भी दर्ज किया है कि डिग्री सही
है। तो फिर उन्हें गिरफ्तार क्यों किया गया? उन्होंने कहा, उपराज्यपाल, दिल्ली पुलिस आयुक्त और मोदी सरकार इस प्रकार के हथकंडे अपनाकर हमें डराने
की कोशिश कर रही है। लेकिन हम डरने वाले नहीं है। भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जंग
जारी रहेगी। आप की दिल्ली इकाई के संयोजक आशुतोष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी के इशारे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय में गिरफ्तारी की यह साजिश रची गई।
पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और कांग्रेस के नेता वीरप्पा मोइली ने कहा कि
यह अजीब है कि कानून मंत्री को धोखाधड़ी के आरोपों के तहत गिरफ्तारी का सामना करना
पड़ा। उन्होंने कहा, कानून को अपना काम करना
चाहिए।
मोदी सरकार आपातकाल जैसी स्थिति पैदा कर रही है : आप सरकार
दिल्ली के कानून मंत्री की गिरफ्तारी पर करारा प्रहार करते हुए आप सरकार
ने आज केंद्र पर आरोप लगाया कि शहर में भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई खासकर सीएनजी
फिटनेस घोटाले की जांच फिर से खोले जाने के कारण वह अपने तानाशाही कृत्यों से
आपातकाल जैसी स्थिति पैदा कर रही है।
कथित फर्जी डिग्री मामले में कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की
गिरफ्तारी को पूरी तरह असंवैधानिक करार देते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने
कहा कि यह मोदी सरकार द्वारा आप को सबक सिखाने की एक कोशिश है और उन्होंने जोर
देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार में शामिल किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा। सिसोदिया ने
कहा, तानाशाही के जरिए दिल्ली
में आपातकाल जैसी स्थिति पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है क्योंकि हमने
भ्रष्टाचार में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की है।
पुलिस पर तोमर से माफिया जैसा बर्ताव करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा
कि पुलिस ने उन्हें थाने लाने से पहले बिना कोई कारण बताए जबर्दस्ती एक कार में
बिठा लिया और उनका वाहन जब्त कर लिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, तोमर को गिरफ्तार किया गया जैसे कि वह कोई
माफिया हों। क्या वह भाग रहे थे। क्या उन्होंने कोई बम लगाया था। ऐसी क्या आपात
स्थिति थी खासकर तब जब एक घोटाले की जांच फिर से खोली जा रही है। उनकी गिरफ्तारी
के पीछे एक गहरा कारण है।
सिसोदिया ने कहा, आपातकाल
जैसी स्थिति पैदा कर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के नये प्रमुख का पद सृजित
करने का अवैध प्रयास किया गया। वे ऐसी स्थिति पैदा कर रहे हैं ताकि एसीबी को अपने
क्षेत्राधिकार में ले आएं। उन्होंने कहा, यह आप को सबक सिखाने की कोशिश है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के रास्ते
में जो कोई भी आएगा, हम
उसे नहीं बख्शेंगे। उनका कॉलेज हलफनामा स्पष्ट रूप से कहता है कि उन्होंने अपनी
कानून डिग्री पास कर ली है। आप के नेता आशुतोष ने कहा कि यह गिरफ्तारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शह पर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा रची गयी साजिश
है।
आप सरकार का मीना को एसीबी प्रमुख का पद ग्रहण करने देने से इनकार
उपराज्यपाल के साथ अपने तीखे टकराव के बीच आप सरकार ने आज संयुक्त पुलिस
आयुक्त एम के मीना को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) के प्रमुख का पदभार ग्रहण
करने देने से मना दिया जिन्हें उपराज्यपाल ने इस पद पर नियुक्त किया है। दिल्ली
सरकार ने मीना को सूचित किया कि वह एसीबी से नहीं जुड़ सकते क्योंकि इस जांच
एजेंसी में अनुमोदित संयुक्त आयुक्त का पद नहीं है जबकि इन अधिकारी ने कहा कि वह
उपराज्यपाल के आदेश का पालन करेंगे।
मीना को प्रभार ग्रहण नहीं करने देने का आप सरकार का फैसला ऐसे वक्त आया
है जब दिल्ली पुलिस ने कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को धोखाधड़ी एवं
फर्जीवाड़े के आरोपों में गिरफ्तार किया है। उपराज्यपाल नजीब जंग ने कल दिल्ली
पुलिस के संयुक्त आयुक्त मीना को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा का प्रमुख नियुक्त किया
था जबकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस पद के लिए एस एस यादव को चुना था।
पहले अतिरिक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी एसीबी के प्रमुख हुआ करते थे लेकिन
उपराज्यपाल ने कल इस जांच एजेंसी के प्रमुख का दर्जा अतिरिक्त आयुक्त से बढ़ाकर
संयुक्त आयुक्त कर दिया। मीना फिलहाल नयी दिल्ली क्षेत्र के संयुक्त पुलिस आयुक्त
के रूप में काम कर रहे हैं और उपराज्यपाल के आदेश में कहा गया है कि वह एसीबी का
अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे।
अरविंद केजरीवाल सरकार ने मीना को नियुक्त करने के उपराज्यपाल के कदम की
आलोचना की है। आप सरकार और जंग पिछले महीने दिल्ली के कार्यवाहक मुख्य सचिव की
नियुक्ति को लेकर भिड़ गए थे और उनके बीच सत्तासंघर्ष छिड़ गया था।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कल कहा था, संयुक्त आयुक्त के नये पद को सृजित करने और अपने अधिकारी नियुक्त करने के
पीछे की साजिश क्या है? कहीं
यह इस डर से हुआ है कि एसीबी सीएनजी फिटनेस घोटाले का जांच करेगी। उन्होंने आरोप
लगाया कि एसीबी की अगुवाई के लिए उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त अधिकारी ने उन्हें
फंसाने के लिए अप्रैल में जंतर मंतर पर एक रैली में एक किसान की आत्महत्या को
हत्या बताने की कोशिश की थी।
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