2011 की जनगणना के आंकड़ों में हुआ खुलासा
साक्षरता में जैन समुदाय ने सबसे बाजी मारी
नई दिल्ली : देश में सिखों और जैनियों का लिंगानुपात सबसे खराब है जबकि 1,000 लड़कों पर 958 लड़कियों के साथ ईसाइयों का लिंगानुपात सबसे अच्छा है। 2011 की जनगणना के अनुसार सिख समुदाय में 1,000 लड़कों की तुलना में 0-6 उम्र वर्ग में 828 लड़कियां है। जैनियों में इस उम्र वर्र्ग में 1,000 लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या 889 है।
देश की कुल आबादी में बाल लिंगानुपात 1,000 लड़कों की तुलना में 918 लड़कियां हैं। दूसरे समुदायों में 1,000 लड़कों की तुलना में ईसाइयों में लड़कियों की संख्या 958, हिन्दुओं में 913, मुसलमानों में 943 और बौद्ध में 933 हैं। 2001 की जनगणना के अनुसार बाल लिंग अनुपात 1,000 लड़कों की तुलना में 925 हिन्दू लड़कियां, 950 मुसलमान लड़कियां, 964 ईसाई लड़कियां, 786 सिख लड़कियां, 942 बौद्ध लड़कियां और 870 बौद्ध लड़कियां हैं। 1,000 पुरूषों की तुलना में 2011 की जनगणना में कुल आबादी में 943 महिलाएं हैं। हिन्दुओं में यह संख्या 939, मुसलमानों में 951, ईसाइयों में 1,023, सिखों में 903, बौद्ध में 965 औैर जैनियों में 954 है। 2011 की जनगणना के अनुसार सिख समुदाय की आबादी 2,08,33,116 है जिसमें पुरूषों की आबादी 52.55 और महिलाओं की 47.4 प्रतिशत है। ईसाई समुदाय की 2,78,19,588 की आबादी में यह प्रतिशत क्रमश: 50.5 और 49.4 है।
हिन्दुओं की 96,62,57,353 की कुल आबादी में 51.5 प्रतिशत पुरूष आबादी और 48.4 प्रतिशत महिला आबादी है। मुसलमानों की 17,22,45,156 की आबादी में यह क्रमश: 51.2 और 48.7 है। बौद्धों की 84,42,972 की आबादी में यह प्रतिशत क्रमश: 50.8 और 49.11 है। जैनियों की 44,51,753 की आबादी में यह 51.1 और 48.8 प्रतिशत है। जैन समुदाय 2011 की जनगणना में सबसे साक्षर समुदाय बनकर उभरा जबकि उनके बाद क्रमश: ईसाई और बौद्ध आते हैं। विभिन्न धर्म समूहों की साक्षरता दर (सात साल से अधिक उम्र) क्रमश: 73.3 प्रतिशत (हिन्दु), 68.5 प्रतिशत (मुसलमान), 84.5 प्रतिशत (ईसाई), 75.4 प्रतिशत (सिख), 81.3 प्रतिशत (बौद्ध) और 94.9 प्रतिशत (जैन) है। कुल आबादी के संबंध में यह आंकड़ा 73.0 प्रतिशत है।
कुल आबादी के लिए कामकाज में हिस्सेदारी की दर 39.8 प्रतिशत है। धर्म समूहों की लिहाज से यह आंकड़ा क्रमश: 41.0 (हिन्दू), 32.6 (मुसलमान), 41.9 (ईसाई), 36.3 (सिख), 43.1 (बौद्ध) और 35.5 प्रतिशत (जैन) है।
देश की कुल आबादी में बाल लिंगानुपात 1,000 लड़कों की तुलना में 918 लड़कियां हैं। दूसरे समुदायों में 1,000 लड़कों की तुलना में ईसाइयों में लड़कियों की संख्या 958, हिन्दुओं में 913, मुसलमानों में 943 और बौद्ध में 933 हैं। 2001 की जनगणना के अनुसार बाल लिंग अनुपात 1,000 लड़कों की तुलना में 925 हिन्दू लड़कियां, 950 मुसलमान लड़कियां, 964 ईसाई लड़कियां, 786 सिख लड़कियां, 942 बौद्ध लड़कियां और 870 बौद्ध लड़कियां हैं। 1,000 पुरूषों की तुलना में 2011 की जनगणना में कुल आबादी में 943 महिलाएं हैं। हिन्दुओं में यह संख्या 939, मुसलमानों में 951, ईसाइयों में 1,023, सिखों में 903, बौद्ध में 965 औैर जैनियों में 954 है। 2011 की जनगणना के अनुसार सिख समुदाय की आबादी 2,08,33,116 है जिसमें पुरूषों की आबादी 52.55 और महिलाओं की 47.4 प्रतिशत है। ईसाई समुदाय की 2,78,19,588 की आबादी में यह प्रतिशत क्रमश: 50.5 और 49.4 है।
हिन्दुओं की 96,62,57,353 की कुल आबादी में 51.5 प्रतिशत पुरूष आबादी और 48.4 प्रतिशत महिला आबादी है। मुसलमानों की 17,22,45,156 की आबादी में यह क्रमश: 51.2 और 48.7 है। बौद्धों की 84,42,972 की आबादी में यह प्रतिशत क्रमश: 50.8 और 49.11 है। जैनियों की 44,51,753 की आबादी में यह 51.1 और 48.8 प्रतिशत है। जैन समुदाय 2011 की जनगणना में सबसे साक्षर समुदाय बनकर उभरा जबकि उनके बाद क्रमश: ईसाई और बौद्ध आते हैं। विभिन्न धर्म समूहों की साक्षरता दर (सात साल से अधिक उम्र) क्रमश: 73.3 प्रतिशत (हिन्दु), 68.5 प्रतिशत (मुसलमान), 84.5 प्रतिशत (ईसाई), 75.4 प्रतिशत (सिख), 81.3 प्रतिशत (बौद्ध) और 94.9 प्रतिशत (जैन) है। कुल आबादी के संबंध में यह आंकड़ा 73.0 प्रतिशत है।
कुल आबादी के लिए कामकाज में हिस्सेदारी की दर 39.8 प्रतिशत है। धर्म समूहों की लिहाज से यह आंकड़ा क्रमश: 41.0 (हिन्दू), 32.6 (मुसलमान), 41.9 (ईसाई), 36.3 (सिख), 43.1 (बौद्ध) और 35.5 प्रतिशत (जैन) है।