Monday 2 November 2015

यूपी पंचायत चुनाव : सपा को झटका, बसपा ने चौंकाया

भाजपा का उम्मीद से खराब प्रदर्शन, मोदी के क्षेत्र में भी मिली हार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी को पंचायत चुनावों में राज्य के कुछ हिस्सों में भारी झटका लगा है। पार्टी के मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं के कई रिश्तेदार चुनाव हार गये हैं। मतदान चार चरणों में हुआ और मतगणना आज हुई। मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी ने इन चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया। जिला पंचायत चुनावों में पार्टी समर्थित अधिकांश उम्मीदवार जीत गये।
पंचायत चुनाव किसी पार्टी के चुनाव निशान पर नहीं लडे जाते लेकिन पार्टियां उम्मीदवारों को अपना समर्थन देती हैं। जिला पंचायतों के 3112 पदों तथा ब्लाक पंचायत के 77576 पदों के लिए चुनाव हुए। कडी सुरक्षा के बीच 819 ब्लाक मुख्यालयों पर मतगणना हुई। जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत चुनावों में पहली बार उम्मीदवारों का समर्थन करने वाली भाजपा कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ सकी। ये परिणाम इस लिहाज से भी अहम हैं कि ये विधानसभा चुनाव से लगभग डेढ साल पहले आये हैं। भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि परिणामों से पता चलता है कि राज्य की जनता विशेषकर गांव की आबादी ने भ्रष्ट और निष्प्रभावी सपा सरकार को 'बाय बाय' करने का फैसला कर लिया है। उनका आरोप है कि इन चुनावों में सरकारी मशीनरी का जमकर दुरूपयोग किया गया।
सपा ने हालांकि चुनाव हारने की खबरों को नकार दिया। पार्टी प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने दावा किया कि मतदाताओं ने सरकार की पिछले साढे तीन साल की नीतियों और कार्यक्रमों को मान्यता दी है। जनता ने भाजपा को पूरी तरह नकार दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में 48 जिला पंचायतों में से केवल आठ सीटों पर भाजपा समर्थित उम्मीदवार जीत पाये। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के निर्वाचन क्षेत्र आजमगढ के तमौसी गांव में पार्टी समर्थित उम्मीदवार चुनाव हार गया। मुलायम ने इस गांव को गोद लिया है। असदुद्दीन ओवैसी की आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलिमीन ने आजमगढ में खाता खोला और उसके द्वारा समर्थित एक उम्मीदवार मकसुदिया में जीत गया। राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि क्षेत्र और जिला पंचायतों के चुनाव के बाद अब वह प्रधान और ग्राम पंचायत चुनावों के लिए तैयार है, जो 27 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच चार चरणों में होंगे। प्रधान पद के चुनावों की अधिसूचना सात नवंबर को जारी की जाएगी। सपा के कई मंत्रियों और नेताओं के रिश्तेदार चुनाव हार गये हैं। कुछ प्रभावशाली मंत्रियों की फजीहत हुई है। मंत्री मनोज पाण्डेय के भाई रायबरेली में हारे तो राम करन आर्य के पुत्र बस्ती में पराजित हुए। मंत्री रामपाल सिंह की दोनों बेटियां सीतापुर में हार गयीं। उतर प्रदेश पैकफेड के अध्यक्ष तोताराम यादव के संबंधी भी जिला पंचायत चुनाव हार गये हैं। तोताराम के खिलाफ बूथ कैप्चरिंग के आरोप में एफआईआर है। उन्हें केवल 412 मत मिले।
बहराइच में नवनियुक्त मंत्री बंसीधर बौद्ध की बहू चुनाव हार गयीं। मंत्री पारसनाथ यादव की बहू जौनपुर में जीतीं जबकि अरविन्द सिंह गोप के बडे भाई भी बाराबंकी में विजयी हुए हैं। मउ में मधुबन थानाक्षेत्र के मरयादापुर वार्ड में एक उम्मीदवार के समर्थकों ने चुनाव स्टाफ को कथित तौर पर बंधक बनाया तो बदायूं में जिला पंचायत चुनाव के एक निर्वाचन अधिकारी ने सपा समर्थित उम्मीदवार पर पिटाई का आरोप मढा। यह उम्मीदवार भाजपा समर्थित उम्मीदवार से हारा है। गोंडा में मतदान के तीन दिन पहले ही पंचायत चुनाव उम्मीदवार रांगीलाल का निधन हो गया था। धरमई गांव में वह क्षेत्र पंचायत सदस्य के रूप में निर्वाचित हो गये। पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) सतीश गणेश ने यहां संवाददाताओं से कहा कि छिटपुट घटनाओं को छोडकर आम तौर पर किसी बडी घटना की खबर नहीं है। उन्होंने कहा कि 74 जिलों में से केवल आठ जिलों में गडबडी फैलाने की घटनाएं हुई।

वाराणसी में भाजपा को 48 में से केवल 8 सीटें

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में भाजपा समर्थित उम्मीदवारों ने जिला परिषद चुनावों में कुल 48 में से केवल आठ सीटें जीतीं जबकि सपा समर्थित उम्मीदवारों ने 25 सीटों पर कब्जा किया। मोदी के गोद लिये गांव जयापुर में भाजपा समर्थित अरूण सिंह को बसपा के रमेश तिवारी उर्फ गुड्डू तिवारी के हाथों हार का सामना करना पड़ा जबकि भाजपा की पार्वती देवी और अमित सोनकर क्रमश: सातवें तथा पहले सेक्टर से जीते। भाजपा समर्थित जिला पंचायत अध्यक्ष सुजीत सिंह ने सेवापुरी सीट से जीत दर्ज की। भाजपा के काशी जोन के प्रमुख लक्ष्मण आचार्य ने दावा किया कि पार्टी ने पिछले बार की पांच सीटों की तुलना में इस बार आठ सीटें जीतीं। समाजवादी पार्टी द्वारा समर्थित उम्मीदवारों ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की और पार्टी जिला अध्यक्ष सतीश फौजी ने कहा कि इस बार जिला पंचायत का सपा समर्थित अध्यक्ष होगा। कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने दो सीटों पर जीत हासिल की जबकि बसपा तथा भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल ने क्रमश: तीन और चार सीटों पर कब्जा किया। निर्दलीय उम्मीदवारों ने छह सीटें जीतीं।

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