राज्यसभा में बोली विदेश मंत्री , हंगामा जारी रहा
कार्यवाही तीन बार बाधा के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित
नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उन्होंने आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज जारी करने के लिए ब्रिटिश सरकार से कोई अनुरोध नहीं किया था और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार एवं तथ्यहीन हैं। सुषमा ने राज्यसभा में यह टिप्पणी की। लेकिन कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण वह अपनी बात पूरी नहीं कर सकीं और उपसभापति पी जे कुरियन ने बैठक पहले दोपहर 12 बजे फिर 2 बजे और फिर तीन बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेस के सदस्य ललित मोदी और व्यापमं मामलों में जवाबदेही तय किए जाने और इस संदर्भ में विदेश मंत्री और राजस्थान तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। कुरियन ने कांग्रेस सदस्य आनंद शर्मा द्वारा नियम 267 के तहत दिए गए नोटिस का जिक्र करते हुए कहा कि जब तक चर्चा नहीं शुरू होगी, प्रधानमंत्री जवाब नहीं दे सकते। इस पर सदन के नेता और वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि सुषमा स्वराज एक बयान देंगी ताकि चर्चा शुरू हो सके।
सुषमा ने कहा कि वह पहले दिन से कह रही हैं कि वह अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ललित मोदी को मदद देने का आरोप निराधार और आधारहीन हैं। उन्होंने कहा, मैंने ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज जारी करने के लिए ब्रिटिश सरकार से कोई अनुरोध या सिफारिश नहीं की है। उनके बयान के बीच ही कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और आसन के समक्ष आ गए। हंगामे को देखते हुए कुरियन ने बैठक 11 बजकर 15 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दो बजे भी यही हाल रहा और तीन बजे भी जब बात नहीं बनी तो पूरे दिन के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
इससे पहले सुषमा ने हंगामे के बीच ही कहा कि वह दो हफ्तों से इस उम्मीद में रोजाना सदन में आ रही हैं कि वह इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दे सकेंगी। इसके पहले आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार के अहंकार के कारण सदन में गतिरोध बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सदन में उस समय तक सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो सकती जब तक कि जवाबदेही तय करने को लेकर प्रधानमंत्री जवाब नहीं देते। प्रधानमंत्री से जवाब की मांग करते हुए उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह गंभीर नहीं है। कुरियन ने कहा कि जब तक आप चर्चा शुरू नहीं करते, प्रधानमंत्री जवाब नहीं दे सकते। इसके बाद सुषमा ने अपना बयान दिया।
सुषमा ने कहा कि वह पहले दिन से कह रही हैं कि वह अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ललित मोदी को मदद देने का आरोप निराधार और आधारहीन हैं। उन्होंने कहा, मैंने ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज जारी करने के लिए ब्रिटिश सरकार से कोई अनुरोध या सिफारिश नहीं की है। उनके बयान के बीच ही कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और आसन के समक्ष आ गए। हंगामे को देखते हुए कुरियन ने बैठक 11 बजकर 15 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दो बजे भी यही हाल रहा और तीन बजे भी जब बात नहीं बनी तो पूरे दिन के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
इससे पहले सुषमा ने हंगामे के बीच ही कहा कि वह दो हफ्तों से इस उम्मीद में रोजाना सदन में आ रही हैं कि वह इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दे सकेंगी। इसके पहले आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार के अहंकार के कारण सदन में गतिरोध बना हुआ है। उन्होंने कहा कि सदन में उस समय तक सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो सकती जब तक कि जवाबदेही तय करने को लेकर प्रधानमंत्री जवाब नहीं देते। प्रधानमंत्री से जवाब की मांग करते हुए उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह गंभीर नहीं है। कुरियन ने कहा कि जब तक आप चर्चा शुरू नहीं करते, प्रधानमंत्री जवाब नहीं दे सकते। इसके बाद सुषमा ने अपना बयान दिया।
इसके पहले सपा के नरेश अग्रवाल ने सांसदों को रियायती खाने के मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग की। इस पर सरकार ने कहा कि वह इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। अग्रवाल ने आरोप लगाया कि समय समय पर रियायती खाने का मुद्दा उठाकर सांसदों की छवि खराब करने की साजिश की जा रही है। हालांकि कुरियन ने कहा कि इस पर चर्चा का कोई प्रस्ताव नहीं है, इसलिए इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने सदस्यों से इस पर चर्चा के लिए नोटिस देने को कहा।
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