Monday 8 February 2016

यूपी में गुंडाराजः Times Now चैनल की टीम को सपा विधायक समर्थकों ने बंधक बनाया

- शामली जिले में हर्ष फायरिंग की थी सपा विधायक नाहिद हसन समर्थकों ने, फायरिंग में हुई थी बच्चे की मौत

- चैनल टीम के पास थी फायरिंग करते कार्यकर्ताओं की फुटेज, जिले डिलिट करवाने के लिए बंधक बनाया महिला रिपोर्टर व कैमरामेन को

- भाजपा और कांग्रेस ने की आलोचना, चैनल एडिटर्स ने विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग अखिलेश यादव से की

लखनऊ/नई दिल्लीः यूपी में सत्ता के मद में चूर सपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने रविवार को नंगा नाच किया। शामली जिले की कैराना सीट से विधायक नाहिद हसन के समर्थकों ने ब्लाक प्रमुख चुनाव में अपनी समर्थित प्रत्याशी की जीत के बाद सड़कों पर खुलेआम हर्ष फायरिंग की जिसमें एक मुस्लिम बालक की मौत हो गई। ये पूरा प्रकरण कैमरे में कैद हो गया। मीडिया ने फायरिंग की फुटेज दिखाई जिसमें खुलेआम सपा कार्यकर्ता व विधायक के समर्थक सड़क पर गोलियों की बौछार कर रहे थे। देश के जाने-माने टीवी चैनल Times Now की महिला रिपोर्टर सामिया और कैमरामेन रिपोर्टर मुकेश जब सोमवार को इस मामले की पड़ताल के लिए कैराना पहुंचे तो उन्हें नाहिद हसन के समर्थकों ने बंधक बना लिया और उनकी रिकार्डिंग को डिलिट करने के बाद ही जाने दिया।


सोमवार को चैनल के एडिटर अरनब गोस्वामी ने खुद इस मामले को चैनल के माध्यम से उठाया और सपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने जब अपनी पार्टी का समर्थन करने का प्रयास किया तो उन्हें खूब भला बुरा कहा। भाजपा के प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि सपा कार्यकर्ताओं ने ऐसा करके न केवल मीडिया के कामकाज में दखल किया है बल्कि अपने अपराध पर पर्दा डालने का काम भी किया है। यही सपा का चरित्र है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी इस मामले की आलोचना की है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इसके लिए ‘ब्राडकास्ट एडिटर्स’ बॉडी ने यूपी के सीएम अखिलेश यादव को भी लिखा है और चैनल क्रू को बंधक बनाए जाने के मामले पर कार्रवाई की मांग की है। हालांकि अखिलेश यादव ने कहा है कि आरोपी सपा कार्यकर्ता नहीं हैं। उन्होंने डीजीपी को आदेश दिए हैं कि सभी आरोपी गिरफ्तार किए जाएं और उनके लाइसेंस रद्द किए जाएं। 

दरअसल रविवार को यूपी में ब्लाक प्रमुख चुनाव संपन्न हुए। शामली जिले के कैराना ब्लाक प्रमुख के पद पर समाजवादी पार्टी समर्थित नफीसा विजयी हुई। उन्हें सपा के कैराना से विधायक नाहिद हसन का समर्थन प्राप्त था। उनके समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर हर्ष फायरिंग की। हर्ष फायरिंग में कैराना निवासी अहसान के पुत्र समीर (13) की गोली लगने से मृत्यु हो गई। समीर परिजनों के साथ ई रिक्शा में बैठकर जा रहा था। घटना के बाद परिजनों ने समीर के शव को पानीपत-खटीमा राजमार्ग पर रखकर जाम लगा दिया। पुलिस अधीक्षक विजय भूषण ने प्रदर्शनकारियों को मामले में आरोपियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम खुलवाया। उन्होंने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए निर्देश दिए गए हैं। हालांकि इसमें कोई गिरफ्तारी अभी तक नहीं की गई है। 

अजीब बात ये है कि जिस समय फायरिंग हो रही थी उस समय कैराना ब्लाक कार्यालय के बाहर खड़े पुलिस और पीएसी के जवान तमाशा देख रहे थे। 25 से ज्यादा राउंड गोलियां चलीं और वह भी तमंचों से। चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लगी हुई थी। इसके बावजूद पुलिस ने कैराना ब्लाक कार्यालय के बाहर भीड़ जमा होने दी। पुलिस ने भीड़ को एक बार भी हटाने का प्रयास नहीं किया। भीड़ के बीच युवक अवैध असलहे लेकर पहुंचे हुए थे। फायरिंग करने वालों को पुलिस का बिल्कुल खौफ नहीं था। यदि पुलिस पहले दौर की फायरिंग में ही आरोपियों की धरपकड़ कर लेती, तो दूसरी बार फायरिंग नहीं होती, मगर पुलिस ऐसा कर नहीं सकी।

सपा विधायक नाहिस हसन का बैकग्राउंडः::


सपा विधायक नाहिद हसन का पूरा परिवार राजनीति में है। नाहिद हसन के पिता स्व. मुनव्वर हसन सपा के पुराने नेता थे। उनके नाम 41 साल की आयु में ही विधान परिषद, विधानसभा, राज्यसभा व लोकसभा के सदस्य बन जाने का रिकार्ड है। 2008 में सड़क हादसे के दौरान हसन की जब मौत हो गई थी तो वे मुजफ्फरनगर से सपा के सांसद थे लेकिन मायावती उन्हें 2012 के विधानसभा चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी थी। यानी वे सपा सांसद होते हुए भी खुद को बसपा का प्रत्याशी घोषित करा चुके थे। बाद में मायावती ने हसन की बेवा तबस्सुम बेगम को टिकट दिया था जो 2009 में कैराना से सांसद बनी। बेगम ने अपने बेटे नाहिद को राजनीतिक विरासत सौंपी है। 2014 में जब कैराना के विधायक हुकुम सिंह लोकसभा चुनाव जीत गए तो वहां उपचुनाव हुए थे। उपचुनाव में नाहिद हसन ने सपा से टिकट लिया और विधायक बन गए थे। उनके पिता पर भी कई मामले चलते रहे थे। मायावती पर गेस्ट हाउस प्रकरण में हुए हमले में मुनव्वर का नाम था। बाद में उन पर रेप का भी आरोप एक महिला ने लगाया था। एक बार उन्होंने विकास भवन के एक सरकारी अधिकारी को घर से उठवा लिया था। लगता है नाहिद हसन भी पिता के पदचिह्नों पर चल निकले हैं। पिछले साल उनके समर्थकों ने शामली-दिल्ली रेलवे लाइन पर जाम लगाकर हंगामा किया था और उसमें भी नाहिद हसन का नाम आया था।



No comments:

Post a Comment