Monday 20 February 2017

महिमा सुसाइड केसः केंद्रीय मंत्री के दामन पर छींटे तो उछलेंगे ही

मुजफ्फरनगरः छात्रा महिमा सुसाइड केस ने मुजफ्फरनगर की राजनीति में भूचाल ला दिया है। तमाम गैर भाजपाई नेता इस प्रकरण की आड़ में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के मान मर्दन पर उतारू हो गए हैं। रविवार को महिमा की शोक सभा में जब केंद्रीय मंत्री पहुंचे तो उन्हें वहां आक्रोश का सामना करना पड़ा। चूंकि महिमा के पिता देवप्रकाश विश्वकर्मा समाज से संबंध रखते हैं इसलिए इस समाज के लोगों ने इस मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की। संजीव बालियान ने कहा कि उनका इस मामले से कुछ भी ताल्लुक नहीं है और वे चाहते हैं कि इसकी जांच हो। हालांकि संजीव बालियान ने पहले भी कई बार कह दिया है कि उनका इस मामले से किसी भी तरह ताल्लुक नहीं है लेकिन प्रकरण में छींटे उनके दामन पर आ ही गए हैं। इसकी वजह भी है।

दरअसल इस पूरे प्रकरण में पचेंडा निवासी युधिष्ठिर पहलवान नामक जिस ‘दबंग’ व्यक्ति का नाम लिया जा रहा है वह संजीव बालियान के समर्थकों में गिना जाता रहा है। दबंग छवि के लिए मशहूर पहलवान ने कई स्थानों पर मछलियों के पालन के ठेके लिए हुए हैं और सब जानते हैं कि उनके साथ कारोबार में संजीव बालियान के साथी भी शामिल हैं। हालांकि पीएम मोदी द्वारा शुरू से ही बना दिए गए दबाव के बाद भाजपा का कोई भी सांसद सीधे इस तरह के लाभ वाले धंधे में शामिल नहीं हो सकता लेकिन केंद्रीय मंत्री के कई दोस्त इस तरह के कई ठेकेदारी के कामों से जुड़े हुए हैं। यह भी कहा जाता है कि इन सभी को केंद्रीय मंत्री का आशीर्वाद मिला हुआ है। संजीव बालियान पहले से ही प्रापर्टी के धंधे से जुड़े रहे हैं। मेरठ, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, हापुड़ व उत्तराखंड में उनकी कंपनी ए टू जेड ने कई बड़ी टाउनशिप डेवलेप की हैं। कागजों में अब संजीव बालियान इनमें से किसी से नहीं सीधे तौर पर जुड़े हैं लेकिन उनके पार्टनर ही इसे हैंडल करते हैं। संजीव बालियान की राजनीतिक बैठकें भी अक्सर इस कंपनी के दफ्तरों पर होती रही हैं।

खैर, युधिष्ठिर पहलवान व उसके साथियों पर आरोप लगा है कि उन्होंने अपने एक कर्मचारी देवप्रकाश पर चार लाख रुपये के गबन का शक किया। इसके लिए कर्मचारी के बेटे को बंधक बनाकर उसे प्रताडित किया गया। देव को जहरखुरानी गिरोह ने बेहोश करके उससे चार लाख रुपये लूट लिए। यह घटनाक्रम लखनऊ, कानपुर व भोपाल में चलता रहा इधर उसके बेटे अक्षय को केवल इसलिए बंधक बना लिया गया क्योंकि पहलवान व उसके पार्टनरों को शक था कि पैसा अक्षय के पिता के पास ही है। पिता के बाद अक्षय भी गायब हो गया तो अंकित विहार में रह रहे उसके परिवार पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा। बेटी महिमा को भी धमकी मिलने लगी तो बेचारी ने भयभीत होकर सुसाइड कर ली। महिमा की मां ने एसएसपी से मिलकर आरोप लगाया कि पहलवान को केंद्रीय मंत्री का सपोर्ट मिल रहा है। यह सब कुछ इतनी तेजी से घटित हुआ कि किसी को समझ में नहीं आया कि क्या हो रहा है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान मुजफ्फरनगर सांसद संजीव बालियान की छवि का हुआ है। संजीव पर यह भी आरोप लगा है कि उन्होंने लखनऊ की एसएसपी मंजिल सैनी को फोन किया और लूटा गया पैसा निकलवाने के लिए जोर दिया। इसी के बाद अक्षय को पुलिस ने प्रताडित किया।

