मोदी ने डिजिटल इंडिया सप्ताह का उद्घाटन करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से निपटने, पारदर्शी और प्रभावी शासन उपलब्ध कराने तथा गरीब-अमीर के बीच खाई को पाटने के लिये यह जरूरी है। प्रधानमंत्री ने अपनी मंत्रिपरिषद के कई सहयोगियों तथा भारतीय उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों की मौजूदगी में मोबइल सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित राजकाज की सुविधा कायम किए जाने पर बल देते हुए कहा कि हमें ई-गवर्नेंस से एम-गवर्नेंस की ओर बढऩा है। एम-गवर्नेंस का मतलब मोदी शासन नहीं है। इसका मतलब मोबाइल-गवर्नेंस है। इस मौके पर कुछ वैश्विक कंपनियों के सीईओ भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि भारत के पास आईटी के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं और देश में इलेक्ट्रानिक वस्तुओं के विनिर्माण को प्रोत्साहित करने का वादा किया। उन्होंने इस संदर्भ में विशेष रूप से नई कंपनियों (स्टार्ट अप) का जिक्र किया। आयात के मामले में पेट्रोलियम उत्पादों के बाद इलेक्ट्रानिक वस्तुओं का स्थान है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आईटी क्षेत्र में भारत की बढत को रेखांकित करते हुए कहा कि रक्तहीन युद्ध का बादल दुनिया के ऊपर मंडरा रहा है। दुनिया इससे भयभीत है, भारत को इसमें बड़ी भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि क्या भारत इस बड़ी भूमिका को निभा सकता है? भारत के पास प्रतिभा है। क्या भारत नवप्रवर्तन तथा भरोसेमंद समाधान उपलब्ध कराकर दुनिया को ढाल उपलब्ध करा सकता है? हमारे पास इस प्रकार का विश्वास क्यों नहीं होना चाहिए? हमें इस चुनौती को स्वीकार करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पूरी मानवता शांति से रहे।
साइबर सुरक्षा के खतरे के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा कि 10वीं या 12वीं पास कोई व्यक्ति हजारों मील दूर बैठकर बस एक माउस क्लिक कर आपके बैंक खाते को साफ कर सकता है। इस खतरे का समाधान निकालना ही होगा। उन्होंने रेखांकित किया कि जब दुनिया औद्योगिक क्रांति से गुजर रही थी, भारत पीछे रह गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका सपना ऐसे डिजिटल इंडिया है जहां सरकारी सेवाएं मोबाइल पर नागरिकों के लिये आसानी से उपलब्ध हों।
मोदी ने कहा कि मेरा डिजिटल इंडिया का सपना है जहां सरकार सक्रियता से सोशल मीडिया के जरिये लोगों से जुड़े। मेरा डिजिटल इंडिया का सपना है जहां साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा का अभिन्न हिस्सा बने। उन्होंने वहां मौजूदा श्रोताओं को मार्टिन लुथर किंग के ऐतिहासिक भाषण की याद दिलायी। आईटी के लाभ का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से निपटने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने कोयला ब्लाकों की नीलामी में बड़ी भूमिका निभाई। कई कोयला ब्लाकों की नीलामी हुई लेकिन सरकार के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगा क्योंकि यह सब पारदर्शी तरीके से किया गया।
कार्यक्रम में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, एडीएजी के चेयरमैन अनिल अंबानी, भारती इंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील मित्तल, टाटा समूह के चेयरमैन साइरस मिस्त्री, आदित्य बिड़ला समूह के प्रमुख कुमारमंगलम बिड़ला तथा विप्रो के अजीम प्रेमजी मौजूद थे। जिन वैश्विक कंपनियों के शीर्ष अधिकारी इसमें उपस्थित थे, उसमें यूरोपीय कंपनी एयरबस के रक्षा एवं अंतरिक्ष इकाई के सीईओ बर्नहार्ड गेरवेर्ट, ताइवानी कंपनी डेल्टा इलेक्ट्रानिक्स के सीईओ पिंग चांग शामिल हैं। इस मौके पर उद्योगपतियों ने डिजिटल क्षेत्र में निवेश के बारे में मंशा जाहिर की। इस बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि 4.5 लाख करोड़ रपये से अधिक राशि निवेश होगी तथा 18 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी ने पांच साल में 2.5 लाख करोड़ रपये के निवेश की घोषणा की और कहा कि इससे पांच लाख रोजगार सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी सस्ता उपकरण बनाने के लिये उपकरण बनाने वाली कंपनियों के साथ काम कर रही हैं। कुमार मंगलम बिड़ला ने नेटवर्क शुरू करने तथा बुनियादी ढांचा एवं डिजिटल खंड में अगले पांच साल में सात अरब डालर के निवेश का वादा किया। सुनील मित्तल ने डिजिटल खंड में अगले पांच साल में एक लाख करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई जबकि अनिल अंबानी ने डिजिटल, क्लाउड एवं दूरसंचार खंड में अगले कुछ साल में 10,000 करोड़ रपये के निवेश का वादा किया। डेल्टा के सीईओ ने 50 करोड़ डालर के निवेश का वादा किया।
No comments:
Post a Comment