Monday 7 December 2015

मुजफ्फरनगरः सपा नेता राशिद सिद्दीकी के खिलाफ मुकदमा वापस नहीं ले सकेगी यूपी सरकार

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सपा के जिला प्रमुख राशिद सिद्दीकी के खिलाफ दर्ज नौ वर्ष पुराने अपराधिक मामले को वापस लेने के संबंध में दायर याचिका को स्थानीय अदालत ने खारिज कर दिया । वर्ष 2006 में स्थानीय चुनावों के दौरान हुए झड़प में कथित संलिप्तता को लेकर राशिद और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। अदालत ने फिर से राशिद के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुन्दर लाल ने सिद्दीकी और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने के सरकारी वकील की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि मुकदमा वापस लेने का आवेदन सुनवायी के योग्य नहीं है, वह भी ऐसे में जब कई वारंट जारी होने के बावजूद आरोपी अदालत में पेश नहीं हुआ है। अदालत ने राशिद के भांजे जफर इकबाल के खिलाफ भी गैर-जमानती वारंट जारी किया है और पुलिस से उसे 19 दिसंबर तक उसे अदालत में पेश करने को कहा है। इस सिलसिले में राशिद और इकबाल के खिलाफ पहले भी गैर-जमानती वारंट जारी हुए थे। अभियोजन पक्ष के सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने चार आरोपियों राशिद, इकबाल और दो अन्य के खिलाफ वर्ष 2006 में स्थानीय चुनावों के दौरान हुए झड़प में कथित संलिप्तता को लेकर मामला दर्ज किया था। बता दें, राशिद हमेशा से विवादित नेता रहे हैं। उनकी फैक्ट्री में बिजली चोरी पकड़ी गई थी और सरकार के दम पर वे बच गए थे। हाल में मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन के मौके पर उन्होंने एक युवा सपा नेता की पिटाई कर दी थी तब भी उनकी कुछ नहीं बिगड़ा।

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