Tuesday 29 August 2017

केंद्र से राज्य का राजनीति में लाए जाएंगे संजीव बालियान ?

नई दिल्ली/मुजफ्फरनगरः  केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री व मुजफ्फरनगर के भाजपा सांसद संजीव बालियान को लेकर फिर खबरें चल रही हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में होने जा रहे फेरबदल में संजीव बालियान को भी केंद्र में रखा जा सकता है। चर्चा है कि संजीव बालियान को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर, संजीव समर्थकों का कहना है कि संजीव को मोदी व अमित शाह केंद्र की राजनीति से प्रदेश की राजनीति में उतार रहे हैं। 

सूत्रों का कहना है कि संजीव को यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के स्थान पर ला रही है। मौर्य को फूलपुर संसदीय सीट से इस्तीफा देना है और एमएलसी बनना है। पिछले दिनों खबर आई थी कि यदि फूलपुर से उन्होंने इस्तीफा दिया तो उपचुनाव में वहां से मायावती चुनाव लड़ सकती हैं और अखिलेश यादव उन्हें समर्थन दे सकते हैं। सुनने में आया है कि भाजपा ने फूलपुर सीट पर अपनी स्थिति कमजोर मानते हुए मौर्य को सांसद ही बनाए रखने का फैसला किया है। उनके स्थान पर किसी और या संजीव बालियान को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। ऐसा करने से वेस्ट यूपी में भाजपा मजबूत होगी। अब हो यह रहा है कि सीएम व डिप्टी सीएम, तीनों ही पूर्वांचल से बन गए थे और वेस्ट यूपी उपेक्षित महसूस कर रहा था। संजीव को डिप्टी सीएम बनाया गया तो यूपी में बैलेंस बनेगा। फिर संजीव के मुजफ्फरनगर से इस्तीफा देने पर यहां उपचुनाव हुआ तो भाजपा आसानी से जीत सकेगी। इसलिए संजीव का दावा मजबूत बन रहा है।

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बहरहाल यह पहला मौका नहीं है जब संजीव को लेकर अटकलें लगी हैं। पिछली बार भी जब मंत्रिमंडल में बदलाव हुआ था तो उनका विभाग बदला गया था। वे कृषि राज्य मंत्री से जल संसाधन मंत्री बना दिए गए थे। पढ़े हमारी उस समय बेहद लोकप्रिय हुई यह पोस्टः- 


EXCLUSIVE: संजीव बालियान: 10 बड़ी गलतियां जो उनसे हुई


प्रमोशन देने के बजाय मोदी ने बदल दिया विभाग मुजफ्फरनगर सांसद का
जानिये उनके खिलाफ पार्टी की तैयार की गई फीडबैक रिपोर्ट की अंदरूनी बातें 

नई दिल्लीः केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री और मुजफ्फरनगर के सांसद संजीव बालियान के मंत्रालयों में अचानक किया गया बदलाव वेस्ट यूपी के इस तेजी से उभरते जाट नेता के लिए धक्के के समान है। उनके समर्थकों में निराशा का माहौल है। जल संसाधन, नदी विकास व गंगा सफाई जैसे विभागों को संजीव को दिया गया है। इनमें से कुछ उमा भारती के पास हैं। इससे पहले संजीव बालियान कैबिनेट मंत्री राधा मोहन ङ्क्षसह के साथ राज्यमंत्री के रूप में कृषि विभाग देख रहे थे। संजीव के समर्थकों में निराशा इसलिए भी है क्योंकि वह लोग उम्मीद लगाए बैठे थे कि उन्हें इस कैबिनेट रिशफल में प्रमोट किया जा रहा है। माना जा रहा था कि उन्हें स्वतंत्र प्रभार वाला मंत्री बनाया जा सकता है। पर ऐसा नहीं हुआ। 30 जून को जब मोदी ने सभी मंत्रियों से उनके विभागों का लेखा जोखा मांगा और समीक्षा की तो उनकी फाइल में कई ऐसे तथ्य थे जो उनके पक्ष में नहीं थे। सूत्रों के अनुसार, संगठन की ओर से भी उनकी ट्रैक रिकार्ड की फाइल दी गई थी और अमित शाह व उनकी टीम को जो फीडबैक मिला था उससे कुछ ये बातें निकलकर सामने आई:-

