Monday 3 April 2017

पंकज अग्रवाल की बर्खास्तगी के पीछे कपिल देव का हाथ !

चंद माह में होने हैं चुनाव, दोबारा मैदान में उतरेंगे पंकज
मुजफ्फरनगरः पालिका अध्यक्ष पंकज अग्रवाल को शासन द्वारा बर्खास्त किए जाने के पीछे स्थानीय राजनीति के आरोप लग रहे हैं। बताया जा रहा है कि विधायक कपिल देव अग्रवाल, जो पंकज से पहले चेयरमैन रहे हैं, ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के साथ मिलकर इस मामले में विशेष दिलचस्पी दिखाई थी। पंकज के कामों को देखकर यह कहा जाने लगा था कि कपिल ने भ्रष्टाचार किया था और शहर में कोई विकास नहीं हुआ है। तभी से कपिल उनके पीछे लगे थे।

हालांकि पंकज ने नगर में सबसे ज्यादा विकास कार्य कराए। पंकज को सोमवार को शासन से आदेश के बाद  बर्खास्त कर दिया गया। चेयरमैन पर रिश्तेदारों को ठेके देने सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। शासन ने डीएम से रिपोर्ट मांगी थी, डीएम की रिपोर्ट पर यह कार्रवाई हुई है। शासन के आदेश की प्रति चेयरमैन को रिसीव करा दी गई है। वैसे इसी साल कुछ माह बाद पालिका चुनाव होने हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पंकज को जनता की सहानुभूति मिलेगी और वे दोबारा चुनाव लड़े तो उन्हें फायदा होगा। वैसे पंकज ने फेसबुक पर अपनी पोस्ट लिखी है कि वे दोबारा चुनाव लड़ने का इरादा नहीं रखते थे लेकिन अब वे दोबारा मैदान में उतरेंगे। 

मल्हूपुरा निवासी सामाजिक कार्यकर्ता खालिद ने मुख्यमंत्री और नगर विकास के प्रमुख सचिव से शिकायत करते हुए नगर पालिका चेयरमैन पंकज अग्रवाल पर आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। चेयरमैन पर आरोप था कि उन्होंने अपने ममेरे भाई अनिल सिंघल को पालिका में ठेके देकर अनुचित लाभ दिया। नियमानुसार रिश्तेदारों को ठेके नहीं छोड़े जा सकते। दूसरा आरोप यह था कि पालिका बोर्ड के जिन प्रस्तावों पर मंडलायुक्त ने रोक लगाई, उन्हें पूरा कराकर उनका भुगतान भी कर दिया गया। पालिकाध्यक्ष को एक लाख रुपये तक के निर्माण कार्य करने का अधिकार होते हुए भी पांच से छह लाख तक के कार्य कराए गए। बाद में बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास कर ठेकेदारों का भुगतान कर दिया गया। एसटीपी प्लांट का संचालन एक ही ठेकेदार को देकर लाभार्जन किया गया। शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर खालिद ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की। कोर्ट ने शासन को कार्रवाई के आदेश दिए। 12 अक्तूबर 2015 से शिकायतें लगातार जारी थीं। 
गौरतलब है कि प्रदेश में सत्ता बदलते ही नगर विधायक कपिलदेव अग्रवाल कुछ विधायकों के साथ प्रमुख सचिव नगर विकास से मिले थे। मामले में कार्रवाई करने के लिए अफसरों पर दबाव बनाया गया। डीएम डीके सिंह की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने चेयरमैन पंकज अग्रवाल को बर्खास्त कर दिया। सोमवार सुबह जिला प्रशासन को आदेश मिलते ही कार्रवाई शुरू हो गई। पालिकाध्यक्ष पंकज अग्रवाल को शासन के आदेश रिसीव करा दिए गए। प्रशासक किसे बनाया जाए, प्रशासन में इसको लेकर मंथन हुआ। डीएम डीके सिंह ने शासन से हुई कार्रवाई की पुष्टि की है। पालिकाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई से शहर की राजनीति में खलबली मची रही। चेयरमैन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे मो. खालिद का कहना है कि चेयरमैन की बर्खास्तगी से हमारी जीत हुई है। हम लड़ाई में पीछे नहीं हटे और दो वर्षों से निरंतर संघर्ष कर रहे थे। 


राजनीति से प्रेरित है कार्रवाई: अग्रवाल
चेयरमैन पंकज अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में कोई गलत काम नहीं किया है। डीएम ने शासन को जो रिपोर्ट भेजी है, वह भी हास्यस्पद है। पूरी कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। यदि मैं गलत होता तो मुझे ये लोग बहुत पहले हटवा दिए होते। मेरा नगर पालिका चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन अब जरुर लडूंगा। जनता इन लोगों को खुद जवाब देगी। मुझे हटवाने के लिए नगर विधायक कुछ लोगों को लेकर शासन में लगातार दबाव बनाए हुए थे। चेयरमैन ने यह बात अपनी फेसबुक वॉल पर भी पोस्ट की है।

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