नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने तीर्थ स्थल हरिद्वार और रिषिकेश में प्लास्टिक की थैली के इस्तेमाल पर आज पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया और गंगा को स्वच्छ रखने में उदासीन रवैया अपनाने के लिए प्राधिकरणों को फटकार लगाई। एनजीटी ने गंगा नदी के किनारे के दयनीय स्थिति पर नाखुशी जाहिर करते हुए इस मुद्दे पर सुस्त रवैया अपनाने के लिए प्राधिकरण को लताड़ लगाई। न्यायाधिकरण ने गंगा को प्रदूषणमुक्त रखने के लिए यह आदेश पारित किया। आदेश का उल्लंघन करने वालों को 5,000 रपये जुर्माना देना पड़ेगा।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने कहा, पूरे हरिद्वार और रिषिकेश में विशेषकर नदी के किनारे एवं गंगा के आसपास प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। प्लास्टिक का उपयोग किसी भी उद्देश्य के लिए नहीं किया जाएगा चाहे वह खाना खिलाने, सामान रखने ले जाने या चीजों को पैक करने के लिए हो। उन्होंने कहा, उस इलाके में किसी भी व्यक्ति को यदि प्लास्टिक लाते, उसका उपयोग करते पाया जाता है तो उस पर प्रति उल्लंघन 5,000 रपये जुर्माना लगाया जाएगा।
न्यायाधिकरण ने आदेश दिया कि हरिद्वार नगर निगम, पुलिस और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी गंगा के मैदानी इलाकों व घाटों पर नजर रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी भी तरह से वहां प्लास्टिक का उपयोग न हो। एनजीटी ने यह भी कहा कि कोई भी दुकानदार प्लास्टिक की थैली में सामान नहीं बेचेगा और निगम यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी तरह का कूड़ा कचरा या पशुओं की गंदगी किसी भी परिस्थिति में घाटों पर नहीं फेंकी जाएगी।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने कहा, पूरे हरिद्वार और रिषिकेश में विशेषकर नदी के किनारे एवं गंगा के आसपास प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। प्लास्टिक का उपयोग किसी भी उद्देश्य के लिए नहीं किया जाएगा चाहे वह खाना खिलाने, सामान रखने ले जाने या चीजों को पैक करने के लिए हो। उन्होंने कहा, उस इलाके में किसी भी व्यक्ति को यदि प्लास्टिक लाते, उसका उपयोग करते पाया जाता है तो उस पर प्रति उल्लंघन 5,000 रपये जुर्माना लगाया जाएगा।
न्यायाधिकरण ने आदेश दिया कि हरिद्वार नगर निगम, पुलिस और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी गंगा के मैदानी इलाकों व घाटों पर नजर रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसी भी तरह से वहां प्लास्टिक का उपयोग न हो। एनजीटी ने यह भी कहा कि कोई भी दुकानदार प्लास्टिक की थैली में सामान नहीं बेचेगा और निगम यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी तरह का कूड़ा कचरा या पशुओं की गंदगी किसी भी परिस्थिति में घाटों पर नहीं फेंकी जाएगी।
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