1 - संजीव बालियान मोदी सरकार के दूसरे मंत्रियों की तरह सोशल मीडिया पर निष्क्रिय पाए गए। कुछ महीने पहले भी जब मोदी ने भाजपा सांसदों की बैठक ली थी तो उसमें सभी से उनके फेसबुक पेज व ट्विटर हैंडल के बारे में मोदी व अमित शाह ने पड़ताल की थी। कई सांसदों ने तो महीनों से अपने फेसबुक पेज को अपडेट नहीं किया था। इसके अलावा संजीव बालियान को ट्विटर पर निष्क्रिय पाया गया। जिन सांसदों के फोन में नरेंद्र मोदी एप नहीं मिली उन्हें भी चेतावनी दी गई थी। कहा जा रहा है कि संजीव बालियान के मोबाइल में भी पीएम मोदी की एप नहीं थी। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। इस बात को लेकर मोदी व अमित शाह ने नाराजगी जताई थी। दोनों का ही मानना था कि जब मंत्री परिषद के सदस्य ही अपने मोबाइल में उनकी एप नहीं डालेंगे तो आम आदमी से क्या उम्मीद की जा सकती है।

2 - सोशल मीडिया विंग की ओर से भी रिपोर्ट दी गई कि संजीव बालियान का फेसबुक पेज बहुत ही कम अपडेट हो रहा है और उसके माध्यम से जो सूचनाएं उन्हें दी जा रही हैं उन पर ध्यान नहीं दिया जाता। कई बार गलत तस्वीरें भी शेयर कर दी गई। ये भी तथ्य सामने आया कि उनके फेसबुक पेज को उनका कोई रिश्तेदार ही हैंडल कर रहा है और उन्हें ट्विटर के संबंध में कोई खास जानकारी नहीं है। हालांकि मोदी व शाह के साथ उक्त बैठक के बाद संजीव ने अपने ट्विटर हैंडल को एक्टिव करने का प्रयास भी किया और अपने फेसबुक पेज के माध्यम से अपील भी जनता से की गई कि वे आप सब लोग उन्हें ट्विटर पर फालो कर सकते हैं लेकिन रिस्पांस नहीं आया। उनके फालोअर 4000 के आसपास ही निकले जो केंद्रीय मंत्री के हिसाब से बहुत कम है।

3 - अमित शाह एंड टीम को संजीव बालियान का अति महत्वाकांक्षी होना भी नहीं भा रहा था। बताया जाता है कि संजीव बालियान के समर्थकों ने उन्हें यूपी में सीएम के रूप में प्रोजेक्ट करने के लिए मुहिम चलाई हुई है। इसके लिए सोशल मीडिया पर खूब लिखा जा रहा है। कुछ फेसबुक कम्युनिटी पेज भी उनके समर्थन में बना दिए गए। इन पर लगातार लिखा जा रहा था कि संजीव बालियान को यूपी में सीएम पद के लिए प्रोजेक्ट किया जाए। इस बारे में कुछ वेबसाइट्स ने न्यूज भी चलाई और ये बात हाईकमान तक पहुंच गई। हालांकि संजीव बालियान ने अपने जवाब में ये कहा कि ये पेज उन्होंने नहीं बनाए हैं लेकिन फिर भी मैसेज यही था कि ये उनके समर्थकों की कोशिश है जिसे उनका अप्रत्यक्ष समर्थन प्राप्त है। हाईकमान ने इसे अपने ऊपर बेवजह का दबाव माना।

