Tuesday 17 May 2016

मंजिल सैनीः मुजफ्फरनगर से हटाए जाने पर जाना चाहती थी केंद्र में

- अब लखनऊ की पहली एसएसपी बनेंगी दिल्ली में पली बढ़ी मंजिल सैनी
- मुजफ्फरनगर दंगे के समय सीएम अखिलेश ने किया था उनका तबादला 

लखनऊ: जिस आईपीएस अधिकारी को यूपी में केवल एक शिकायत की वजह से सीएम अखिलेश यादव ने हटा दिया था उसे अब प्रदेश में सबसे महत्वपूर्ण पोस्टिंग यानी लखनऊ की एसएसपी के पद से नवाजा जा रहा है। मंजिल सैनी लखनऊ की पहली महिला एसएसपी होंगी। ये वही मंजिल सैनी हैं जिन्हें मुजफ्फरनगर से एसएसपी की पोस्ट से केवल इसलिए स्थानांतरित कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने सूबे के कद्दावर सपा नेता आजम खां के कहने पर कुछ मुस्लिम युवकों को नहीं छोड़ा था।

मुजफ्फरनगर का इतिहासः2013 के सितंबर माह में मुजफ्फरनगर में एक दोहरा हत्याकांड हुआ था और उसमें दो जाट युवकों की हत्या कुछ मुस्लिम युवकों द्वारा कर दी गई थी। इस मामले में एसएसपी मंजिल सैनी ने कुछ युवकों को उठा लिया था। ये सभी हत्या में शामिल थे, लेकिन कुछ सपा नेताओं ने आजम खां के माध्यम से सैनी पर दबाव बनाया कि वह उन्हें छोड़ दें लेकिन मंजिल ने ऐसा करने से मना कर दिया तब आजम के कहने पर न केवल एसएसपी बल्कि मुजफ्फरनगर के डीएम सुरेंद्र कुमार का भी तबादला कर दिया गया था। सुरेंद्र कुमार इन युवकों के खिलाफ रासुका जैसी कड़ी कार्रवाई के पक्ष में थे। आजम के कहने पर डीएम व एसएसपी का तबादला तो कर दिया गया लेकिन मुजफ्फरनगर दंगे की आग में घिर गया। इसके बाद वहां 63 लोग मारे गए और हजारों लोगों को घर से बेघर होने पर मजबूर होना पड़ा। मरने वालों में सबसे ज्यादा मुसलमान थे। जब मुजफ्फरनगर से मंजिल को हटाया गया था तो उन्होंने निराश होकर केंद्रीय नियुक्ति के लिए भी आवेदन किया था लेकिन राज्य सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी।

लखनऊ पोस्टिंगः
मंजिल सैनी की लखनऊ की एसएसपी की तौर पर तैनाती के लिए काफी नाटक हुआ। सोमवार को मंजिल सैनी को लखनऊ तैनात किए जाने का आदेश जारी हुआ लेकिन 3 घंटे बाद ही तबादला रोक दिया गया। अखिलेश सरकार ने एसएसपी राजेश पांडे को डीजीपी ऑफिस भेजते हुए उनकी जगह इटावा की एसएसपी मंजिल सैनी को लखनऊ की एसएसपी बनाने का फैसला लिया था। मुख्यमंत्री कार्यालय ने सोमवार को बाकायदा ट्वीट करके मंजिल सैनी को एसएसपी लखनऊ बनाए जाने की जानकारी दी लेकिन मंजिल सैनी को राजधानी की कमान सौंपने को लेकर सोमवार रात तक ऊहापोह की स्थिति बनी रही। मंजिल को राजधानी की पहली महिला एसएसपी नियुक्त होने की बधाइयां भी मिलने लगीं थी लेकिन सोमवार की रात पौने 11 बजे शासन स्तर से मंजिल का तबादला रोक दिया गया। प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पण्डा ने मंजिल सैनी का तबादला रोके जाने की पुष्टि की थी। इसे लेकर उहापोह की स्थिति रही और मंगलवार को दोपहर बाद स्थिति साफ हुई। यूपी गवर्नमेंट के आफिशियल ट्विटर हैंडल से मंजिल सैनी को लखनऊ की एसएसपी बनाए जाने की घोषणा हुई। इस तरह आजादी के बाद पहली बार लखनऊ में महिला एसएसपी की तैनाती हुई।

दिल्ली में पली बढ़ी हैं मंजिल सैनी
19 सितंबर 1975 को दिल्ली में जन्मी मंजिल सैनी ने अपनी पढ़ाई सेंट स्टीफेंस कॉलेज से की। इसके बाद दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनामिक्स से मंजिल ने न सिर्फ मास्टर डिग्री हासिल की बल्कि गोल्ड मेडल भी हासिल किया। वर्ष 2005 बैच की आईपीएस अधिकारी मंजिल सैनी इसके पहले इटावा, मुजफ्फरनगर, बदायंू, मथुरा समेत आधा दर्जन से ज्यादा जनपदों में बतौर पुलिस कप्तान तैनात रहीं। इटावा में वह बीते एक साल से बतौर एसएसपी तैनात थी। ट्रेनिंग पूरी करने के महज छह माह के अंदर ही मंजिल ने मुरादाबाद में तैनाती के दौरान गुडगांव के 2008 के बहुचर्चित किडनी रैकेट का भंडाफोड़ किया जिसके चलते वो सुर्खियों में आई थी। कुछ समय पहले सैफई में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनके कामकाज की जमकर तारीफ की थी। जिसके बाद शासन स्तर पर मंजिल सैनी के एसएसपी लखनऊ बनाए जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था।

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