जहां तक संजीव बालियान का आरोपियों के साथ संबंध की बात है तो सब जानते हैं कि एक समय वे पहलवान (जाट) की पत्नी (जो अनूसूचित जाति से है) को पुरकाजी (सु) सीट से टिकट दिलवाने का आश्वासन दिया था लेकिन बात नहीं बन सकी। ऐसे में संजीव खुद को इस प्रकरण से बचा नहीं सकते हैं। फिलहाल संजीव पर दबाव है और यह मामला मीडिया में इस कदर हाईलाइट हो गया है कि इसका संज्ञान पार्टी हाईकमान ने भी ले लिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व पीएमओ तक भी इस मामले को पहुंचाया जा रहा है। अब इस प्रकरण में भाजपा को ही फैसला करना है। गौरतलब है कि इससे पहले जितने भी मामले संजीव बालियान को लेकर उछले हैं उससे उन्हें नुकसान हुआ है। उनके मंत्रालय में भी बदलाव किया गया था। पहले वह कृषि राज्य मंत्री थे तो बाद में उन्हें छोटे से विभाग जल संसाधन तक सीमित कर दिया गया। सबकी नजर इस पर है कि इस मामले से संजीव कैसे खुद को निकाल पाते हैं।

Friday 17 February 2017

विक्रम सैनी- भाजपा को मिला एक और राणा या सोम ?

मुजफ्फरनगरः भाजपा को एक और संगीत सोम या सुरेश राणा मिल गया है। जी हां, खतौली विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी विक्रम सैनी ने चुनाव हिंदू सम्मान के मुद्दे पर लड़ा है और वह इस समय जीत की पोजिशन में नजर आ रहे हैं। चार साल पहले दंगे का सबब बने कवाल गांव व उसके आसपास के इलाके में भाजपा के समर्थन में वोटरों में लहर सी दिखी। कवाल गांव में ही हिंसा हुई थी और एक मुस्लिम युवक की मौत के बाद दो जाट युवकों की हत्या कर दी गई थी।