4 - संजीव बालियान लोकसभा चुनाव में चार लाख से भी अधिक मतों से जीते थे मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से, लेकिन फिर भी वे केवल जाटों के हितों में ही काम कर रहे हैं। जबकि उन्हें सभी बिरादरियों ने समर्थन दिया था। इससे ठाकुर, वैश्य, सैनी, त्यागी व अन्य बिरादरी के लोग नाराज हैं। यूपी के एक ठाकुर विधायक ने संजीव बालियान के खिलाफ लिखित शिकायत पार्टी हाईकमान को दी थी। इसके बारे में अमित शाह ने उन्हें ताकीद भी किया। कहा जाता है कि वे जब भी अपने लोकसभा क्षेत्र में जाते हैं तो उनके आसपास जाट नेताओं का ही जमावड़ा रहता है। उनका ज्यादातर समय भी जाट बहुल गांवों में ही गुजरता है जबकि भाजपा अगले साल के विस चुनाव के मद्देनजर सभी बिरादरियों पर फोकस कर रही है।
5 - संजीव बालियान, केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह (जो बिहार से आते हैं) के साथ राज्यमंत्री के रूप में दो साल से भी अधिक समय से कार्य कर रहे थे लेकिन कहा जाता है कि उनकी अपने सीनियर के साथ कभी भी वर्किंग ट्यूनिंग नहीं बन सकी। इस बारे में राधा मोहन सिंह ने भी हाईकमान को अवगत कराया था। यही वजह रही कि अंत में उनका विभाग बदल दिया गया। जबकि राधा मोहन उन गिने चुने मंत्रियों में बने रहे जिनके विभाग नहीं बदले गए।

6 - संजीव बालियान के बारे में जिला संगठन व प्रदेश संगठन की ओर से भी रिपोर्ट सकारात्मक नहीं आ रही थी। उनके बारे में कहा जाने लगा है कि उनके विकास कार्यों में कोई एकरूपता नहीं है। जो भी बड़े-बड़े विकास कार्य उन्होंने कराए हैं वे केवल बुढ़ाना (उनके लोकसभा क्षेत्र की एक विस सीट) क्षेत्र में ही कराए हैं। इसके अलावा दूसरे हिस्सों में वे विकास कार्यों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। खासतौर से मुजफ्फरनगर जिला मुख्यालय, खतौली, चरथावल, सरधना आदि विस इलाके लगातार उनकी शिकायतें कर रहे थे।

7 - मीडिया के साथ भी संजीव बालियान की ट्यूनिंग सही नहीं बताई गई। उनके बारे में फीडबैक दिया गया कि वे नेशनल मीडिया व टीवी चैनल्स के पत्रकारों को तो तवज्जो दे रहे थे लेकिन उनके लोकसभा क्षेत्र मुजफ्फरनगर की मीडिया का एक बड़ा वर्ग उनसे नाराज है और इसलिए उनकी खबरें भी नहीं छापता है। पार्टी का मानना है कि इससे संगठन को नुकसान होता है। मीडिया के साथ अच्छे संबंध पार्टी की पहली प्राथमिकता है।

8 - जून माह में मुजफ्फरनगर में हुए किसान सम्मेलन के लिए संजीव बालियान ने विशेष प्रयास किए थे। इसमें केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू व जयंत सिन्हा आदि भी मुजफ्फरनगर के सिसौली गांव में गए थे लेकिन इस सम्मेलन में कई गड़बडिय़ां भी हो गई। संजीव ने इस सम्मेलन में भारतीय किसान यूनियन को शामिल कर लिया। जबकि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत चौधरी अजित सिंह की पार्टी रालोद से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। इसके अलावा सम्मेलन के लिए गए राष्ट्रीय नेताओं के लिए सुबह के नाश्ते का इंतजाम जिले के कुछ व्यापारियों के यहां किया गया। ये व्यापारी कांग्रेस से जुड़े रहे हैं और इनमें से एक व्यापारी का करोड़ों रुपया हाल ही में पंजाब में आयकर विभाग ने जब्त कर लिया था। इसके अलावा पिछले विधानसभा चुनाव के समय इन व्यापारियों (बिंदल ब्रदर्स) ने हरियाणा के कांग्रेस सांसदों नवीन जिंदल व दीपेंद्र हुड्डा की मेजबानी की थी। ये सब बातें हाईकमान को नागवार गुजरी। संगठन ने भी इस बारे में अपनी रिपोर्ट हाईकमान को भेजी। कहा गया कि इन व्यापारियों से सम्मेलन के लिए आर्थिक मदद भी ली गई जो संगठन के लिए नाराजगी की वजह बनी।

