Tuesday 3 July 2018

मल्लिका शेरावत ने किया खुलासा- हीरो से इंटीमेट न होने का भरा भारी खामियाजा


मुंबई: बड़े पर्दे पर अपने अंतरंग दृश्यों से दर्शकों को चौंकाने वाली अभिनेत्री मल्लिका शेरावत का कहना है कि इस छवि की एक कीमत है क्योंकि निर्देशक , सह - कलाकार सहित सभी लोगों को लगता था कि वह आसानी से 'समझौता' कर लेंगी। वर्ष 2004 में आई फिल्म 'मर्डर' से बड़े पर्दे पर बोल्ड सीन का पर्याय बनी मल्लिका का कहना है कि इस छवि से लोगों को उनके चरित्र पर टिप्पणी करने का मौका मिल गया। मल्लिका ने एक इंटरव्यू में कहा कि मेरे पर कई आरोप हैं। अगर बड़े पर्दे पर आप शार्ट स्कर्ट पहनते हैं, किस करते हैं तो आपको अनैतिक महिला समझ लिया जाता है। 



उन्होंने कहा कि मुझे फिल्मों से इसलिए बाहर निकाल दिया गया क्योंकि अभिनेता कहते थे कि 'तुम मेरे साथ संबंध क्यों नहीं बना सकती? अगर तुम बड़े पर्दे पर ऐसा कर सकती हो, तो निजी ङ्क्षजदगी में ऐसा करने में क्या आपत्ति है? इसलिए मेरे हाथ से कई फिल्में चली गईं। यह समाज की सोच को प्रतिङ्क्षबबित करता है, जिसका सामना महिलाएं हमारे देश में करती हैं। बता दें कि मल्लिका शेरावत आखिरी बार फिल्म 'डर्टी पॉलीटिक्स' (2015) में नजर आई थीं। वह जल्द ही फिल्म 'जीनत' में नजर आएंगी। बता दें कि मल्लिका शेरावत इन दिनों अपनी वेब सीरीज 'द स्टोरी' को प्रमोट कर रही हैं। 

मल्लिका जितनी अपनी फिल्मों और बोल्ड अवतार के लिए जानी जाती हैं, उतनी ही अपनी बेबाक राय के लिए भी प्रसिद्ध हैं। ऐसे में अब मल्लिका शेरावत ने कास्टिंग काउच से जुड़े अपने अनुभव पर खुलकर बात की। मल्लिका शेरावत ने कहा कि आदमी अक्सर छूट लेने की कोशिश करते हैं। साथ ही हम जिस तरह के किरदार करते हैं उनके लिए हमें जज किया जाता है। अगर आप शॉर्ट स्कर्ट पहनती हैं, ऑन स्क्रीन किस कर लेती हैं तो आप एक गिरी हुई महिला हैं जिसके कोई मूल्य नहीं हैं। ऐसे में आदमी अक्सर छूट लेने की कोशिश करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैं किसी खास तरह के इलाके से आती हूं और मैंने कितना संघर्ष किया इस सब को दरकिनार कर दिया जाता है और बस यही याद किया जाता है कि मैंने स्क्रीन पर कितने किस किए हैं। 'ख्वाहिशें', 'अगली और पगली' और 'किस किस की किस्मत' जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी मल्लिका शेरावत ने बताया कि कैसे निर्देशक उन्हें अजीब समय पर मिलने बुलाते थे। 

उन्होंने कहा कि मैं अपनी सोच में बिलकुल साफ हूं और किसी भी तरह का समझौता नहीं कर सकती। मुझे खुद पर काफी गर्व और आत्मविश्वास है। एक समय ऐसा भी था जब निर्देशक मुझे सुबह 3 बजे मिलने बुलाते थे। मैं इस सब के बारे में बात करने से काफी डरती थी कि वह इसके लिए मुझ ही पर दोष लगाएंगे। मुझे लगता था जैसे मैंने ही कुछ ऐसा व्यवहार किया है कि डायरेक्टर ने मुझसे ऐसी बात की है। हमारे दिमाग में हमेशा पीडि़त पर ही आरोप लगाने की आदत है।

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