सबको चौंकाते हुए भारतीय जनता पार्टी ने एक ऐसे संघ कार्यकर्ता को खतौली से टिकट दे दिया जिसकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है  बस केवल संघ का कार्यकर्ता होने के कारण जिला पंचायत सदस्य विक्रम सैनी को खतौली विधानसभा सीट से टिकट दे दिया गया। विक्रम जिला पंचायत सदस्य हैं और कवाल गांव उन्हीं के इलाके में आता है। हालांकि कवाल गांव मीरापुर विधानसभा सीट का हिस्सा है और विक्रम सैनी ने टिकट भी मीरापुर सीट से ही मांगा था लेकिन वहां उनकी राह में फरीदाबाद के पूर्व सांसद अवतार सिहं भड़ाना आ गए। हेलीकाप्टर प्रत्याशी के रूप में पैसे की चमक दमक के साथ भड़ाना ने लैंड किया और टिकट ले उडे़।  साधारण से कार्यकर्ता विक्रम सैनी को मीरापुर की ही पड़ोसी सीट खतौली से टिकट दे दिया गया। 
शुरू में सैनी को कमजोर प्रत्याशी माना गया क्योंकि न उनकी पहचान थी और न ही वे आर्थिक रूप से उतने मजबूत थे। सैनी ने प्रचार शुरू किया तो माहौल रंग बदलने लगा। उनके सामने सपा से चंदन चौहान (बिजनौर के पूर्व सांसद स्व. संजय चौहान के बेटे), बसपा से शिवान सैनी (बसपा के पूर्व राज्यसभा सांसद राजपाल सैनी के बेटे) जैसे नाम थे। और नामांकन की अंतिम तिथि आते-आते रालोद के बैनर पर एक दूसरे धन कुबेर व बिजनौर के पूर्व विधायक शाहनवाज राणा (मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद कादिर राणा के भतीजे) मैदान में आ डटे। यानी विक्रम को राजनीतिक घरानों से टक्कर लेनी थी। ऐसे में किसी को नहीं लग रहा था कि विक्रम कहीं टिक पाएंगे। सब जानते हैं कि मुजफ्फरनगर का दंगा लड़कियों से छेड़छाड़ की घटना से शुरू हुआ था। विक्रम ने बहू बेटी को इज्जत को ही अपना थीम बनाया और प्रचार शुरू कर दिया। संघ कार्यकर्ता और कट्टरपंथी विचारधारा के मिश्रण से उन्होंने इलाके के वोटरों के दिलों में जो जगह बनानी शुरू की वह इतनी गहरी होती चली गई कि वह मतदान के दिन जीतने की पोजिशन में खड़े आ रहे हैं।  ऐसे में तमाम दिग्गजों को हराने में विक्रम सैनी अगर सफल हो जाते हैं तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। अपने उत्तेजक विचारों के लिए विक्रम को अभी से सुरेश राणा और संगीत सोम जैसे तेजतर्रार विधायकों की श्रेणी में गिना जाने लगा है। विक्रम देखने में एक बेहद साधारण व्यक्ति नजर आते हैं। जब मंच नहीं मिलता तो कुर्सी पर खड़े होकर भी भाषण देने लगते हैं लेकिन उनकी बातों में चुंबकीय आकर्षण कुछ इस तरह का नजर आता है कि सुनने वाले उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते। 

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान फिर एक मुसीबत में फंसे

मुजफ्फरनगर: केंद्रीय मंत्री और मुजफ्फरनगर के भाजपा सांसद डॉ. संजीव बालियान की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। मुजफ्फरनगर में एक युवती द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में संजीव बालियान नाम सामने आया है। परिवार ने आरोप लगाया है कि संजीव बालियान के उनके परिवार को प्रताड़ित किए जाने के बाद ही युवती ने सुसाइड किया है।