9 - संजीव बालियान पर शुरू से ही भाई भतीजावाद के आरोप भी लगते रहे हैं। मोदी ने शुरू में ही साफ कर दिया था कि कोई भी मंत्री अपने किसी रिश्तेदार को अपने स्टाफ में नहीं रखेगा। इसके बावजूद संजीव बालियान ने अपने भाई को ही अपना पीए बनाए रखा। उनके फोन तक उनका भाई ही उठाता है। यही नहीं उन्होंने अपने कुछ रिश्तेदारों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाने की कोशिश भी की। उन्होंने अपने अधिकृत मेल आईडी से एक ईमेल कुछ कारपोरेट घरानों के लिए कर दिया जिसमें लिखा गया था कि वे उनकी एक रिश्तेदार लड़की के लिए बिजनेस सेटअप में सहायता करें। ये खबर इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने प्रमुखता से भी छापी और मोदी सरकार को अपमानित होना पड़ा। इस प्रकरण पर मोदी ने बहुत ही गंभीरता से संज्ञान लिया। इसके अलावा संजीव के बारे में कहा जा रहा है कि वे अपने कुछ बिजनेस पार्टनरों को राजनीति में उतारने के लिए प्रयासरत हैं। ये सभी जाट ही हैं। किसी को मीरापुर से टिकट दिलाने का प्रयास कर रहे हैं तो किसी को बुढ़ाना व चरथावल विधानसभा सीट से। यही नहीं हाल ही में जब मुजफ्फरनगर में विधानसभा का उपचुनाव हुआ तो उन्होंने कपिल देव के लिए टिकट करवाया। कपिल भी बसपा प्रत्याशी मैदान में न होने के बावजूद भी बहुत ही कम अंतर से जीत सके। यही नहीं बाद में कपिल देव स्टिंग आपरेशन में फंसे और पार्टी की किरकिरी भी हुई।


10 - मोदी की कैबिनेट में जो भी बदलाव 5 जुलाई को किए गए हैं उनके बारे में कहा जा रहा है कि मोदी को कम बोलने वाले व निर्विवादित लोग पसंद आ रहे हैं। यही वजह है कि स्मृति ईरानी को एचआरडी जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय से कपड़ा मंत्रालय में जाना पड़ा। मोदी चाहते हैं कि उनके मंत्री काम पर ध्यान दें और बेकार के विवादों में न पड़ें। संजीव बालियान भी विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। दादरी कांड के समय उन्होंने कई विवादित बयान दिए इसके अलावा यूपी में संजीव लगातार वहां के कैबिनेट मंत्री आजम खां के खिलाफ बयानबाजी करते रहे। मोदी ने इसे भी अनावश्यक माना। इसके अलावा जाट आरक्षण आंदोलन के समय भी संजीव बालियान ने कुछ ऐसी टिप्पणियां की जो मोदी को नागवार गुजरी। संजीव का जाटों को आरक्षण दिलाने के लिए अति सक्रिय रहना भी मोदी को पसंद नहीं आया और अंत में मोदी ने उन्हें दूसरे किसी हल्के विभाग में काम करने के लिए नियुक्त कर दिया।

Wednesday 23 August 2017

अपने Butts पर नाज है इस खूबसूरत सिंगर को

सुल्तान में जग घुमेया गाने वाली नेहा भसीन जितनी अच्छी गायिका हैं उतनी ही सुंदर भी हैं। सोशल मीडिया पर वे अपनी सैक्सी फोटोज अपलोड करती रहती हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी बट्स की फोटो पोस्ट करते हुए कहा कि वे उन महिलाओं से सहमत नहीं हैं जो अपने  नितंबों को सही आकार दिलाने के लिए सर्जरी कराती हैं। वे अपने शरीर पर मेहनत करती हैं और इसलिए उनकी फीगर सुंदर है जिस पर उन्हें नाज है। आप भी पढ़िए उनकी पोस्ट व देखिये उनकी आकर्षक तस्वीरेंः-





Monday 21 August 2017

मुजफ्फरनगर के इस विधायक से मांगी केजरीवाल ने लिखित माफी

नई दिल्ली/मुजफ्फरनगरः मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर विधानसभा से भाजपा विधायक अवतार सिंह भड़ाना से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मानहानि केस से जुड़े एक मामले में माफी मांगी है। बीजेपी नेता ने पटियाला हाउस कोर्ट में केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर एक करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की थी। केजरीवाल ने लिखित में माफी मांगते हुए कहा है कि एक सहयोगी के बहकावे में आकर उन्होंने भड़ाना पर आरोप लगाए थे। 

