Tuesday 3 November 2015

Full Report: मुजफ्फरनगर जिला पंचायत चुनाव में बड़े नेताओं की किरकिरी, सांसदों व विधायकों के रिश्तेदार हारे

राना परिवार को करारा झटका, बसपा विधायक अनिल कुमार भी शिकस्त
सपा की उमाकिरण हो सकती हैं अध्यक्ष पद का दावेदार
मुजफ्फरनगरः जिला पंचायत चुनाव के सारे नतीजे घोषित हो चुके हैं और अब ये साफ हो गया है कि मतदाता किसी मूड में है। हालांकि ये चुनाव राजनीतिक संकेत नहीं दे रहे हैं लेकिन इतना तो तय है कि मतदाता अपने मन में कुछ और ही छिपाकर बैठा है। उसने पार्टी व बड़े नामों से उठकर वोटिंग किया। यही वजह है कि कई बड़े-बड़े दिग्गज हार गए। कई विधायकों व सांसदों के रिश्तेदारों को करारी हार का सामना करना पड़ा है। 
उमाकिरण अध्यक्ष पद की दावेदार मानी जा रही हैं। 
जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष तरसपाल सिंह मलिक और रालोद के पूर्व जिलाध्यक्ष श्रीराम तोमर की करारी हार हुई है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर लगातार दस साल (तिरसपाल मलिक और उनकी पत्नी सुदेशा) तक बने रहे। हालांकि पिछली बार इंतखाब राणा अध्यक्ष बन गई थी। इस बार इंतखाब अपने पति शाहनवाज राणा (बिजनौर के पूर्व विधायक) के कहने पर बिजनौर से लड़ गई लेकिन वहां हार का सामना करना पड़ा। तरसपाल को भाजपा के नेता नितिन मलिक की पत्नी अंजलि ने हराया। बघरा ब्लाक के वार्ड 18 से श्रीराम तोमर को प्रदीप कश्यप ने हराया।
यूपी में कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके दीपक कुमार की साहित्यकार पत्नी डॉ. पुष्पलता वार्ड दो से चुनाव हार गई हैं। दीपक के भाई कपिल कुमार एडवोकेट की पत्नी अरुणा भी वार्ड 4 से हार गई। संभवतः दोनों भाइयों ने अपनी पत्नियों को इसलिए लड़ाया था क्योंकि इस बार अध्यक्ष पद एससी महिला के रिजर्व है। दोनों ही ये भी ख्वाब देख रहे थे कि शायद उनका दांव लग जाए।
सपा नेता अब्दुल्ला राना ने अपनी पत्नी मोहसिना राना को जीत दिलाने में कामयाबी पाई है। बिजनौर के पूर्व विधायक शाहनवाज राना के साले कामरान राना से उनका मुकाबला था। दोनों परिवारों में राजनीतिक प्रतिस्पर्धा भी रही है। ऐसे में शाहनवाज की बीवी व साले की हार उनके लिए बहुत बड़ा धक्का है। शाहनवाज की राना फैमली मुजफ्फरनगर के बड़े औद्योगिक व राजनीतिक घरानों में गिनी जाती है। उनसे चाचा कादिर राना बसपा से सांसद रह चुके हैं और एक अन्य चाचा नूरसलीम राना इस समय चरथावल से बसपा विधायक हैं।  सबसे बड़ा झटका तो पुरकाजी से बसपा विधायक अनिल कुमार को लगा है। उनकी पत्नी वीरमति उर्फ बीना की हार उनके लिए बड़ा झटका है। उन्हें जिस महिला से हार का सामना करना पड़ा है वह कभी उनकी राजनीतिक गुरु रही हैं। कभी मुलायम सिंह यादव की सरकार में राज्य मंत्री रही उमाकिरण ने अनिल की पत्नी को हराया। ये सब जानते हैं कि कभी अनिल भी उमाकिरण के यहां काम करते थे और वहीं से राजनीति में आए थे। पिछले विधानसभा चुनाव में भी अनिल ने जिस तरह से डॉ. जे पी सिंह का टिकट कटवाकर अपना टिकट कराया था उससे उनकी अच्छी खासी बदनामी हुई थी। इस बार जिला पंचायत में सपा नेताओं ने अनिल को हराने के लिए पूरा जोर लगा दिया था। उमा को चेयरपर्सन की दावेदार भी माना जा रहा है। अनिल भी इस चक्कर में थे कि किसी तरह पत्नी जीत गई तो साम-दाम, दंड-भेद से पत्नी को अध्यक्ष बनवा सकते हैं। पर उनका सपना चूर हो गया। कहा जा रहा है कि इस बार अनिल का अपना टिकट भी खतरे में पड़ सकता है क्योंकि मायावती की नजर में उनकी छवि लगातार खराब हो रही है। वार्ड 7 से अनिल ने अपने दूर के भाई को भी चुनाव लड़वाया था।
एक और दिग्गज को झटका लगा है। मुजफ्फरनगर की जानसठ सुरक्षित सीट से कभी रालोद व बसपा से लगातार दो बार विधायक रह चुके डॉ. य़शवंत सिंह ने पिछले लोकसभा चुनाव के समय भाजपा ज्वाइन की थी और नगीना लोकसभा सीट से सांसद बन गए थे। उन्होंने अपने भाई व भाभी को जिला पंचायत चुनाव लड़वाया था लेकिन दोनों ही हार गए। यशवंत मूल रूप से जानसठ क्षेत्र के चुड़ियाला गांव के रहने वाले हैं और मेरठ में चिकित्सक हैं। बसपा सरकार में राज्यमंत्री रहे यशवंत भी इस चक्कर में थे कि वे अपनी भाभी को अध्यक्ष बनवा देंगे। वार्ड 32 से यशवंत के भाई भूषण अपनी प्रतिदंद्वी अनीता वाल्मीकि से 2033 मतों से हारे जबकि वार्ड 33 से उनकी भाभी विनीता को केवल 3667 मत मिले, जबकि रूबी ने 5055 मत प्राप्त कर जीत हासिल की। यशवंत यहां प्रचार के लिए नहीं आए थे क्योंकि इन वार्डों में भाजपा ने किसी और को समर्थन दिया हुआ था।
 