मृत लड़की की मां का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने उनके परिवार को उजाड़ दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित न्यूज के अनुसार मामला मुजफ्फरनगर के अंकित विहार कॉलोनी का है। यहां महिमा नाम की एक युवती ने आत्महत्या कर ली था। आत्महत्या करने से पहले महिमा ने घर की दीवार पर लिखा था, “मेरे भाई अक्षय को लाकर वापस दो।” महिमा की मां संजी देवी ने आरोप लगाया है कि उनके पति देव प्रकाश बीजेपी नेता की कंपनी में काम करते हैं। चार दिन पहले कंपनी के ही काम से लखनऊ गए थे। इसी दौरान बदमाशों ने देव प्रकाश से चार लाख रुपए लूट लिए। देव प्रकाश ने इस घटना की जानकारी लखनऊ पुलिस और कंपनी के मालिक को दी लेकिन दो दिन बाद भी जब देव प्रकाश घर नहीं लौटे तो उनका बेटा अक्षय उन्हें ढूंढने के लिए निकला। अक्षय भी उसी दिन से लापता है। बाप-बेटे के लापता होने के बाद परिवार ने पुलिस में शिकायत की है। संजी देवी का आरोप है कि कंपनी के मालिक ने उनके बेटे और पति को बंधक बनाया है। वह इस पूरे घटनाक्रम में संजीव बालियान का हाथ होने का आरोप लगा रही हैं। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि पुलिस बालियान के ही दबाव में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। बेटी को खो देने वाली संजी देवी ने कहा कि अगर उनके पति और बेटे को रिहा नहीं किया गया तो वह सीएम के सामने आत्मदाह कर लेंगी। वहीं इस पूरे मामले को संजीव बालियान ने हास्यास्पद बताया है। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। वैसे जानकारी के अनुसार, इस घटना में पचेंडा गांव निवासी कुछ लोगों का हाथ है जो संजीव बालियान के बहुत ही करीबी माने जाते हैं। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री को हमेशा घेरे रहने वाली जाट लॉबी के लोगों के कारण संजीव बालियान अक्सर मुश्किलों में फंसते रहते हैं। बताया जाता है कि उक्त लोग भी संजीव के समर्थकों में शुमार हैं और राजनीतिक मैदान में किस्मत आजमाने के लिए संजीव बालियान के साथ जुड़े हुए हैं।
एसपी सिटी राजेश कुमार का कहना है कि देवप्रकाश से लूट होने की रिपोर्ट लखनऊ में दर्ज की गई है। उन्होंने बताया, देवप्रकाश बुधवार को थाने आए थे। उनके साथ कंपनी के लोग भी थे, हालांकि उनका बेटा जरूर गायब है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
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अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार---
दबंगों के कब्जे से भाई की रिहाई नहीं होने पर आहत बहन ने जान दे दी
दो दिन पहले मृतका की मां ने एसएसपी को दी गई तहरीर में पति और बेटे को अगवा करने का आरोप लगाया था। पुलिस में मामला पहुंचते ही मृतका के पिता को रिहा कर दिया गया, लेकिन भाई के नहीं आने से व्यथित बहन ने पंखे मेें फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली।
नईमंडी कोतवाली के मोहल्ला अंकित विहार में रह रहे शामली के मूल निवासी देव प्रकाश धीमान की बेटी महिमा (19) ने बृहस्पतिवार दोपहर घर में पंखे से लटककर जान दे दी। मृतका ने ऊपरी मंजिल के कमरे में दीवार पर लिखा कि मेरे भाई अक्षय को वापस लाकर दो। वारदात की तहकीकात की गई तो लेनदेन को लेकर कई दिन से पिता और भाई को बंधक बनाए जाने का मामला सामने आया। दहशत से घिरे पीड़ित परिवार ने अफसरों से पिता-पुत्र को बरामद कराने की गुहार लगाई थी।
14 फरवरी को महिमा की मां संजो देवी ने एसएसपी बबलू कुमार को तहरीर दी थी। पीड़िता का आरोप था कि उसका पति देव प्रकाश और बेटा अक्षय कुमार जिला ललितपुर की माता टिल्ला डैम ताल बेहर पर प्राइवेट कंपनी की ठेकेदारी में नौकरी करते हैं। चार फरवरी को पति डैम से मछली से भरे ट्रक के साथ लखनऊ मंडी में बिक्री के लिए आया था। सात फरवरी की शाम वह तीन लाख रुपये का भुगतान लेकर बस अड्डे की ओर निकल गया, लेकिन ललितपुर नहीं पहुंचा। कंपनी के पार्टनर विनोद ने लखनऊ एसएसपी मंजिल सैनी को लापता हुए कर्मचारी देव प्रकाश और कैश बरामद कराने की मांग की थी।
मामला पुलिस में पहुंचते ही दबंगों ने पति को रिहा कर दिया। बुधवार रात मुजफ्फरनगर के नई मंडी थाने पर पीड़िता अपनी बेटी और पति के साथ आरोपियों की मौजूदगी में बेटे की रिहाई के लिए गिड़गिड़ाती रही। पुलिस ने वारदात का घटनास्थल लखनऊ बताकर पल्ला झाड़ लिया। पूरे मामले से आहत अक्षय की छोटी बहन महिमा ने बृहस्पतिवार दोपहर आत्महत्या कर ली। सूचना पर पहुंचे अफसरों ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। एसपी सिटी राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में शहर के तीनों थानों की पुलिस मौके पर मौजूद रही।
इससे पहले मंगलवार को संजो देवी ने एक स्थानीय टीवी चैनल को दिए बयान में आरोप लगाया था कि उसका पति और बेटा केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान की कंपनी के साझीदार के ही कब्जे में हैं। उन्हें छोड़ने के लिए साढ़े चार लाख रुपये का इंतजाम करने की बात कही जा रही है। संजो ने एसएसपी को दी गई तहरीर में भी इस बात का जिक्र किया था। इसी बीच संजो का पति को रिहा कर दिया गया और उसने थाने जाकर इस तहरीर को वापस ले लिया। संजीव बालियान के निजी सचिव नवीन चौधरी का कहना है कि मंत्री का आरोपियों से कोई संबंध नहीं है और न ही मंत्री के कोई ठेके हैं। कागजों में केंद्रीय मंत्री का इस कंपनी से कोई सीधा संबंध नही मिला है। घटना के बाद भी परिवार की ओर से अभी इस मामले मेें कोई तहरीर नहीं दी गई है। एसपी सिटी राजेश कुमार का कहना है महिमा के पिता देव प्रकाश ने लिखित में कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कही है। उसका कहना है कि उसका बेटा खुद ही कहीं गया हैै, आ जाएगा।






