Tuesday 19 July 2016

मुजफ्फरनगर पर अखिलेश की मेहरबानी की एक नहीं कई वजह

24 घंटे बिजली देने का ऐलान किया, लोकल नेताओं को भी तवज्जो दी

मुजफ्फरनगरः अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर को 24 घंटे बिजली देने का ऐलान करके चुनावी पासा फेंक दिया है। वे यहां मंगलवार को पूर्व सांसद स्व. संजय सिंह चौहान व उनके पिता स्व. नारायण सिंह (पूर्व उप मुख्यमंत्री) की याद में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आए थे। इस कार्यक्रम का आयोजन संजय सिंह चौहान के बेटे चंदन चौहान एडवोकेट ने किया। अखिलेश यादव ने मंच से चंदन चौहान की तारीफ की। चंदन पहले रालोद के साथ थे लेकिन वहां टिकट मिलने का आश्वासन न मिल पाने की वजह से सपा में चले आए। उनके पिता संजय चौहान कभी सपा के टिकट पर मोरना से विधायक बने थे और 2009 में रालोद के टिकट पर बिजनौर से सांसद बने थे। उनका दिल का दौरा पड़ने से अक्टूबर 2014 में निधन हो गया था। सुनने में आया है कि चंदन विस का टिकट मांग रहे हैं और बहुत संभव है कि इस कार्यक्रम के बाद अखिलेश उन पर मेहरबान भी हो जाएं। 



बहरहाल इस कार्यक्रम में भाग लेकर अखिलेश यादव ने एक तरह से चुनावी सभाओं को आगाज भी किया है। एक साल से भी कम समय बचा है। अखिलेश ने कार्यकर्ताओं की अहमियत को समझा है और इसलिए कार्यक्रम शुरू होते समय उन्होंने सभी स्थानीय नेताओं का नाम लिया। साथ ही ये भी कहा कि अगर वे किसी का नाम लेना भूल जाएंगे तो शायद कोई नाराज न हो जाए। गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ही मुजफ्फरनगर सदर सीट पर सपा विधायक चितरंजन स्वरूप का निधन हो जाने के कारण उपचुनाव हुआ था। इस उपचुनाव में चितरंजन के बेटे गौरव स्वरूप को चुनाव लड़ाया गया था लेकिन वे भाजपा के कपिल देव से हार गए। इस हार से अखिलेश को झटका लगा है। पिछले दो तीन साल में जितने भी उपचुनाव हुए सपा ने सारे जीते लेकिन मुजफ्फरनगर की हार ने उन्हें चौंका दिया। इसलिए उन्हें मुजफ्फरनगर की अहमियत का अंदाज लगा है और वे इस पर विशेष ध्यान दे रहे हैं कि आखिर गलत क्या हुआ। वे चौथी बार सीएम के तौर पर यहां आए। हो सकता है कि आगे भी आएं। बिजली की समस्या आम जनता से जुड़ी हुई समस्या है और उन्होंने ये संदेश देने की कोशिश की कि भले ही उनकी पार्टी यहां चुनाव हार गई है लेकिन उनके लिए मुजफ्फरनगर का महत्व कम नहीं हुआ है। मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की वजह से भी उनके लिए सिरदर्द बन सकता है। उन्होंने अपने भाषण में शुरूआती तौर पर बुआ जी (मायावती) पर कुछ कमेंट जरूर किए लेकिन सारा फोकस भाजपा व मोदी सरकार पर ही रखा और ये संदेश देने की कोशिश की कि भाजपा सांप्रदायिक पार्टी है। देखना ये है कि उनका फार्मूला काम आता है या नहीं। अखिलेश ने कई सरकारी काम भी मुजफ्फरनगर में निपटाए। डीएम दिनेश कुमार सिंह का आयोजन शानदार रहा।

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