Saturday 19 August 2017

मुजफ्फरनगर में ट्रेन हादसा, रेलवे की लापरवाही का नतीजा !

पटरी पर चल रहा था काम, ट्रेन थी तेजी पर
संजीव बालियान पहुंचे सबसे पहले मौके पर 
मुजफ्फरनगर : शाम 5.45 बजे के करीब हुए ट्रेन हादसे में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों अन्य घायल हो गए। यह हादसा दिल्ली-देहरादून-अंबाला रेलवे लाइन पर मेरठ व मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन के बीच पडऩे वाले खतौली कस्बे में हुई। पुरी से हरिद्वार जा रही 18477 कलिंग उत्कल एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसा इतना भयंकर था कि डिब्बे पटरी से उतरकर पास में ही बनी रिहाईश में जा घुसे। प्रथम दृष्टया हादसे की वजह रेलवे की लापरवाही माना जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस हादसे की वजह लापरवाही है। पटरियों पर काम चल रहा था और वहां से गाड़ी को धीमी गति से निकाला जाना चाहिए था लेकिन संभवत: चालक को ऐसा कोई संकेत नहीं दिया गया और उसने तेज गति कायम रखी। खतौली में गाड़ी रुकती नहीं है और मेरठ से मुजफ्फरनगर तक का सफर यह गाड़ी तेजी से पूरा करती है। संभवत: चालक ने पटरी पर काम चलते देखा तो उसने इमरजेंसी ब्रेक लिए और यह हादसा हो गया। मुजफ्फरनगर सांसद वे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान अपने साथियों के साथ सबसे पहले पहुंचे मौके पर।

कलिंग उत्कल एक्सप्रेस दैनिक गाड़ी है और शाम के समय पुरी से आते हुए दिल्ली की हजरत निजामुददीन से गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, रुड़की होते हुए हरिद्वार जाती है। यह गाड़ी मेरठ से चलने के बाद मुजफ्फरनगर में ही रुकती है। इसी दौरान यह खतौली कस्बे से गुजरती है। स्टॉपेज न होने के कारण गाड़ी तेज गति से निकलती है। इसका मुजफ्फरनगर पहुंचने का समय शाम 4.53 बजे है लेकिन आधा-पौना घंटा यह रोजाना लेट ही रहती है। इसमें तीर्थयात्रियों के अलावा गाजियाबाद, मेरठ व मुजफ्फरनगर से दिल्ली के बीच सफर करने वाले दैनिक यात्री भी सवार होते हैं। रोजाना की तरह यह जब खतौली रेलवे स्टेशन को पास कर मुजफ्फरनगर की ओर बढ़ रही थी तो अचानक तेज आवाज हुई और गाड़ी के 13 अगले डिब्बे पटरी से उतर गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, चालक ने तेज ब्रेक लिए और गाड़ी डिरेल हो गई। एक के बाद एक डिब्बे पटरी से उतरते चले गए। एक डिब्बा उतरकर नजदीक ही मौजूद इंटर कालेज की इमारत से जा भिड़ा और बाकी एक दूसरे से टकराते गए। घटना से मौके पर हा हाकार मच गया। कस्बे के लोग मदद के लिए मौके पर दौड़ पड़े।
स्थानीय प्रशासन, रेलवे और हजारों स्थानीय लोग बचाव कार्य में जुट गए जो देर रात तक जारी था। पीएम मोदी, रेल मंत्री सुरेश प्रभु व यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत अनेक हस्तियों ने घटना पर खेद प्रकट किया है। रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा खुद घटनास्थल पर पहुंच गए। इसके अलावा गाजियाबाद से एनडीआरफ की टीम को भी मौके पर भेजा गया। हादसा इतना भयंकर था कि डिब्बों को काट काटकर लोगों को बाहर निकाला गया। अंदर से जिंदा लोगों के अलावा काफी शव भी निकलने की संभावना है। स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कम से कम 50 शव उन्होंने देखे हैं और मरने वालों की संख्या और भी हो सकती है।












हादसे के भयावह चित्र, व मौके पर संजीव बालियान । 


No comments:

Post a Comment