Tuesday 14 February 2017

मुजफ्फरनगर में भाजपा 3 सीटें जीतने की स्थिति में

मुजफ्फरनगर की छह सीटों के संभावित परिणाम ये हो सकते हैंः- 




मुजफ्फरनगर

सपा- गौरव स्वरूप

भाजपा- कपिल देव अग्रवाल (विधायक)

रालोद- पायल महेश्वरी

बसपा- राकेश शर्मा

संभावित परिणामः गौरव स्वरूप लगभग 10 हजार वोट से जीत सकते हैं। दूसरे स्थान पर भाजपा व तीसरे पर बसपा। रालोद प्रत्याशी की वजह से भाजपा हारेगी।



बुढ़ाना

सपा- प्रमोद त्यागी

भाजपा- उमेश मलिक

बसपा- सईदा बेगम

रालोद- योगराज सिंह

संभावित परिणामः भाजपा 5000 वोट से जीत सकती है। मुस्लिम वोटर की पहली पसंद सपा रही लेकिन सईदा ने भी वोट काटे। जबकि रालोद ने भाजपा के वोट काटे। यानी जो नुकसान बसपा ने सपा का किया वही रालोद ने भाजपा का। मुकाबला बराबरी का और कांटे का हो गया।



मीरापुर

भाजपा- अवतार सिंह भड़ाना

बसपा- नवाजिश आलम (विधायक)

सपा- लियाकत अली

रालोद- मिथलेश पाल

संभावित परिणामः रालोद को यहां काफी वोट मिले हैं। भाजपा प्रत्याशी की संभावना इससे कमजोर हो गई। मुसलमानों को आलम ज्यादा मजबूत लगे और उन्हें समर्थन मिला। अगर लियाकत को कम वोट मिले हैं तो बसपा की जीत तय लगती है। लगभग 8000 वोट से।



पुरकाजी (सु)

बसपा- अनिल कुमार (विधायक)

भाजपा- प्रमोद उंटवाल

रालोद- छोटी बेगम

कांग्रेस- दीपक कुमार

संभावित परिणामः कांग्रेस के दीपक कुमार 5000 से 8000 वोट के अंतर से जीत सकते हैं। ऊंटवाल को भारी वोट मिले हैं और बसपा की हालत खराब कर दी। छोटी बेगम को जाट वोट मिले हैं और इससे ऊंटवाल कमजोर हुए।



खतौली

भाजपा- विक्रम सैनी

बसपा- शिवान सैनी

सपा- चंदन चौहान

रालोद- शाहनवाज राणा

संभावित परिणामः मुसलमानों का रुख सपा की तरफ रहा तो रालोद प्रत्याशी ने धनबल का प्रयोग करने की कोशिश की। ऐसे में मुसलमान वोटर बंटे। अति पिछड़ा वर्ग भाजपा को मिला। सैनी भाजपा की ओर गए। ऐसे में बसपा के पास केवल दलित वोटर ही बचे। भाजपा 10000 वोट से जीत सकती है।



