Tuesday, 7 July 2015

भारत और मध्य एशिया की इस्लामिक विरासत ने चरमपंथ को हमेशा अस्वीकारा : मोदी

उजबेकिस्तान की यात्रा के बाद कजाखस्तान यात्रा पर प्रधानमंत्री

अस्ताना: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि भारत और मध्य एशिया की इस्लामिक विरासत उच्चस्थ आदर्शों से परिभाषित हुई है और इसने चरमपंथी शक्तियों को हमेशा अस्वीकार किया है। उज्बेकिस्तान की यात्रा सम्पन्न करके आज कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना पहुंचे मोदी ने नजरबायेव विश्वविद्यालय में अपने संबोधन में कहा कि भारतीय और इस्लामिक सभ्यताओं का संगम मध्य एशिया में हुआ और दोनों ने एक दूसरे को न केवल आध्यात्मिक विचारों बल्कि औषधि, विज्ञान, गणित और खगोल विज्ञान में समृद्ध किया।
अपने संबोधन में उन्होंने मध्य एशियाई देशों के साथ रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि हम अस्थिरता का सामना कर रहे हैं। हम चरमपंथ और आतंकवाद के संकट के करीब रह रहे हैं। हमने आतंकवाद को राष्ट्रों और समूहों द्वारा पालते पोसते देखा है। आज हम यह भी देख रहे हैं कि साइबर स्पेस आतंकवादियों को भर्ती करने का बिना सरहदों वाला एक मंच बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लिहाजा इस यात्रा के दौरान हम न केवल अपने क्षेत्र में रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ायेंगे बल्कि अपने मूल्यों की ताकत और मानवता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के जरिए आतंकवाद से भी मुकाबला करेंगे।



अपनी यात्रा को प्राचीन संबंधों का नया अध्याय लिखे जाने के रूप में रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत और मध्य एशिया दोनों की इस्लामिक विरासत इस्लाम के उच्चस्थ आदर्शो-ज्ञान, करूणा, दया और कल्याण से परिभाषित हैं। यह विरासत पे्रम और समर्पण के सिद्धांत पर आधारित है। कजाखस्तान पहुंचने के तत्काल बाद मोदी ने अपने समकक्ष करीम मासिमोव के साथ महत्वपूर्ण द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी कल कजाख राष्ट्रपति के साथ समग्र वार्ता करेंगे। इसके बाद दोनों देशों के बीच उर्जा समेत कई समझौतों पर हस्ताक्षर किये जाने की संभावना है। नजरबायेव विश्वविद्यालय में आधे घंटे के संबोधन में मोदी ने क्षेत्रीय सम्पर्क, 21वीं शताब्दी के रेशम मार्ग और भारत एवं मध्य एशियाई देशों के बीच आर्थिक एकीकरण समेत कई महत्वपूर्ण विषयों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत और मध्य एशिया के समृद्ध रिश्ते भारतीय शहरों के दर ओ दीवार पर लिखे हैं और वहां की जीवन शैली में झलकते हैं। इन रिश्तों को वास्तुकला, कला, हस्तकला, वस्त्रों और कुछ बहुत ही लोकप्रिय व्यंजनों में देखा जा सकता है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि सूफी संगीत से गूंजती दिल्ली की दरगाहें सभी आस्थाओं के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए विश्व के एक साथ आने से पहले ही मध्य एशिया के शहर योग और हिन्दी के केंद्र बन चुके थे। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि भारत और मध्य एशिया के बीच के संबंध अपनी क्षमताओं के अनुरूप नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हमारे दिलों में एक दूसरे के लिए खास जगह है लेकिन हमने एक दूसरे को उतनी तवज्जो नहीं दी जितनी दी जानी चाहिए थी। यह बदलेगा। इसलिए मैं अपनी सरकार बनने की शुरूआत में ही इस क्षेत्र के पांच देशों की यात्रा पर निकला हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और मध्य एशिया एक दूसरे के बिना अपनी क्षमताओं को हासिल नहीं कर सकते। एक दूसरे के सहयोग के बिना हमारे लोग न तो सुरक्षित रहेंगे और न ही हमारे क्षेत्र में स्थिरता आयेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे वक्त में जबकि क्षेत्र संघर्ष और अस्थिरता से घिरा है, इन देशों ने समावेशी और बहुलवादी राष्ट्रों का निर्माण किया।
मोदी ने कहा कि संघर्षरत क्षेत्रों से लेकर दूरदराज के शांत पड़ोस तक आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती बन गया है जैसा पहले कभी नहीं था। अपने बदलते नामो, स्थानों और लक्ष्यों के चलते यह बड़ी और स्थायी चुनौती बन गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे में हमें अपने आप से पूछना चाहिए, क्या हम अपने युवाओं की एक पीढ़ी को बंदूकों और नफरत में गुम हो जाने दें। वे हमें अपने खोये भविष्य के लिए जिम्मेदार ठहरायेंगे।
कजाखस्तान को एक वैश्विक कद और सम्मान वाला राष्ट्र बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं है कि प्रकृति ने बहुत उदारता से हर तरह के संसाधनों से इसे नवाजा है, बल्कि इसलिए भी कि कजाखस्तान संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक जिम्मेदार और परिपक्व आवाज है।
2011-12 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की (अस्थायी) सदस्यता के प्रयास का कजाखस्तान द्वारा भरपूर समर्थन किये जाने को याद करते हुए उन्होंने आश्वासन दिया कि 2017-18 के लिए भारत इस मध्य एशियाई देश की ऐसी उम्मीदवारी के प्रयास का पूर्ण समर्थन करेगा। कारोबारी संबंधों पर मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में कारोबार में विस्तार हो रहा है लेकिन उसकी गति अभी भी कम है। भारतीय निवेश के जरिये कजाखस्तान में आज शुरू हुए पहले तेल कुएं की ड्रिलिंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उर्जा क्षेत्र में सहयोग शुरू हो चुका है।


एशिया द्वारा प्राचीन रेशम मार्ग को बहाल करने के प्रयासों का जिक्र करते हुए उन्होंंने साथ ही आगाह किया कि हमें इतिहास के सबक को नहीं भूलना चाहिए। प्रधानमंत्री ने भारतीय टीवी धारावाहिक और फिल्मों की लोकप्रियता का जिक्र किया और कहा कि भारत की तरह उज्बेक टीवी पर रामायण और महाभारत के धारावाहिक लोकप्रिय हैं। कई लोगों को बालीवुड फिल्मों का इंतजार होता है। मोदी ने यूरेशिया नेशनल यूनिवर्सिटी में आईसीटी पर भारत कजाखस्तान उत्कृष्टता केंद्र का शुभारंभ किया।

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