बता दें कि पहले फरीदाबाद से दो बार कांग्रेस सांसद रहे भड़ाना का आरोप है कि केजरीवाल ने उनके संबंध में 31 जनवरी 2014 को आपत्तिजनक बयान देते हुए कहा था कि भड़ाना देश के सबसे भ्रष्ट व्यक्तियों में से एक हैं। इसके बाद भड़ाना की तरफ से कहा गया था कि वह समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से एक हैं। केजरीवाल के इस बयान से उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को क्षति पहुंची है। भड़ाना ने इस मामले में केजरीवाल को कानूनी नोटिस भेजकर अपना बयान वापस लेने और उनसे बिना शर्त माफी मांगने की मांग की थी। केजरीवाल ने अपना बयान वापस लेने और भड़ाना से माफी मांगने से इनकार कर दिया था।
इसके बाद केजरीवाल ने सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट में भड़ाना से लिखित में माफी मांगते हुए कहा कि अपने एक सहयोगी के बहकावे में आकर उन्होंने भड़ाना पर वे आरोप लगाए थे। बाद में उनकी जांच में उन आरोपों की पुष्टि नहीं हुई। इसलिए केजरीवाल ने इस मामले में माफी मांगने की बात कही। दिल्ली सीएम ने अपने माफीनामे में कहा है कि उनका उद्देश्य भड़ाना पर आरोप लगाकर उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का नहीं था। भड़ाना बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे और 2016 में हुए चुनाव में वे विधायक बन गए थे। 

Saturday 19 August 2017

मुजफ्फरनगर में ट्रेन हादसा, रेलवे की लापरवाही का नतीजा !

पटरी पर चल रहा था काम, ट्रेन थी तेजी पर
संजीव बालियान पहुंचे सबसे पहले मौके पर 
मुजफ्फरनगर : शाम 5.45 बजे के करीब हुए ट्रेन हादसे में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों अन्य घायल हो गए। यह हादसा दिल्ली-देहरादून-अंबाला रेलवे लाइन पर मेरठ व मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन के बीच पडऩे वाले खतौली कस्बे में हुई। पुरी से हरिद्वार जा रही 18477 कलिंग उत्कल एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसा इतना भयंकर था कि डिब्बे पटरी से उतरकर पास में ही बनी रिहाईश में जा घुसे। प्रथम दृष्टया हादसे की वजह रेलवे की लापरवाही माना जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस हादसे की वजह लापरवाही है। पटरियों पर काम चल रहा था और वहां से गाड़ी को धीमी गति से निकाला जाना चाहिए था लेकिन संभवत: चालक को ऐसा कोई संकेत नहीं दिया गया और उसने तेज गति कायम रखी। खतौली में गाड़ी रुकती नहीं है और मेरठ से मुजफ्फरनगर तक का सफर यह गाड़ी तेजी से पूरा करती है। संभवत: चालक ने पटरी पर काम चलते देखा तो उसने इमरजेंसी ब्रेक लिए और यह हादसा हो गया। मुजफ्फरनगर सांसद वे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान अपने साथियों के साथ सबसे पहले पहुंचे मौके पर।

कलिंग उत्कल एक्सप्रेस दैनिक गाड़ी है और शाम के समय पुरी से आते हुए दिल्ली की हजरत निजामुददीन से गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, रुड़की होते हुए हरिद्वार जाती है। यह गाड़ी मेरठ से चलने के बाद मुजफ्फरनगर में ही रुकती है। इसी दौरान यह खतौली कस्बे से गुजरती है। स्टॉपेज न होने के कारण गाड़ी तेज गति से निकलती है। इसका मुजफ्फरनगर पहुंचने का समय शाम 4.53 बजे है लेकिन आधा-पौना घंटा यह रोजाना लेट ही रहती है। इसमें तीर्थयात्रियों के अलावा गाजियाबाद, मेरठ व मुजफ्फरनगर से दिल्ली के बीच सफर करने वाले दैनिक यात्री भी सवार होते हैं। रोजाना की तरह यह जब खतौली रेलवे स्टेशन को पास कर मुजफ्फरनगर की ओर बढ़ रही थी तो अचानक तेज आवाज हुई और गाड़ी के 13 अगले डिब्बे पटरी से उतर गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चालक ने तेज ब्रेक लिए और गाड़ी डिरेल हो गई। एक के बाद एक डिब्बे पटरी से उतरते चले गए। एक डिब्बा उतरकर नजदीक ही मौजूद इंटर कालेज की इमारत से जा भिड़ा और बाकी एक दूसरे से टकराते गए। घटना से मौके पर हा हाकार मच गया। कस्बे के लोग मदद के लिए मौके पर दौड़ पड़े।
स्थानीय प्रशासन, रेलवे और हजारों स्थानीय लोग बचाव कार्य में जुट गए जो देर रात तक जारी था। पीएम मोदी, रेल मंत्री सुरेश प्रभु व यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत अनेक हस्तियों ने घटना पर खेद प्रकट किया है। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा खुद घटनास्थल पर पहुंच गए। इसके अलावा गाजियाबाद से एनडीआरफ की टीम को भी मौके पर भेजा गया। हादसा इतना भयंकर था कि डिब्बों को काट काटकर लोगों को बाहर निकाला गया। अंदर से जिंदा लोगों के अलावा काफी शव भी निकलने की संभावना है। स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कम से कम 50 शव उन्होंने देखे हैं और मरने वालों की संख्या और भी हो सकती है।












