Friday 12 January 2018

हुकुम सिंह की वजह से आलम शामिल हुए हैं रालोद में !

मुजफ्फरनगर/शामलीः जिले की राजनीति में एक चतुर चालाक राजनीतिज्ञ के रूप में अपनी छवि रखने वाले पूर्व सांसद अमीर आलम खां व उनके बेटे पूर्व विधायक नवाजिश आलम खां ने अब रालोद का दामन थाम लिया है। दल बदलने में माहिर आलम का इरादा सब लोग भांप गए हैं। अब वे 2019 में कैराना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। वे खुद चुनाव लड़ेंगे या बेटे को लडवाएंगे यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन यह सही है कि इसके अलावा रालोद में आने की उनके पास कोई दूसरी वजह नहीं है। सपा व बसपा में उनके लिए दरवाजे बंद हो चुके हैं।

दरअसल कैराना लोकसभा सीट से वर्तमान भाजपा सांसद हुकुम सिंह की यह राजनीति में आखिरी पारी है। वे 75 साल की आयु पार कर चुके हैं और पहले ही कह चुके हैं कि अब सक्रिय राजनीति से दूर जा रहे हैं। यही वजह है कि उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में बेटी मृगांका सिंह को टिकट दिलवाया था और अपनी विरासत बेटी को सौंपने की कोशिश की, लेकिन वह जीत नहीं सकी और सपा प्रत्याशी नाहिद हसन (पूर्व सांसद मरहूम मुनव्वर हसन के बेटे) से हार गई। नाहिद अब सपा के विधायक हैं और बहुत कम उम्मीद है कि 2019 में वे लोकसभा चुनाव लड़ें। ऐसे में आलम को कैराना सीट सेफ नजर आ रही है। यहां जाट व मुस्लिम समीकरण की वजह से वे 1999 में भी रालोद के टिकट पर सांसद चुने गए थे। आलम तीन बार थानाभवन सीट से विधायक भी रहे हैं और ज्यादातर जीत उन्हें रालोद के टिकट पर ही मिली हैं।


आलम के साथ पिछले लोकसभा चुनाव से पहले सांप्रदायिक होने का टैग जुड़ गया था। 2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे में उनकी भूमिका को लेकर सवाल उठते रहे हैं। 2012 में उनके बेटे नवाजिश आलम बुढ़ाना से सपा विधायक बने थे लेकिन पांच साल पूरे होने से पहले ही उन्होंने बसपा में जुगाड़ भिड़ाना शुरू कर दिया था। बाद में नवाजिश ने मीरापुर से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और हार गए थे। अब ऐसे में बाप बेटा न सपा के रहे न बसपा के। अब उनके सामने रालोद में ही जाने का चारा बचा था। देखना यह है कि बसपा, भाजपा व सपा कैसे उनकी कैराना में किलेबंदी करते हैं।

अमीर आलम का राजनीतिक सफर - 1985 में लोकदल के टिकट पर थानाभवन से विधायक
- 1989 में जनता दल से मोरना क्षेत्र से विधायक
- 1991 में मुलायम सिंह यादव की सरकार में परिवहन राज्य मंत्री बने
- 1996 में सपा के टिकट पर थानाभवन से विधायक बने
- 1999 में रालोद प्रत्याशी के रूप में कैराना से सांसद बने
- 2006 में सपा की ओर से राज्य सभा सदस्य बनाए गए



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