भाजपा ने लगाया साजिश का आरोप, बिहार सरकार बोली- अोवरलोडिंग हुई
पटना: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के तीन वरिष्ठ नेता करीब 40 मिनट तक यहां राजकीय अतिथिगृह की लिफ्ट में फंसे रहे जिसके बाद भाजपा और नीतीश कुमार सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गये और राज्य सरकार ने लिफ्ट में अधिक लोगों की मौजूदगी को घटना की वजह बताया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडे ने कहा कि कल रात करीब साढे ग्यारह बजे लिफ्ट दो मंजिलों के बीच फंस गई और इसका स्टील का दरवाजा भी जाम हो गया। उस समय कोई लिफ्ट ऑपरेटर या इस तरह की आपात स्थिति से निपटने में सक्षम कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था। लिफ्ट में फंसे हुए लोगों के मोबाइल भी रेंज से बाहर थे। यह घटना तब घटी जब शाह राज्य के प्रभारी भूपेन्द्र यादव, सचिव नागेन्द्र और महासचिव सौदान सिंह एवं कुछ सुरक्षाकर्मियों के साथ राजकीय गेस्ट हाउस में भूतल से पहली मंजिल पर जा रहे थे। अंतत: शाह समेत लिफ्ट में फंसे लोगों को सीआरपीएफ कर्मियों ने बचाया जो वहां जेड प्लस सुरक्षा कवर के तौर पर मौजूद थे। उन्होंने स्टील के दरवाजों को धक्का देकर अलग किया और तब शाह एवं अन्य नेताओं को बाहर निकाला। शाह आज सुबह नई दिल्ली रवाना हो गये।
घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता सी पी ठाकुर ने कहा कि इसमें साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। ठाकुर ने कहा कि प्रतिद्वंद्वी पूरे दिन भाजपा और उसके अध्यक्ष के खिलाफ बोलते रहे। घटना के पीछे साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। पांडे ने कहा कि यह राजकीय गेस्ट हाउस में सुविधाओं के लिए जिम्मेदार लोगों की ओर से कर्तव्य में लापरवाही है। यहां पर जेड प्लस श्रेणी सुरक्षा प्राप्त एक व्यक्ति के ठहरे हुए होने के बावजूद ऐसी आपात स्थिति से निपटने के लिए कोई मौजूद नहीं था।
हालांकि राज्य सरकार ने आरोप को खारिज कर दिया और घटना के लिए 'ओवरलोडिंगÓ यानी लिफ्ट में एक सीमा से अधिक लोगों के होने को वजह बताया। घटना के बाद सूचना और जनसंपर्क विभाग के सचिव प्रत्यय अमृत के साथ राजकीय अतिथिगृह का दौरा करने वाले प्रधान सचिव कैबिनेट समन्वय शिशिर सिन्हा ने कहा कि प्रथमदृष्टया घटना की वजह ओवरलोडिंग लगती है। सिन्हा ने कहा कि राजकीय अतिथिगृह में लिफ्ट बिल्कुल नई है जिसकी क्षमता 340 किलोग्राम है। शाह के साथ मौजूद लोगों के अनुसार लिफ्ट में उस समय पांच से अधिक लोग थे जिससे जाहिर होता है कि लिफ्ट पर स्वीकार्य सीमा से अधिक भार था। उन्होंने कहा कि सामान्य रूप से एक समय में चार लोग लिफ्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन मौजूदा मामले में सीमा से अधिक वजन था, जिसकी वजह से लिफ्ट मंजिल पर रकने से छह इंच पहले रक गयी। कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि राजकीय अतिथिगृह में लिफ्ट की देखरेख करने वाले भवन निर्माण विभाग ने अपने इंजीनियरों को भेज दिया है। शाह पटना में दैनिक जागरण समाचारपत्र की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पटना आए थे। वह राजकीय गेस्ट हाउस में ठहरे थे।
घटनाक्रम का जिक्र करते हुए पांडे ने कहा कि लिफ्ट के दरवाजे खोलने के सभी प्रयास विफल हो गए। लोग गेस्ट हाउस में भूतल एवं पहली मंजिल पर अंदर फंसे लोगों की स्थिति को लेकर चिंतित हो रहे थे। पांडे ने कहा कि कुछ भी नहीं हो पा रहा था और इस तरह से 40 मिनट गुजर गये। इसके बाद सीआरपीएफ से दरवाजे खोलने को कहा गया। उन्होंने ऐसा करके शाह एवं अन्य नेताओं को बाहर निकाला। उन्होंने नीतीश कुमार सरकार पर कुप्रबंधन का आरोप लगाया। पांडे ने कहा कि ऐसा लगता है कि मौजूदा सरकार में राज्य में पूरी व्यवस्था चरमरा गई है। यहां आईं केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने 'साजिशÓ की आशंका जताई और घटना की जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद भाजपा नेताओं के खिलाफ कुछ भी कर लें, वे कभी सफल नहीं होंगे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडे ने कहा कि कल रात करीब साढे ग्यारह बजे लिफ्ट दो मंजिलों के बीच फंस गई और इसका स्टील का दरवाजा भी जाम हो गया। उस समय कोई लिफ्ट ऑपरेटर या इस तरह की आपात स्थिति से निपटने में सक्षम कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था। लिफ्ट में फंसे हुए लोगों के मोबाइल भी रेंज से बाहर थे। यह घटना तब घटी जब शाह राज्य के प्रभारी भूपेन्द्र यादव, सचिव नागेन्द्र और महासचिव सौदान सिंह एवं कुछ सुरक्षाकर्मियों के साथ राजकीय गेस्ट हाउस में भूतल से पहली मंजिल पर जा रहे थे। अंतत: शाह समेत लिफ्ट में फंसे लोगों को सीआरपीएफ कर्मियों ने बचाया जो वहां जेड प्लस सुरक्षा कवर के तौर पर मौजूद थे। उन्होंने स्टील के दरवाजों को धक्का देकर अलग किया और तब शाह एवं अन्य नेताओं को बाहर निकाला। शाह आज सुबह नई दिल्ली रवाना हो गये।
घटना के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता सी पी ठाकुर ने कहा कि इसमें साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। ठाकुर ने कहा कि प्रतिद्वंद्वी पूरे दिन भाजपा और उसके अध्यक्ष के खिलाफ बोलते रहे। घटना के पीछे साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। पांडे ने कहा कि यह राजकीय गेस्ट हाउस में सुविधाओं के लिए जिम्मेदार लोगों की ओर से कर्तव्य में लापरवाही है। यहां पर जेड प्लस श्रेणी सुरक्षा प्राप्त एक व्यक्ति के ठहरे हुए होने के बावजूद ऐसी आपात स्थिति से निपटने के लिए कोई मौजूद नहीं था।
हालांकि राज्य सरकार ने आरोप को खारिज कर दिया और घटना के लिए 'ओवरलोडिंगÓ यानी लिफ्ट में एक सीमा से अधिक लोगों के होने को वजह बताया। घटना के बाद सूचना और जनसंपर्क विभाग के सचिव प्रत्यय अमृत के साथ राजकीय अतिथिगृह का दौरा करने वाले प्रधान सचिव कैबिनेट समन्वय शिशिर सिन्हा ने कहा कि प्रथमदृष्टया घटना की वजह ओवरलोडिंग लगती है। सिन्हा ने कहा कि राजकीय अतिथिगृह में लिफ्ट बिल्कुल नई है जिसकी क्षमता 340 किलोग्राम है। शाह के साथ मौजूद लोगों के अनुसार लिफ्ट में उस समय पांच से अधिक लोग थे जिससे जाहिर होता है कि लिफ्ट पर स्वीकार्य सीमा से अधिक भार था। उन्होंने कहा कि सामान्य रूप से एक समय में चार लोग लिफ्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन मौजूदा मामले में सीमा से अधिक वजन था, जिसकी वजह से लिफ्ट मंजिल पर रकने से छह इंच पहले रक गयी। कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि राजकीय अतिथिगृह में लिफ्ट की देखरेख करने वाले भवन निर्माण विभाग ने अपने इंजीनियरों को भेज दिया है। शाह पटना में दैनिक जागरण समाचारपत्र की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पटना आए थे। वह राजकीय गेस्ट हाउस में ठहरे थे।
घटनाक्रम का जिक्र करते हुए पांडे ने कहा कि लिफ्ट के दरवाजे खोलने के सभी प्रयास विफल हो गए। लोग गेस्ट हाउस में भूतल एवं पहली मंजिल पर अंदर फंसे लोगों की स्थिति को लेकर चिंतित हो रहे थे। पांडे ने कहा कि कुछ भी नहीं हो पा रहा था और इस तरह से 40 मिनट गुजर गये। इसके बाद सीआरपीएफ से दरवाजे खोलने को कहा गया। उन्होंने ऐसा करके शाह एवं अन्य नेताओं को बाहर निकाला। उन्होंने नीतीश कुमार सरकार पर कुप्रबंधन का आरोप लगाया। पांडे ने कहा कि ऐसा लगता है कि मौजूदा सरकार में राज्य में पूरी व्यवस्था चरमरा गई है। यहां आईं केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने 'साजिशÓ की आशंका जताई और घटना की जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद भाजपा नेताओं के खिलाफ कुछ भी कर लें, वे कभी सफल नहीं होंगे।
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