Monday 20 February 2017

महिमा सुसाइड केसः केंद्रीय मंत्री के दामन पर छींटे तो उछलेंगे ही

मुजफ्फरनगरः छात्रा महिमा सुसाइड केस ने मुजफ्फरनगर की राजनीति में भूचाल ला दिया है। तमाम गैर भाजपाई नेता इस प्रकरण की आड़ में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के मान मर्दन पर उतारू हो गए हैं। रविवार को महिमा की शोक सभा में जब केंद्रीय मंत्री पहुंचे तो उन्हें वहां आक्रोश का सामना करना पड़ा। चूंकि महिमा के पिता देवप्रकाश विश्वकर्मा समाज से संबंध रखते हैं इसलिए इस समाज के लोगों ने इस मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की। संजीव बालियान ने कहा कि उनका इस मामले से कुछ भी ताल्लुक नहीं है और वे चाहते हैं कि इसकी जांच हो। हालांकि संजीव बालियान ने पहले भी कई बार कह दिया है कि उनका इस मामले से किसी भी तरह ताल्लुक नहीं है लेकिन प्रकरण में छींटे उनके दामन पर आ ही गए हैं। इसकी वजह भी है।

दरअसल इस पूरे प्रकरण में पचेंडा निवासी युधिष्ठिर पहलवान नामक जिस ‘दबंग’ व्यक्ति का नाम लिया जा रहा है वह संजीव बालियान के समर्थकों में गिना जाता रहा है। दबंग छवि के लिए मशहूर पहलवान ने कई स्थानों पर मछलियों के पालन के ठेके लिए हुए हैं और सब जानते हैं कि उनके साथ कारोबार में संजीव बालियान के साथी भी शामिल हैं। हालांकि पीएम मोदी द्वारा शुरू से ही बना दिए गए दबाव के बाद भाजपा का कोई भी सांसद सीधे इस तरह के लाभ वाले धंधे में शामिल नहीं हो सकता लेकिन केंद्रीय मंत्री के कई दोस्त इस तरह के कई ठेकेदारी के कामों से जुड़े हुए हैं। यह भी कहा जाता है कि इन सभी को केंद्रीय मंत्री का आशीर्वाद मिला हुआ है। संजीव बालियान पहले से ही प्रापर्टी के धंधे से जुड़े रहे हैं। मेरठ, मुजफ्फरनगर, अमरोहा, हापुड़ व उत्तराखंड में उनकी कंपनी ए टू जेड ने कई बड़ी टाउनशिप डेवलेप की हैं। कागजों में अब संजीव बालियान इनमें से किसी से नहीं सीधे तौर पर जुड़े हैं लेकिन उनके पार्टनर ही इसे हैंडल करते हैं। संजीव बालियान की राजनीतिक बैठकें भी अक्सर इस कंपनी के दफ्तरों पर होती रही हैं।

खैर, युधिष्ठिर पहलवान व उसके साथियों पर आरोप लगा है कि उन्होंने अपने एक कर्मचारी देवप्रकाश पर चार लाख रुपये के गबन का शक किया। इसके लिए कर्मचारी के बेटे को बंधक बनाकर उसे प्रताडित किया गया। देव को जहरखुरानी गिरोह ने बेहोश करके उससे चार लाख रुपये लूट लिए। यह घटनाक्रम लखनऊ, कानपुर व भोपाल में चलता रहा इधर उसके बेटे अक्षय को केवल इसलिए बंधक बना लिया गया क्योंकि पहलवान व उसके पार्टनरों को शक था कि पैसा अक्षय के पिता के पास ही है। पिता के बाद अक्षय भी गायब हो गया तो अंकित विहार में रह रहे उसके परिवार पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा। बेटी महिमा को भी धमकी मिलने लगी तो बेचारी ने भयभीत होकर सुसाइड कर ली। महिमा की मां ने एसएसपी से मिलकर आरोप लगाया कि पहलवान को केंद्रीय मंत्री का सपोर्ट मिल रहा है। यह सब कुछ इतनी तेजी से घटित हुआ कि किसी को समझ में नहीं आया कि क्या हो रहा है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान मुजफ्फरनगर सांसद संजीव बालियान की छवि का हुआ है। संजीव पर यह भी आरोप लगा है कि उन्होंने लखनऊ की एसएसपी मंजिल सैनी को फोन किया और लूटा गया पैसा निकलवाने के लिए जोर दिया। इसी के बाद अक्षय को पुलिस ने प्रताडित किया।

जहां तक संजीव बालियान का आरोपियों के साथ संबंध की बात है तो सब जानते हैं कि एक समय वे पहलवान (जाट) की पत्नी (जो अनूसूचित जाति से है) को पुरकाजी (सु) सीट से टिकट दिलवाने का आश्वासन दिया था लेकिन बात नहीं बन सकी। ऐसे में संजीव खुद को इस प्रकरण से बचा नहीं सकते हैं। फिलहाल संजीव पर दबाव है और यह मामला मीडिया में इस कदर हाईलाइट हो गया है कि इसका संज्ञान पार्टी हाईकमान ने भी ले लिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह व पीएमओ तक भी इस मामले को पहुंचाया जा रहा है। अब इस प्रकरण में भाजपा को ही फैसला करना है। गौरतलब है कि इससे पहले जितने भी मामले संजीव बालियान को लेकर उछले हैं उससे उन्हें नुकसान हुआ है। उनके मंत्रालय में भी बदलाव किया गया था। पहले वह कृषि राज्य मंत्री थे तो बाद में उन्हें छोटे से विभाग जल संसाधन तक सीमित कर दिया गया। सबकी नजर इस पर है कि इस मामले से संजीव कैसे खुद को निकाल पाते हैं।

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