Wednesday 15 June 2016

विरोध के बीच कैराना पहुंचा भाजपा का दल, कैराना के लोगों ने की नारेबाजी

कैरानाः हिंदू परिवारों के पलायन के मामले की जांच के लिए बुधवार को मौके पर पहुंचे भाजपा के दल को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। कैराना में मुख्य बाजार के चौराहे पर इस दल के खिलाफ सैकड़ों लोगों ने नारेबाजी की। दरअसल भीड़ में मौजूद कैराना के कुछ विशिष्ट नागरिक इस दल से मिलना चाहते थे और अपनी बात उनके सामने रखना चाहते थे लेकिन जब दल ने इससे इंकार कर दिया तो उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। मौके पर मौजूद भारी फोर्स ने किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया और दल को वहां से रवाना किया। दल अपनी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को सौंपेगा जो बाद में इसे राष्ट्रीय नेतृत्व के हवाले करेंगे।

भाजपा ने इलाहाबाद में हाल ही में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में घोषणा की थी कि वे अपनी टीम को कैराना भेजेंगे। इसी के तहत एक नौ सदस्यीय दल कैराना पहुंचा। इस मुद्दे को उठाने वाले कैराना के भाजपा सांसद हुकुम सिंह के मायापुर स्थित फार्म हाउस पर एक घंटे तक मीटिंग करने के बाद इस टीम ने कैराना में उन परिवारों से मुलाकात की जो यहां से पलायन कर गए हैं। इन लोगों के परिजनों को यहां पहले से ही बुला लिया गया था। 2014 में राजेंद्र व शिव कुमार नामक जिन व्यापारियों की हत्या कर दी गई थी उनके परिजनों का कहना था कि सपा सरकार ने उनसे पांच लाख रुपये हर्जाना व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक कुछ नहीं मिला है। भाजपा टीम का नेतृत्व उत्तर प्रदेश विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता सुरेश खन्ना ने किया।

खन्ना के अलावा इस दल में बागपत के सांसद सतपाल सिंह, सहारनपुर के सांसद राघव लखनपाल शर्मा, बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह, अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम, आंवला के सांसद धर्मेंद्र कश्यप और उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल शामिल रहे। इसके अलावा कैराना सांसद हुकुम सिंह व थानाभवन के विधायक सुरेश राणा भी मौजूद रहे। बाद में मीडिया से बात करते हुए खन्ना ने कहा कि हुकुम सिंह ने 346 कैराना व 63 कांधला के परिवारों की सूची जारी की है लेकिन मौके पर लोगों से बात करने के बाद जो हालात सामने आए हैं उन्हें देखकर लगता है कि स्थिति और भी खराब है।
भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने आरोप लगाया था कि शामली जिले के कैराना गांव से हिंदुओं के पलायन के पीछे अपराध मुख्य वजह है। प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। विधायक सुरेश राणा ने कहा कि हम तीन साल से विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते आ रहे हैं। हम केवल तभी पलायन की बात करते हैं जब डर का माहौल अपने चरम पर होता है। अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चाहते तो काफी समय पहले ही हालात को नियंत्रित कर सकते थे। हालांकि शामली के जिला मजिस्ट्रेट सुजीत कुमार ने इलाके से कुछ लोगों के जाने के पीछे सांप्रदायिक या कानून व्यवस्था की वजहों की संभावना को खारिज कर दिया है।


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