Sunday 22 May 2016

यूपी मिशन 2017: जानिये किस पार्टी में क्या हो रहा है

सहारनपुर की रैली से मोदी फूकेंगे 26 मई को बिगुल 
नई दिल्लीः पांच राज्य के विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद लिटमस टेस्ट माने जाने वाले उत्तरप्रदेश के 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां शुरू हो गई है । भाजपा 26 मई को प्रधानमंत्री की सहारनपुर रैली से इसकी शुरूआत कर सकती है तो कांग्रेस चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को जोड़ते हुए अपनी चुनावी मुहिम को आगे बढ़ा रही हैै। वहीं सपा मुलायम सिंह यादव के मार्गदर्शन एवं राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में फिर सत्ता हासिल करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ रही है।

    बसपा की चुनावी रणनीति पूरी तरह से मायावती के इर्द गिर्द है और आसन्न विधानसभा चुनाव में वह फूंक फूंक कर कदम उठा रही ताकि 2014 के लोकसभा चुनाव जैसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़े जब पार्टी को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी।  चुनाव तैयारियों के तहत मायावती स्वयं जिला एवं मंडल स्तर पर तैयारियों की समीक्षा कर रही है । उन्होंने हाल ही में वर्तमान विधायकों को फिर से टिकट देने का आश्वासन दिया और दलितोंं से एकजुट होने का आह्वान करते हुए आरोप लगाया कि सपा और भाजपा दोनों की नीयत में खोट है और वे दलितों का भला नहीं कर सकते।
उत्तरप्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने जून के दूसरे सप्ताह में इलाहाबाद में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक आयोजित करने का कार्यक्रम तय किया है। इलाहाबाद कभी कांग्रेस का गढ माना जाता था और अभी यह धार्मिक, सांस्कृतिक केंद्र के रूप में जाना जाता है।  26 मई को ही भाजपा की केंद्र सरकार के 2 साल पूरे हो रहे हैं । इसी कारण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तरप्रदेश को रैली के लिये चुना है और राजनीतिक गलियारों में ये कयास लगाया जा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी शंखनाद करेगी । राज्यसभा में बहुमत के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा अपनी जीत सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती।  
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि भाजपा भ्रष्ट्राचार मुक्त और अराजकता मुक्त देश और उत्तरप्रदेश को संकल्पित है। हम देश को विकास के पथ पर अग्रसर करना चाहते हैं। '' सपा हो या बसपा... दोनों में भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी को लेकर प्रतिस्पर्धा है और उत्तप्रदेश की जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। नकवी ने कहा कि उत्तरप्रदेश में चाहे सपा का शासन रहा हो या बसपा का... प्रदेश विकास से दूर ही रहा है। उत्तरप्रदेश में भाजपा की सबसे बड़ी चुनौती मुलायम सिंह यादव की सपा और मायावती की बसपा है। मुलायम सिंह की पार्टी पिछड़ा और मुस्लिम वोटबैंक को आगे बढ़ाने की रणनीति पर चल रही है। साथ ही वह ठाकुर मतों को साथ जोडऩे की पहल कर रही है। इसी रणनीति के तहत पार्टी अमर सिंह को राज्यसभा भेज रही है।
मायावती की पार्टी बसपा के साथ पिछले दो दशकों से पिछड़े वर्ग के मतदाताओं का बहुत बड़ा हिस्सा गोलबंद रहा है हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में यह स्थिति नहीं रही थी।  भाजपा ने कई कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तैयार की है । इसके तहत 26 से 31 मई तक पार्टी 'विकास पर्व सप्ताह' मनायेगी जिसमें पार्टी के सांसद विभिन्न जिलों में चौपाल का आयोजन करेंगे। उत्तरप्रदेश में सपा और बसपा के अलावा पार्टी में गुटबाजी को प्रमुख चुनौती माना जा रहा है । कई प्रमुख नेताओं के अलग अलग गुट उभरते रहे हैं। ऐसे में असम की तरह से उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना बहुत बड़ी चुनौती है।  हाल के दिनों में राज्य में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में स्मृति ईरानी के नाम पर अटकलें सामने आई । ऐसी भी खबरे आई कि प्रशांत किशोर ने कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी के नाम की वकालत की है।
  उत्तरप्रदेश प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा के शासनकाल में गुंडागर्दी का दौर रहा, कानून एवं व्यवस्था की स्थिति ने लोगों को पूरी तरह से निराश किया । युवाओ को छलने का काम किया । किसान पूरी तरह से परेशान है । बुंदेलखंड के अधिकांश क्षेत्र में राहत राशि प्रदेश सरकार ने बांटी ही नहीं। राज्य का विकास ठप्प पड़ गया है।
वर्ष 2017 में होने वाला उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव अहम माना जा रहा है क्योंकि यहीं से 2019 के लोकसभा चुनाव का रास्ता भी तय हो सकता है।  भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री ने कहा कि उत्तरप्रदेश को आगे बढ़ाने में किसानों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। किसानों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने राज्य को हर तरह से भरपूर मदद दी । लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तरप्रदेश में धन का सदुपयोग नहीं हो सका ।  बुंदेलखंड के बारे में एक सवाल के जवाब में नकवी ने कहा कि केंद्र सरकार ने बुंदेलखंड के लिए विशेष पैकेज दिया । अब राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि वह धन का कितना सदुपयोग करती है।  उत्तरप्रदेश में जदयू ने भी अपना अभियान शुरू कर दिया है और प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में हाल ही में नीतीश कुमार की रैली भी हुई । इसके अलावा पूरे प्रदेश में जदयू ने सम्पर्क अभियान शुरू करने की बात कही है।

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