Monday 14 December 2015

अब राहुल गांधी ने कहा- मुझे असम में मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया


नई दिल्ली/बारपेटा: राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि असम की उनकी हालिया यात्रा के दौरान बारपेटा के एक वैष्णव मठ में प्रवेश करने से उन्हें आरएसएस कार्यकर्ताओं ने रोका, जिस पर विवाद छिड़ गया है। हालांकि, मंदिर के प्रमुख ने आरोपों को खारिज कर दिया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष के आरोप से राजनीतिक बहस छिड़ गई है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि यह मनगढ़ंत है और आरएसएस मंदिरों का संचालन नहीं करता। पार्टी ने कहा कि लोगों को गुमराह करने के लिए गलत संदेश फैलाए जा रहे हैं।
राहुल ने दावा किया कि पिछले हफ्ते असम की उनकी यात्रा के दौरान उनके साथ जो कुछ हुआ वह भाजपा की राजनीति की शैली थी जो अस्वीकार्य है। राहुल ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा कि जब मैं असम गया तब मैंने बारपेटा जिले में एक मंदिर में प्रवेश की कोशिश की और मंदिर में आरएसएस के लोगों ने मुझे उसमें प्रवेश करने से रोक दिया। इसी तरीके से भाजपा काम करती है। उन्होंने कहा- उन्होंने वहां मौजूद महिलाओं को मेरे सामने खड़ा कर दिया और मुझसे कहा कि मैं मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकता। उन्होंने पूछा-वे मुझे रोकने वाली कौन होती हैं? पिछले शुक्रवार को बारपेटा में मौजूद राहुल ने कहा कि वह शाम को मठ में गए जब आरएसएस के संदिग्ध कार्यकर्ता वहां से चले गए थे। वैष्णव मठ बारपेटा सत्र के प्रमुख ने राहुल के दावे को खारिज करते हुए कहा कि धार्मिक स्थान पर आरएसएस के कार्यकर्ता नहीं थे। बारपेटा सत्र प्रमुख बक्षित देब शर्मा ने हालांकि आरोप को दुर्भायपूर्ण करार दिया लेकिन मुख्यमंत्री तरूण गोगोई अपनी इस बात पर अडे रहे कि राहुल को मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया। शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि सत्र में आरएसएस का कोई एजेंट नही है। यह एक धार्मिक स्थल है और यहां केवल धार्मिक गतिविधियां होती हैं। सत्र में राजनीति कहां से आ गई? उन्होंने कहा कि यहां महिलाएं सामान्य लोग हैं और वे सत्र में सामूहिक प्रार्थना में शामिल होने के लिए दिन में दो बार आती हैं। वे तो राहुल गांधी को देखने के लिए सत्र के द्वार पर इंतजार भर कर रही थीं। वे राजनीति के बारे में कुछ नहीं जानती हैं।
शर्मा ने कहा कि गोगोई मुख्यमंत्री हैं और उनके द्वारा सत्र जैसे धर्म और संस्कृति के केंद्र को राजनीति से जोडऩा बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है। भविष्य में राजनीति और सत्र को आपस में नहीं जोड़ा जाना चाहिए। गोगोई ने कहा कि सत्र ने उनसे कहा था कि राहुल गांधी को मठ में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। आरएसएस ने इसके लिए उकसाया है। मुख्यमंत्री ने गुवाहाटी में संवाददाताओं से कहा कि पहले कभी ऐसा नहीं सुना कि किसी को सत्र में प्रवेश करने से रोका गया। मैंने उनसे आज भी कहा कि उन्होंने (राहुल गांधी को प्रवेश करने से) क्यों रोका। हर किसी को प्रवेश का अधिकार है। यदि आरएसएस वहां नहीं है तो उनसे क्यों नहीं सवाल पूछा जाना चाहिए कि हमें क्यों अनुमति नहीं दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि करीब 40-50 महिलाएं हमें प्रवेश करने से रोक रही थी। भाजपा ने राहुल के आरोप को मनगढ़ंत बताते हुए आज कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष झूठ बोलने वाली मशीन हो गये हैं और संसद में कामकाज बाधित करने के लिए ऐसे बिना बात के मुद्दों को उठा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दिल्ली में संवाददातों से कहा कि इससे पहले किसी (सैलजा) ने दावा किया था कि उन्हें द्वारका में एक मंदिर में प्रवेश से रोका गया था लेकिन संसद में उनकी सच्चाई सामने आ गई। राहुल गांधी जो कह रहे हैं, वह मनगढ़ंत और झूठ है। भाजपा के एक अन्य नेता एवं केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि गलत संदेश फैलाना और लोगों को गुमराह करना आदत बन गई है। उन्होंने पूछा, क्या आरएसएस मंदिर चलाता है?





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