चरथावल

भाजपा- विजय कश्यप

सपा- मुकेश चौधरी

बसपा- नूरसलीम राणा (विधायक)

रालोद- सलमान जैदी



संभावित परिणामः मुस्लिम वोटरों में विभाजन हुआ है। जाट वोटों को बंटवारा सपा व भाजपा में हुआ। मुस्लिम वोटर कम हुए तो सपा प्रत्याशी का हालत खराब। भाजपा को हिंदू वोट एक तरफा मिले।

Thursday 9 February 2017

मुजफ्फरनगरः जानिये कौन जीत रहा है किस सीट पर

मुस्लिमों का रुख सपा की ही ओर 


चुनाव प्रचार थम गया है। देखते हैं पूर्वानुमान के अनुसार मुजफ्फरनगर की छह सीटों पर कौन जीत रहा हैः




मुजफ्फरनगरः
भाजपा के सिटिंग विधायक कपिल देव व सपा के गौरव स्वरूप में कड़ी टक्कर है। बसपा के राकेश शर्मा तीसरे स्थान पर फिसल रहे हैं। मुसलमान सपा के साथ नजर आ रहे हैं। मुस्लिम मतों के आधार पर और वैश्य मत ज्यादा मिलने पर गौरव जीत भी सकते हैं।



खतौलीः

भाजपा के विक्रम सैनी यहां जीत की ओर बढ़ रहे हैं। रालोद के शाहनवाज राणा मुस्लिम मतों में सेंध लगा रहे हैं और सपा के चंदन चौहान को कमजोर कर रहे हैं। बसपा के शिवान सैनी फाइट से बाहर हैं।



बुढ़ानाः

यहां भाजपा के उमेश मलिक व सपा के प्रमोद त्यागी में फाइट है। यहां बसपा की प्रत्याशी सईदा बेगम हैं लेकिन मुसलमानों का रुख सपा की ओर है। रालोद के योगराज ने जाटों के वोट काटे तो उमेश मुश्किल में पड़ सकते हैं। उमेश जीत सकते हैं।



मीरापुरः

यहां बसपा के नवाजिश आलम जीतने की ओर बढ़ रहे हैं। उनका मुकाबला रालोद की मिथलेश पाल व भाजपा के अवतार भड़ाना से है। यहां सपा के लियाकत अली भी हैं लेकिन मुसलमानों को नवाजिश ज्यादा मजबूत लग रहे हैं। बसपा यह सीट जीत सकती है।

चरथावलः

भाजपा के विजय कश्यप इस बार जीत रहे हैं। सपा के मुकेश चौधरी से कांटे का मुकाबला है। पिछली बार कुछ सौ मतों से कश्यप हार गए थे लेकिन इस बार लगता है वे जीत जाएंगे। मुस्लिम वोट मुकेश को ही ज्यादा मिलेंगे।



पुरकाजी (सु)


यहां भाजपा इस बार भी पिछली बार की तरह कमजोर ही है। पिछली बार प्राची आर्य चौथे नंबर पर रही थी इस बार तीसरे स्थान पर रह सकते हैं प्रमोट उंटवाल। मुख्य मुकाबला कांग्रेस के दीपक कुमार व बसपा के अनिल कुमार में है। अनिल दो बार से विधायक हैं हो सकता है इस बार दीपक बाजी मार जाएं।

