Thursday 2 June 2016

जाट आरक्षण: अमित शाह ने संजीव बालियान को सौंपी जाटों से बातचीत करने की जिम्मेदारी

हर हाल में जाट आरक्षण को लागू करवा कर रहेंगे: संजीव बालियान 
नई दिल्ली: जाटों द्वारा आरक्षण आंदोलन फिर से शुरू करने का फैसला लिए जाने की पृष्ठभूमि में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा करने के लिए आज भाजपा प्रमुख अमित शाह से भेंट की और कहा कि उनकी सरकार शांति भंग करने को अनुमति नहीं देगी।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले (मुजफ्फरनगर सांसद) जाट नेता और केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान को पार्टी ने इस मामले में समुदाय के नेताओं से बातचीत करने की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जाट कोटा वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और मुकदमे को पूरी मजबूती से लड़ेगी। गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने जाट आरक्षण पर रोक लगा दी है। शाह के साथ बैठक में खट्टर के अलावा बालियान और पार्टी महासचिव तथा हरियाणा प्रभारी अनिल जैन भी मौजूद थे।
इस साल फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में कम से कम 30 लोग मारे गए थे और सैकड़ों करोड़ रूपए मूल्य की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।
बालियान का कहना है कि सरकार आरक्षण देने को तैयार है लेकिन अदालत के आदेश ने उसे रोक रखा है। उन्होंने कहा कि हम प्रत्येक प्रयास कर रहे हैं। हम सबसे अच्छे वकीलों को चुनेंगे ताकि आरक्षण बहाली सुनिश्चित हो सके। दूसरी ओर हरियाणा में 5 जून से दोबारा शुरू हो रहे जाट आरक्षण आंदोलन को लेकर हरियाणा सरकार, भारतीय जनता पार्टी और खुद केंद्र की मोदी सरकार सतर्क हो गई है। हाईकमान ने हरियाणा सरकार को कहा है कि चाहे जैसे भी हो इस मसले को हल किया जाना चाहिए।

3 घंटे बैठक, 5 जून से जींद से आंदोलन

हरियाणा में 5 जून से दोबारा शुरू हो रहे आंदोलन को लेकर अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने आज दिल्ली सिथत हरियाणा भवन में करीब 3 घंटे बैठक की। इसकी अध्यक्षता यशपाल मलिक ने की। इस मौके पर समिति की पूरी टीम के साथ 60-70 जाट नेता मौजूद रहे। इस मौके पर फैसला लिया गया कि अंादोलन 5 जून से ही जींद से शुरू होगा। मलिक ने कहा कि हम शांति पूर्वक देहात इलाकों में प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए 15 प्वांइट चिंहित किए हैं, जहां पर प्रदर्शन किया जाएगा। इसके लिए हमने वालंटियर भी बनाए हैं, जो उपद्रवियों पर नजर रखेंगे। आंदोलन अभी से नहीं बल्कि एक दशक से चल रहा है, लेकिन हाल ही में हुए आंदरोलन को कुछ लोगों ने साजिश के तहत बदनाम और खराब करने की कोशिश की। सरकार गलत लोगों पर अपनी ताकत का इस्तेमाल कर सकती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दिल्ली आए लेकिन जाट नेताओं की बैठक में शामिल नहीं हुए। वह प्रधानमंत्री और अमित शाह से मिले। लेकिन, जाट नेताओं से मिलना उचित नहीं समझा। हालांकि, बैठक में हरियाणा सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पवांर नुमाइंदगी करने आए थे। हरियाणा भवन में जाट नेताओं की चल रही बैठक में शामिल हुए। मंत्री ने बाद में बताया कि उनकी बातें सुनी। शांति पूर्वक ढंग से प्रदर्शन करने की बात हुई है।

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