Sunday, 2 August 2015

मोदी सरकार करा रही है पोर्न साइट्स को बैन !

नई दिल्ली: भारत में पोर्न साइट्स पर लगे गोपनीय बैन ने इन फिल्मों के दीवानों को बेचैन कर दिया है। पिछले 24 घंटे में दर्जन भर से ज्यादा ऐसी साइटों को खोलने पर ब्लॉक कर दिए जाने का संदेश डिस्प्ले हो रहा है। शनिवार को तो लोगों ने समझा कि शायद कोई तकनीकी खराबी होगी और साइट बाद में खुल जाएगी लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी जब ऐसा नहीं हुआ तो समझ में आया कि इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स ने ही इन साइटों को यूआरएल ब्लॉक कर दिए हैं। किशोरवय के बच्चों के अभिभावकों ने इस फैसले को सराहा है तो इसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस भी शुरू हो गई है। रविवार को पोर्न बैन को लेकर ट्विटर पर ट्रेंड भी चला और इस पर लोगों ने अपने विचार जाहिर किए।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा था कि वह पोर्न साइट्स को बैन नहीं कर सकती क्योंकि कोई व्यक्ति अगर अपने घर में चारदिवारी के भीतर पोर्न फिल्म इंटरनेट पर देख रहा है तो उसे कैसे रोका जा सकता है। केंद्र सरकार भी शुरू से ही इंटरनेट पर फैल रहे पोर्न फिल्मों के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए विचार करने की बात कहती रही है लेकिन इस पर अधिकारिक रूप से कुछ नहीं हो पा रहा था। कुछ साल पहले पोर्न फिल्मों की भारतीय मूल की स्टार सनी लियोन के भारत आने के बाद से ये माना जाने लगा था कि पोर्न फिल्मों का प्रचार भारत में और ज्यादा हुआ है। इसे लेकर कुछ लोग विरोध भी करते रहे हैं। कुछ समय पहले सनी लियोन के खिलाफ महाराष्ट्र में एक मुकदमा भी दर्ज हुआ था। इसके लिए सनी लियोन को थाने में पेश होकर अपना पक्ष रखना पड़ा था। एक महिला ने सनी लियोन के खिलाफ ये कहते हुए मुकदमा दर्ज कराया था कि वह भारत में अश्लीलता तो बढ़ावा दे रही हैं।
तभी से इस मुद्दे पर बहस चल रही है कि क्या सरकार पोर्न साइट्स को बैन कर सकती है? तकनीकी लोगों का कहना है कि हालांकि दुनिया भर में हजारों पोर्न साइट्स हैं लेकिन फिर भी अगर सरकार चिह्नित करे तो उन्हें इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनियों के सहयोग से बैन किया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार, पोर्न हब डॉट काम, ब्रेजर्स डॉट काम, रेड ट्यूब डॉट काम व बैंगबोर्स डॉट काम जैसी बड़ी साइटों को आप अब खोल नहीं सकते हैं। वोडाफोन, एमटीएनएल और बीएसएनएल के माध्यम से इंटरनेट चलाने वालों को ब्लॉक का मैसेज मिल रहा है। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि एयरटेल, एमटीएस और तिकोना के माध्यम से नेट चलाने वालों के सामने ये समस्या कम आ रही है। दिल्ली में इंटरनेट ब्राडबैंड सेवाओं की बड़ी प्रदाता कंपनी स्पेक्ट्रानेट पर भी 13 में से 11 पोर्न साइट्स नहीं खुल रही हैं। हालांकि दो साइट सही खुल रही हैं। ट्विटर पर लोगों ने जमकर अपनी भड़ास निकाली है। लोगों का कहना है कि मैं क्या देखना चाहता हूं इसका हक मुझे होना चाहिए। कुछ लोगों ने तो इसे केंद्र सरकार की चाल बताया है और मोदी को भला बुरा भी सोशल मीडिया पर खूब कहा जा रहा है।



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