Saturday 4 February 2017

मेरठ में मोदी की गर्जनाः पूरी कवरेज


मेरठ: चुनाव घोषणा होने के बाद उत्तर प्रदेश में पहली रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज आरोप लगाया कि उन्होंने नोटबंदी से जिन भ्रष्ट लोगों को धन निकलवाया था वे ही उन्हें हराने के लिए एकजुट हो गये हैं। उन्होंने सपा-कांग्रेस गठबंधन को निशाना बनाते यह भी आरोप लगाया कि हाल तक एक दूसरे पर आरोप लगाने वाली ये दोनों पार्टियां खुद को बचाने के लिये अब गले मिल गयी हैं।
मोदी ने उत्तर प्रदेश के लोगों से स्कैम से निजात पाने को कहा। इसमें एस का मतलब समाजवादी पार्टी, सी का मतलब कांग्रेस ए का मतलब अखिलेश यादव और एम से मायावती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों को भाजपा के विकास एजेंडा तथा अपराधियों को शरण देने वाले, वोट बैंक राजनीति करने वालों और भूमि एवं खनन माफिया को प्रोत्साहन देने वालों में से किसी एक का चुनाव करना होगा। एक घंटे से अधिक दिए भाषण में उन्होंने राज्य में कथित रूप से व्याप्त भ्रष्टाचार, कानून एवं व्यवस्था की स्थिति, भाई-भतीजावाद की चर्चा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश का भाग्य बदलने के लिए राज्य की सरकार बदलना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि उन्हें उत्तर प्रदेश ने ही प्रधानमंत्री बनाया है और वह उसका कर्ज उतारना चाहते हैं। उन्होंने कहा, यह तभी होगा जब कोई सरकार विकास के लिये केन्द्र से हाथ मिलाये । इस सरकार की तरह नहीं जो इसके विकास में बाधक है । कांग्रेस एवं समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के खिलाफ अभियान चलाया था। उन्होंने हैरत जतायी कि ऐसा क्या हुआ जिससे दोनों ने अब हाथ मिला लिए। उन्होंने कहा, रातों रात ऐसा क्या हुआ कि वे गले मिल गए। जो खुद अपने को नहीं बचा सकते, वे उत्तर प्रदेश को भी नहीं बचा सकते। किसानों को लुभाते हुए उन्होंने छोटे एवं सीमांत किसानों के रिण माफ के पार्टी के वादे को दोहराया और सत्ता में पार्टी के आने पर गन्ना उत्पादकों के बकाया को 14 दिन में चुकाने को कहा।




गरीब एवं किसान समर्थक होने का दावा करते हुए मोदी ने कहा कि हाल का बजट उनके और मध्यम वर्ग के लोगों को ही ध्यान में रखकर बनाया गया । ब्रिटिश शासन के दौरान 1857 में विद्रोह का सूत्रपात मेरठ से ही होने की बात की ओर ध्यान दिलाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने गरीबी, भ्रष्ट ताकतों और भू माफियाओं के खिलाफ लड़ाई का प्रारंभ करने के लिए इसी स्थान का चुना है। प्रधानमंत्री ने नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि वह शिखर से व्यवस्था को बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उन्हें छोटी लड़ाइयों में कोई रूचि नहीं है। उन्होंने कहा, पार्टी टिकट बेचकर करेंसी नोट से कमरे भरने वाले लोग बहुत चिंतित हो गये क्योंकि मैंने आठ नवंबर को रात आठ बजे घोषणा कर उनको धन बैंकों में जमा करवाने के लिए मजबूर कर दिया। मोदी ने कहा, मैं जानता हूं कि वे सब मेरे खिलाफ एकजुट हो जाएंगे। वे तूफान उठा देंगे क्योंकि मोदी ने उन्हें लूट लिया। वे उसे नीचे ले आएंगे। उन्होंने कहा, आपको क्या लगता है कि भ्रष्टाचार समाप्त होना चहिए और काला धन समाप्त होना चाहिए। मैं यही कर रहा हूं और न तो खुद चैन से बैठूंगा और इन लूटने वालों को भी चैन नहीं लेने दूंगा। मेरा विरोध करने के लिए भले ही जितने भी लोग एकजुट हो जाए, मेरी लड़ाई नहीं रूकेगी। मोदी नहीं रूकेगा। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी की कर्नाटक सरकार के एक मंत्री के पास 150 करोड़ रूपये पाए गये और उसने संबंधित मंत्री के खिलाफ कुछ नहीं किया।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि पहले उनकी सरकारी चिंता परिवार को लेकर थी, उसके बाद अपने बारे में और अब कुर्सी को लेकर है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा में ऐसे लोगों को भी टिकट दिये गये जिनमें खनन माफिया चलाने, अपराधियों, बलात्कारियों और भूमि पर कब्जा करने वालों को संरक्षण देने आरोप है।

