एससीओ में प्रवेश व रेल परियोजनाओं में रूस करेगा सहयोग
उफा: भारत और रूस के रिश्ते फिर से पुरानी गरमाहट की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं। बुधवार को पीएम मोदी व रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात के संकेत कुछ ऐसे ही हैं। रूस ने जहां भारत की महत्वाकांक्षी रेल परियोजनाओं में सहयोग करने मेें रूचि दिखाई वहीं एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) में भारत को प्रवेश दिलाने में भी सहयोग का वायदा किया।मोदी और पुतिन ने यहां ब्रिक्स और एससीओ शिखर सम्मेलनों से पहले अलग से मुलाकात की। पुतिन ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच सहयोग और आगे बढ़ाने का इरादा रखते हैं। भारत के एससीओ की सदस्यता हासिल करने को लेकर भी मोदी ने पुतिन का धन्यवाद किया। इस संबंध में प्रक्रिया अगले साल तक पूरी हो जाएगी। मोदी ने कहा कि छह सदस्यों के समूह के फैसले के बारे में सूचित करने के लिए रूस के राष्ट्रपति ने खुद उनसे बात की। पुतिन ने कहा कि एससीओ में भारत के प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो रही है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण घटना है।
भारत और रूस के बीच निकट संबंधों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक के लिए साल के अंत में फिर से रूस की यात्रा करेंगे। भारत की रेलवे परियोजनाओं में भी रूस भागीदारी कर सकता है। इन परियोजनाओं के लिए पैसा नवगठित ब्रिक्स नवविकास बैंक (एनडीबी) के जरिये मिलने की भी संभावना है। रूसी रेल के प्रमुख व्लादिमीर याकूनिन ने आज इस बारे में संकेत दिया। उन्होंने कहा कि भारत के साथ इस बारे में बातचीत जारी है। रूसी रेलवे फिलहाल भारत में कई परियोजनाओं में भागीदारी की संभावना पर बातचीत कर रहा है। विशेषरूप से रेल ढांचे के निर्माण व आधुनिकीकरण पर, जिससे ट्रेनों की रफ्तार को बढ़ाकर 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे किया जा सकेगा। इसके अलावा इसमें रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण भी शामिल है। भारत ने अपने रेलवे क्षेत्र के उन्नयन व आधुनिकीकरण का बड़ा काम हाथ में लिया है। इसके लिए 120 अरब डालर के निवेश की जरूरत होगी।
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