Wednesday, 5 August 2015

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़, एक और कसाब पकड़ा गया

एक आतंकी को ढेर किया, बीएसएफ के दो जवान भी हुए शहीद 
12 दिन से भारत में घुसा हुआ था पकड़ा गया आतंकवादी
जम्मू: जम्मू-कश्मीर में बुधवार को बीएसएफ के काफिले पर हमला करने वाले दो आतंकियों में से एक को जिंदा पकड़ा गया है। एक को सुरक्षाकर्मियों ने ढेर कर दिया, जबकि दूसरे आतंकी को उन्हीं लोगों ने धर दबोचा जिन्हें आतंकियों ने बंधक बना रखा था। हुए इस हमले में बीएसएफ के दो जवान शहीद हो गए। फायरिंग चार घंटे से ज्यादा चली। 2008 में मुंबई हमले के दौरान अजमल आमिर कसाब के पकड़े जाने के सात साल बाद पहली बार कोई आतंकी जिंदा दबोचा गया है। पकड़े गए आतंकी ने अपना नाम कासिम खान उर्फ उस्मान बताया है। उसका कहना है कि वह पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहने वाला है। पकड़े जाने के बाद मीडिया ने उस्मान से कुछ सवाल पूछे। इसका एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में वह हंसता हुआ नजर आ रहा है। उस्मान ने कहा, 'तार काटकर जंगल के रास्ते यहां (भारत में) आया। मुझे काम के पैसे नहीं मिलते।' उस्मान ने बताया कि वह 12 दिनों से भारत में है। जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले और आतंकी के जिंदा पकड़े जाने की जानकारी एनएसए अजीत डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी है। सूत्रों के मुताबिक, इसी महीने पाकिस्तान के साथ होने वाली एनएसए लेवल की बातचीत में भारत की ओर से यह मामला उठाया जा सकता है।

पकड़ा गया कासिम 
बुधवार सुबह जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे से गुजर रहे बीएसएफ के काफिले को आतंकियों ने उधमपुर से 10 किलोमीटर दूर नरसू इलाके में निशाना बनाया। पहले से घात लगा कर बैठे आतंकियों ने पहले बस के टायर पर गोली मारी। जब तक बीएसएफ के जवान कुछ समझ पाते, उससे पहले आतंकियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों की ओर से ग्रेनेड भी फेंके गए। डीआईजी सुरेंद्र गुप्ता ने कहा, ''इलाके में ऑपरेशन पूरा हो चुका है। हमले में कितने आतंकी शामिल थे इस बात का पता लगाया जा रहा है।'' कहा जा रहा है कि जब जवानों ने दो आतंकियों को मार गिराया तो उसी दौरान बंधकों ने तीसरे आतंकी का हथियार छिन लिया। आम लोगों ने तुरंत इसकी जानकारी विलेज सिक्युरिटी कमेटी को दी और उसके बाद पुलिस और जवान पहुंचे।
बीएसएफ की बस पर हमले के बाद जैसे ही फायरिंग शुरू हुई आतंकी (कासिम उर्फ उस्मान) ने पांच लोगों को बंधक बना लिया। आतंकी सभी को गन प्वाइंट पर पैदल ही जंगल की तरफ ले कर चला गया। करीब पांच किलोमीटर दूर ले जाकर उसने सभी को चिरडी में एक टावर से बांध दिया। इसी दौरान जब आतंकी को पता चला कि उसके दोनों साथी मारे गए तो वह परेशान हो गया। पांचों में से तीन नागरिक किसी तरह खुद को छुड़ा कर भाग गए। दो बंधकों (जो जीजा-साले बताए जा रहे हैं) ने आतंकी की बंदूक के ट्रिगर में अंगुली फंसा ली और हथियार छिन लिया। तब तक जानकारी मिलने के बाद मौके पर विलेज सिक्युरिटी कमेटी और पुलिस वाले पहुंच गए थे।
मारा गया आतंकी 
पुलिस का कहना है कि आतंकियों के निशाने पर अमरनाथ जाने वाले श्रद्धालु थे। बताया जा रहा है कि बीएसएफ की बस के ठीक पीछे अमरनाथ यात्रियों का एक जत्था आने वाला था। इस हमले के चलते भगवती नगर से निकले अमरनाथ यात्रियों के जत्थे को उधमपुर में ही रोक दिया गया है। जम्मू-श्रीनगर हाईवे को दोनों तरफ से बंद कर दिया गया है। हालांकि, होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने कहा है कि इस हमले को अमरनाथ यात्रियों पर हमले से जोड़ कर न देखा जाए। सूत्रों का कहना है कि आतंकी एक ट्रक में कश्मीर की तरफ से आए थे। सबसे पहले आतंकियों को देखने वाले वीडीसी सदस्यों ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि आतंकी ट्रक में सवार होकर आए थे। समरोली इलाके में पहुंचने पर ट्रक से उतर गए और झाड़ियों में छिप गए थे। जैसे ही बीएसएफ की बस वहां पहुंचीं उन्होंने हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि ये पंजाब के गुरदासपुर में हमला करने वाले आतंकियों के साथ आए थे। ये सभी पुंछ के रास्ते भारत की सीमा में 6 दिन पहले आए थे। पकड़ा गया आतंकी खुद को पाकिस्तान के फैसलाबाद का बता रहा है।

बीएसएफ के एक जवान ने गोली लगने के बाद भी आतंकी को मार गिराया। जब आतंकियों ने बीएसएफ की बस पर हमला किया तो उस समय बस के अंदर तैनात गार्ड को गोली लगी। लेकिन गोली लगने के बाद भी उसने आतंकी के सिर में गोली मार दी। जिसमें आतंकी की मौके पर ही मौत हो गई। उधमपुर हाईवे पर मारे गए आतंकी के शव को लोगों ने पोस्टमॉर्टम नहीं करने दिया गया। पुलिस जब चिन्नैनी के हॉस्पिटल में शव लेकर पहुंचीं तो लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उसके बाद शव को उधमपुर के अस्पताल में ले जाया गया। लेकिन वहां पर भी लोगों ने प्रदर्शन किया। डिफेंस एक्सपर्ट यूएस राठौर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने हमले का पैटर्न बदल लिया है। उन्होंने कहा, ''पहले आतंकी पीछे से छिप कर हमला करते थे लेकिन अब आतंकी सीधे हमला कर रहे हैं। जैसे आतंकियों ने आज बीएसएफ को निशाना बनाया है उससे लगता है कि वे अब सीधे टक्कर के मूड में हैं। अटैक करने के अंदाज से लगता है कि किसी नए आतंकी ग्रुप ने घाटी में दस्तक दी है।''
जम्मू-कश्मीर में बीएसएफ के जवानों पर हमले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने कहा, ''लंबे समय बाद नेशनल हाईवे पर आतंकी हमला हुआ है। चिंता इसलिए भी बढ़ गई है, क्योंकि यह इलाका आतंकवाद से मुक्त था।''दो दशकों बाद आतंकियों ने नेशनल हाईवे पर किसी घटना को अंजाम दिया है। जम्मू में आतंकियों की पकड़ कमजोर होने के बाद यह इलाका पूरी तरह से आतंकवाद मुक्त हो गया था। खुफिया एजेंसियां इसी बात को लेकर चिंतित हैं कि आखिर आतंकी यहां कैसे पहुंचे। बता दें कि नब्बे के दशक में उधमपुर का यह इलाका आतंकियों के निशाना पर रहा है।



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