Thursday 25 October 2018

जमीन तलाशने को अजित सिंह फिर शामली, मुजफ्फरनगर में

शामली (उप्र): राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह वेस्ट यूपी में अपने वजूद को फिर से तलाशने की कोशिश में हैं। वे मुजफ्फरनगर सीट से चुनाव लड़ने की कोशिश में बार-बार यहां सभाएं कर रहे हैं। गुरुवार को वह बागपत से लगते जिले शामली पहुंचे। जहां उन्होंने केंद्र के पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। अजीत सिंह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी अपने मन की बात तो कहते हैं लेकिन किसानों के मन की बात सुनने के लिए उनके पास टाइम नहीं हैं। प्रधानमंत्री के पद की दावेदारी के सवाल पर हंसते हुए कहा कि मैं तो नहीं हूं और अब तो राहुल गांधी ने इंकार कर दिया है।
राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह गुरुवार को शामली पहुंचे। उन्होंने केंद्र के पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। अजीत सिंह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी अपने मन की बात तो कहते हैं लेकिन किसानों के मन की बात सुनने के लिए उनके पास टाइम नहीं हैं। प्रधानमंत्री के पद की दावेदारी के सवाल पर हंसते हुए कहा कि मैं तो नहीं हूं और अब तो राहुल गांधी ने इंकार कर दिया है। गुरुवार को राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह शामली की सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव बावड़ी में गठवाला खाप के थांबेदार बाबा सीताराम की मूर्ति के अनावरण के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने मीडिया से बात की।

चौधरी सिंह ने कहा कि आज देश में सबसे बड़ा संकट किसानों के सामने हैं और इस सरकार ने किसानों की हैसियत को खत्म कर दिया है। आजादी के बाद से किसानों की इतनी बुरी हालत आज तक नहीं हुई। अभी किसान दिल्ली जाकर अपनी बात कहना चाहते थे किसानों को इतना भी अधिकार नहीं रह गया है कि वह शांतिपूर्वक दिल्ली जाकर अपनी बात कह सके। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपने मन की बात तो करते हैं लेकिन किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है। मीडिया ने जब गठबंधन के बारे में सवाल किया तो अजीत सिंह ने गठबंधन के सवाल पर चुप्पी साध ली। लेकिन प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी पर सवाल पूछे जाने पर हंसते हुए कहा कि मैं तो नहीं हूं और राहुल ने भी मना कर दिया है।

Tuesday 2 October 2018

सभी तस्वीरेंः दिल्ली-यूपी सीमा पर बलपूर्वक रोकी गई किसान यात्रा

नई दिल्लीः  किसान क्रांति यात्रा लेकर दिल्ली में राजघाट पर जाने के लिए पहुंचे हजारों किसानों को यूपी बार्डर पर ही रोक दिया गया। मंगलवार को सीमा पर पूरा बवाल हुआ। किसान अभी भी डेरा जमाकर बैठे हैं। कैमरे की नजर से पूरे दिन का घटनाक्रम-













राजनाथ सिंह से मिलने जाते किसान नेता। 

चौधरी अजित सिंह भी किसानों के बीच नजर आए। 


Sunday 30 September 2018

मुजफ्फरनगर की सबसे बड़ी भाजपा नेता मालती शर्मा नहीं रही

मुजफ्फरनगर : जिले की सबसे वरिष्ठ भाजपा नेता मालती शर्मा (88) नहीं रही। वे मुजफ्फरनगर की सबसे पुरानी नेताओं में से एक थी और संस्थापक सदस्यों में थी। उन्हें पूर्व पीएम वाजपेयी की नजदीकी माना जाता था। पूर्व राज्यसभा सदस्य और यूपी की पूर्व बेसिक शिक्षामंत्री मालती शर्मा का रविवार रात निधन हो गया। वे काफी समय से अस्वस्थ चल रही रही थीं। देर रात तक द्वारिकापुरी स्थित उनके आवास पर लोगों का तांता लगा हुआ था।
मालती शर्मा 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर विधायक बनीं। राजनीतिक प्रतिभा के चलते उन्हें बेसिक शिक्षा मंत्री की अहम जिम्मेदारी दी गई। कई बार भाजपा की जिलाध्यक्ष रहीं। राष्ट्रीय महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष भी रहीं। आपातकाल के दौरान वे 19 महीने नैनी सेंट्रल जेल में रहीं। वर्ष 1994 से 2000 तक वे भाजपा की राज्यसभा सदस्य भी रहीं। वे पांच बार विधानसभा चुनाव लड़ी। चार बार काफी कम अंतर से हारीं।
रविवार रात को उन्होंने सदर बाजार स्थित एक निजी नर्सिंग होम में अंतिम सांस ली। पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और सांसद डा. संजीव बालियान, विधायक कपिल देव अग्रवाल, वरिष्ठ भाजपा नेता सुभाषचंद्र शर्मा, पूर्व विधायक अशोक कंसल, पूर्व मंत्री सुधीर बालियान, नितिन मलिक, ब्रिजेश शुक्ला, आशुतोष शर्मा, वैभव त्यागी, सुषमा पुंडीर, सुशीला अग्रवाल आदि ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। 

सोमवार को नई मंडी श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अटल बिहारी वाजपेयी की वे करीबी रहीं। वर्ष 1981-82 में टाउन हाल में हुई सभा में अटलजी आए थे। तब मालती शर्मा ने चंदे के रूप में उन्हें दो लाख रुपए की थैली भेंट कर सभी को चौंका दिया था। रामपुर तिराहा कांड के विरोध में मालती शर्मा महिलाओं के साथ दिल्ली में भूख हड़ताल पर बैठी तो अटलजी भी धरने पर बैठ गए थे। बताते हैं कि वर्ष 1964 की एक सुबह बगैर सूचना के अटलजी उनके आवास पर आ गए थे। बीते माह अटलजी की मौत का समाचार सुन उनकी आंखे में आंसू छलक गए थे। जिले में जब भी चुनाव होते थे तो टिकट आबंटन में उनकी अहम रोल हुआ करता था।

मालती जी अलविदाःअंतिम यात्रा- 

कंधा देते विधायक कपिल देव व उमेश मलिक। 

श्रद्धांजलि देते पूर्व सांसद सोहनवीर सिंह व पूर्व चेयरमैन सुभाष शर्मा। 

अंतिम यात्रा में कंधा देते सांसद संजीव बालियान। 

घर पर अंतिम दर्शन के समय संजीव बालियान व पूर्व विधायक अशोक कंसल।