Friday 17 February 2017

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान फिर एक मुसीबत में फंसे

मुजफ्फरनगर: केंद्रीय मंत्री और मुजफ्फरनगर के भाजपा सांसद डॉ. संजीव बालियान की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। मुजफ्फरनगर में एक युवती द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में संजीव बालियान नाम सामने आया है। परिवार ने आरोप लगाया है कि संजीव बालियान के उनके परिवार को प्रताड़ित किए जाने के बाद ही युवती ने सुसाइड किया है।

मृत लड़की की मां का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने उनके परिवार को उजाड़ दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित न्यूज के अनुसार मामला मुजफ्फरनगर के अंकित विहार कॉलोनी का है। यहां महिमा नाम की एक युवती ने आत्महत्या कर ली था। आत्महत्या करने से पहले महिमा ने घर की दीवार पर लिखा था, “मेरे भाई अक्षय को लाकर वापस दो।” महिमा की मां संजी देवी ने आरोप लगाया है कि उनके पति देव प्रकाश बीजेपी नेता की कंपनी में काम करते हैं। चार दिन पहले कंपनी के ही काम से लखनऊ गए थे। इसी दौरान बदमाशों ने देव प्रकाश से चार लाख रुपए लूट लिए। देव प्रकाश ने इस घटना की जानकारी लखनऊ पुलिस और कंपनी के मालिक को दी लेकिन दो दिन बाद भी जब देव प्रकाश घर नहीं लौटे तो उनका बेटा अक्षय उन्हें ढूंढने के लिए निकला। अक्षय भी उसी दिन से लापता है। बाप-बेटे के लापता होने के बाद परिवार ने पुलिस में शिकायत की है। संजी देवी का आरोप है कि कंपनी के मालिक ने उनके बेटे और पति को बंधक बनाया है। वह इस पूरे घटनाक्रम में संजीव बालियान का हाथ होने का आरोप लगा रही हैं। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि पुलिस बालियान के ही दबाव में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। बेटी को खो देने वाली संजी देवी ने कहा कि अगर उनके पति और बेटे को रिहा नहीं किया गया तो वह सीएम के सामने आत्मदाह कर लेंगी। वहीं इस पूरे मामले को संजीव बालियान ने हास्यास्पद बताया है। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। वैसे जानकारी के अनुसार, इस घटना में पचेंडा गांव निवासी कुछ लोगों का हाथ है जो संजीव बालियान के बहुत ही करीबी माने जाते हैं। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री को हमेशा घेरे रहने वाली जाट लॉबी के लोगों के कारण संजीव बालियान अक्सर मुश्किलों में फंसते रहते हैं। बताया जाता है कि उक्त लोग भी संजीव के समर्थकों में शुमार हैं और राजनीतिक मैदान में किस्मत आजमाने के लिए संजीव बालियान के साथ जुड़े हुए हैं।
एसपी सिटी राजेश कुमार का कहना है कि देवप्रकाश से लूट होने की रिपोर्ट लखनऊ में दर्ज की गई है। उन्होंने बताया, देवप्रकाश बुधवार को थाने आए थे। उनके साथ कंपनी के लोग भी थे, हालांकि उनका बेटा जरूर गायब है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
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अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार---
दबंगों के कब्जे से भाई की रिहाई नहीं होने पर आहत बहन ने जान दे दी
दो दिन पहले मृतका की मां ने एसएसपी को दी गई तहरीर में पति और बेटे को अगवा करने का आरोप लगाया था। पुलिस में मामला पहुंचते ही मृतका के पिता को रिहा कर दिया गया, लेकिन भाई के नहीं आने से व्यथित बहन ने पंखे मेें फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली।
नईमंडी कोतवाली के मोहल्ला अंकित विहार में रह रहे शामली के मूल निवासी देव प्रकाश धीमान की बेटी महिमा (19) ने बृहस्पतिवार दोपहर घर में पंखे से लटककर जान दे दी। मृतका ने ऊपरी मंजिल के कमरे में दीवार पर लिखा कि मेरे भाई अक्षय को वापस लाकर दो। वारदात की तहकीकात की गई तो लेनदेन को लेकर कई दिन से पिता और भाई को बंधक बनाए जाने का मामला सामने आया। दहशत से घिरे पीड़ित परिवार ने अफसरों से पिता-पुत्र को बरामद कराने की गुहार लगाई थी।
14 फरवरी को महिमा की मां संजो देवी ने एसएसपी बबलू कुमार को तहरीर दी थी। पीड़िता का आरोप था कि उसका पति देव प्रकाश और बेटा अक्षय कुमार जिला ललितपुर की माता टिल्ला डैम ताल बेहर पर प्राइवेट कंपनी की ठेकेदारी में नौकरी करते हैं। चार फरवरी को पति डैम से मछली से भरे ट्रक के साथ लखनऊ मंडी में बिक्री के लिए आया था। सात फरवरी की शाम वह तीन लाख रुपये का भुगतान लेकर बस अड्डे की ओर निकल गया, लेकिन ललितपुर नहीं पहुंचा। कंपनी के पार्टनर विनोद ने लखनऊ एसएसपी मंजिल सैनी को लापता हुए कर्मचारी देव प्रकाश और कैश बरामद कराने की मांग की थी।
मामला पुलिस में पहुंचते ही दबंगों ने पति को रिहा कर दिया। बुधवार रात मुजफ्फरनगर के नई मंडी थाने पर पीड़िता अपनी बेटी और पति के साथ आरोपियों की मौजूदगी में बेटे की रिहाई के लिए गिड़गिड़ाती रही। पुलिस ने वारदात का घटनास्थल लखनऊ बताकर पल्ला झाड़ लिया। पूरे मामले से आहत अक्षय की छोटी बहन महिमा ने बृहस्पतिवार दोपहर आत्महत्या कर ली। सूचना पर पहुंचे अफसरों ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। एसपी सिटी राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में शहर के तीनों थानों की पुलिस मौके पर मौजूद रही।
इससे पहले मंगलवार को संजो देवी ने एक स्थानीय टीवी चैनल को दिए बयान में आरोप लगाया था कि उसका पति और बेटा केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान की कंपनी के साझीदार के ही कब्जे में हैं। उन्हें छोड़ने के लिए साढ़े चार लाख रुपये का इंतजाम करने की बात कही जा रही है। संजो ने एसएसपी को दी गई तहरीर में भी इस बात का जिक्र किया था। इसी बीच संजो का पति को रिहा कर दिया गया और उसने थाने जाकर इस तहरीर को वापस ले लिया। संजीव बालियान के निजी सचिव नवीन चौधरी का कहना है कि मंत्री का आरोपियों से कोई संबंध नहीं है और न ही मंत्री के कोई ठेके हैं। कागजों में केंद्रीय मंत्री का इस कंपनी से कोई सीधा संबंध नही मिला है। घटना के बाद भी परिवार की ओर से अभी इस मामले मेें कोई तहरीर नहीं दी गई है। एसपी सिटी राजेश कुमार का कहना है महिमा के पिता देव प्रकाश ने लिखित में कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कही है। उसका कहना है कि उसका बेटा खुद ही कहीं गया हैै, आ जाएगा।






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