Friday 3 February 2017

मेरठ हत्या, विरोध में अमित शाह ने पदयात्रा स्थगित की

मेरठः  कारोबारी की हत्या के विरोध में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को शहर में प्रस्तावित अपनी पदयात्रा रद कर दी। मेरठ पहुंचे अमित शाह ने कहा कि जिस इलाके में घर के सामने ही एक नौजवान कारोबारी की हत्या कर दी गई हो, उस इलाके में चुनावी संपर्क का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने मृतक कारोबारी अभिषेक के घर पर परिजनों से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया।

ब्रह्मपुरी तिराहे पर करीब 12 बजे पहुंचे अमित शाह ने अपने 15 मिनट के संबोधन में कानून-व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार को जमकर कोसा। उन्होंने अभिषेक की हत्या के हवाले से पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। कहा कि प्रदेश में हर रोज़ 24 बलात्कार और 21 बलात्कार के प्रयास होते है। बलात्कार की घटनाओं में 161 प्रतिशत वृद्धि हुई है। हर दिन 13 मर्डर होते है। इनमें से 70 प्रतिशत घटनाएं सपा के मंत्रियों के इलाके में होती है। दो लाख 78 हज़ार आपराधिक घटनाएं यूपी में हुई। सपा के कार्यकाल में 500 दंगे हुए। उन्होंने कहा कि अच्छा होगा कि आज प्रस्तावित अपनी संयुक्त प्रेसवार्ता में अखिलेश यादव और राहुल गांधी सूबे की कानून-व्यवस्था पर भी कुछ बोलें। उन्होंने कहा कि गठबंधन करने वाली कांग्रेस और सपा ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है। एक ने देश तो दूसरे ने प्रदेश को लूटा है।
अमित शाह ने कहा कि यूपी चुनाव की शुरुआत पश्चिमी यूपी से शुरू होने जा रही है। इसी से साफ है कि इसका क्या महत्व है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकारों की अनेदेखी के कारण उत्तर प्रदेश विकास में काफी पिछड़ गया है। भाजपा चाहती है कि प्रदेश विकास के रास्ते पर चले। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था, पश्चिम उत्तर प्रदेश के पलायन और असल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए सपा और कांग्रेस का गठबंधन हुआ है। दोनों शहजादे यूपी की जनता के आंखों में धूल झोंकना चाहते हैं। उन्होंने पार्टी का संकल्प पत्र भी दोहराया। कहा कि आने वाले दिनों में किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर लोन मिलेगा। गन्ना किसानों का बकाया बहुत बड़ी समस्या है।
अमित शाह को शुक्रवार को दिल्ली चुंगी से शारदा रोड होते हुए घंटाघर तक पदयात्रा करनी थी। इसके लिए पार्टी ने पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन गुरुवार को ब्रह्मपुरी में गुटखा कारोबारी के बेटे अभिषेक की लूट के विरोध में हत्या और अन्य चार को गोली मारने की घटना ने पूरा माहौल बदल दिया। सुरक्षा की दृष्टि से आज सवेरे प्रशासन ने पदयात्रा का रूट भी बदल दिया गया। इस बीच पार्टी नेताओं ने पदयात्रा के स्थान पर खुली जीप से संपर्क यात्रा की तैयारी कर ली थी। दिल्ली चुंगी, घंटाघर पर बड़ी संख्या में पार्टी अध्यक्ष के स्वागत के लिए जुटे थे लेकिन अमित शाह ने कार्यक्रम निरस्त कर दिया।