Tuesday, 7 July 2015

स्‍वच्‍छ भारत मिशन ने शहरी क्षेत्रों में रफ्तार पकड़ी

गुजरात, मध्‍य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, छत्‍तीसगढ़, महाराष्‍ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना सबसे आगे

नई दिल्लीः चालू वित्‍त वर्ष के प्रथम तीन महीनों के दौरान देश के शहरी क्षेत्रों में स्‍वच्‍छ भारत मिशन के क्रियान्‍वयन ने तेज रफ्तार पकड़ ली है। 30,41,097 व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों के निर्माण के लिए राज्‍यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से आवेदन प्राप्‍त हुए हैं, जबकि वर्ष 2019 तक इस तरह के एक करोड़ शौचालयों के निर्माण का लक्ष्‍य रखा गया है। इनमें से 13,64,814 शौचालयों को शहरी विकास मंत्रालय ने मंजूरी दी है। जहां तक 5 लाख से ज्‍यादा समुदाय एवं सार्वजनिक शौचालय सीटों के निर्माण का सवाल है, मंत्रालय ने 82,438 शौचालयों को मंजूरी दी है।
शहरी क्षेत्रों में स्‍वच्‍छ भारत मिशन के तहत अप्रैल-जून 2015 के दौरान 17411 समुदाय एवं सार्वजनिक शौचालय सीटों का निर्माण किया गया है, जबकि पिछले वित्‍त वर्ष की अक्‍टूबर-मार्च अवधि‍ के दौरान 1222 समुदाय एवं सार्वजनिक शौचालय सीटों का निर्माण हुआ था। इस अवधि‍ के दौरान 1,13,000 व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण किया गया, जबकि पिछले वित्‍त वर्ष के छह महीनों के दौरान 2.70 लाख व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण किया गया था।
पिछले साल अक्‍टूबर में स्‍वच्‍छ भारत मिशन के शुभारंभ से लेकर अब तक कुल मिलाकर 3.83 लाख व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों और 17,411 समुदाय एवं सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। जहां तक ठोस कचरे के प्रबंधन का सवाल है, सभी राज्‍यों/केंद्र शासित प्रदेशों में स्‍थि‍त कुल 78003 वार्डों में से 28908 वार्डों ने शत-प्रतिशत दरवाजों पर ठोस कचरे का संग्रहण किए जाने की जानकारी दी है। शहरी ठोस कचरे के तकरीबन 21 फीसदी का प्रसंस्‍करण फि‍लहाल किया जा रहा है, जबकि इस बारे में मार्च 2016 तक 44 फीसदी शहरी ठोस कचरे के प्रसंस्‍करण का लक्ष्‍य रखा गया है।
व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों के निर्माण के मामले में गुजरात अन्‍य राज्‍यों से काफी आगे है। गुजरात में 2,64,331 व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण किया गया है। इसके बाद मध्‍य प्रदेश का नंबर आता है, जहां 99151 व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण किया गया है। जून, 2015 के आखि‍र तक कुल मिलाकर जितने शौचालयों का निर्माण किया गया उनमें से 94 फीसदी का निर्माण इन्‍हीं दोनों राज्‍यों में हुआ है। इसके बाद क्रमश: आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और महाराष्‍ट्र का नंबर आता है।
समुदाय एवं सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के मामले में बढ़ि‍या प्रदर्शन करने वालों में दिल्‍ली सबसे आगे है। दिल्‍ली में 5776 समुदाय एवं सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया है। इसके बाद क्रमश: छत्‍तीसगढ़ (3570), महाराष्‍ट्र (2520), चंडीगढ़ (2424) और कर्नाटक (1680) का नंबर आता है। इस दौरान अब तक जितने समुदाय एवं सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया है उनमें से 86 फीसदी शौचालयों का निर्माण इन्‍हीं पांच राज्‍यों में किया गया है। ठोस कचरे के प्रबंधन के मामले में तमिलनाडु अन्‍य राज्‍यों से काफी आगे है। इसके बाद क्रमश: कर्नाटक, मध्‍य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और गुजरात का नंबर आता है।
कुल मिलाकर, शहरी क्षेत्रों में स्‍वच्‍छ भारत मिशन के क्रियान्‍वयन के मामले में गुजरात, मध्‍य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, छत्‍तीसगढ़, महाराष्‍ट्र, तमिलनाडु और तेलंगाना सबसे आगे चल रहे हैं।

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