हादसे के भयावह चित्र, व मौके पर संजीव बालियान । 


Wednesday 9 August 2017

न्यूड फोटो शूट बदल पाएगा इस हिरोइन का भाग्य ?

बालीवुड में कुछ साल पहले आई ईशा गुप्ता कमांडो, रुस्तम, जन्नत 2 जैसी फिल्में करने के बाद भी जो लोकप्रियता हासिल नहीं कर पाई थी वो उन्होंने एक फोटो शूट से पा ली है। उन्हें बादशाहो जैसी बड़ी फिल्म मिली हुई है जिसमें अजय देवगन उनके साथ हैं। यह फिल्म जल्द रिलीज होने जा रही है। उसकी पब्लिसिटी में भी ईशा का ये फोटो शूट मददगार साबित हो सकता है। लगता है अब ईशा के दिन फिरने वाले हैं। बहरहाल वे सुर्खियों में हैं इस शूट के कुछ सेमी न्यूड पिक्स को लेकर, आप भी देखिये कि ईशा इनमें कितनी सुंदर नजर आ रही हैंः- 











Tuesday 1 August 2017

भाजपा विधायक कपिल देव से व्यापारियों ने की हाथापाई

खतौली विधायक की धमकी देने से खफा थे मंसूरपुर इलाके के फैक्ट्री मालिक 
मुजफ्फरनगरः व्यापारियों की पार्टी कही जाने वाली भारतीय जनता पार्टी अब व्यापारियों के निशाने पर आ गई है। खतौली के विधायक विक्रम सैनी की एक टिप्पणी को लेकर भाजपा की बैठक में व्यापारियों ने भारी हंगामा किया और नगर विधायक कपिल देव अग्रवाल के साथ हाथापाई की गई।
दरअसल मंसूरपुर के गांव घासीपुरा में चक्रधर कैमिकल्स नामक फैक्ट्री से निकले गंदे पानी से कुछ किसानों की फसल खराब हो गई थी। इनमें से एक किसान रघुवीर सैनी की पिछले दिनों मौत हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि सदमे की वजह से ऐसा हुआ। इस बात को लेकर किसानों ने रविवार को धरना भी दिया था। उस समय वहां मौके पर भाजपा विधायक विक्रम सैनी भी पहुंचे थे। विक्रम सैनी ने एसडीएम से गलत व्यवहार किया था और किसान को मुआवजा न मिलने पर फैक्ट्री में आग लगा देने की धमकी भी दी थी। इसी बात से फैक्ट्री मालिकान में रोष था। सोमवार को भाजपा की एक मीटिंग चल रही थी जिसमें ये सभी व्यापारी एकत्र होकर पहुंच गए। इन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने उनके दम पर ही चुनाव जीता और उनके नेता उन्हीं को धमका रहे हैं। इनमें से कई फैक्ट्री मालिक तो सदर विधायक कपिल देव के समर्थक हैं। इसी बात को लेकर हंगामा हो गया और व्यापारियों ने बैठक में जबर्दस्त धक्का मुक्की की। इसमें कपिल देव मंच से गिर पड़े और उन्हें मामूली चोटें भी आई।