सभी वार्डों के परिणाम (जीते-हारे)-
1-सचिन शर्मा (4024), कमाल सिंह (3715)
2- छोटी बेगम (5048), अनुराधा कोरी (3240)
3- तहसीन बानो (3532), अरासिया (2764)
4- उमा किरण (7044),वीरमति (5477)
5- बिलकिस (3885),अफसरी (3468)
6- रश्मि पाल (4117),अनीता (3066)
7- दीप्ति पाल (3651), पुनीत (2025)
8- मोहसिना (4382) 
9- मुरसलीम(5852)
10- हरेंद्र कुमार (2226)
11- अनिल त्यागी (3950),मो. इमलाक (3640)
12- अजित सिंह (3544)
13- मो. यूसुफ (5036),मोनू पुंडीर (2330)
14- राकेश वशिष्ठ (5987), सौरभ पुंडीर (4870)
15- जुबेर (4777)
16- संदीप मलिक (5959), रहमान (4278)
17- धीरेंद्र (5219),इरशाद (3368)
18- प्रदीप कश्यप (5502), श्रीराम तोमर (5379)
19- अदेता (5418),राहुल (5236)
20- अजय कुमार (6704),ओमकार (4285)
21- अंजलि मलिक (7994),तरसपाल मलिक (6822)
22- मोहसिन जब्बार (5266),रईस भड़ाना (4014)
23- अंजलि (4549),महमूदा (3649)
24- रामनाथ सिंह (4694),संयम पंवार (4088)
25- राजेंद्र (5030), सलीम (4889)
26- राजीव सैनी (6722),इदरीश (5067)
27- साइमा अथर (6522), कविता चौधरी (6265)
28- मधु शर्मा (6633),दीपक (4148)
29- कृष्णा देवी (3574),सर्वेश (3084)
30- माया देवी (6699), सुधा शर्मा (4702)
31- रीटा सैनी (4846),शहनाज (3380)
32- अनीता वाल्मीकि (4667),भूषण (2634)
33- रूबी (5055), प्रतिमा (3861)
34- वंदना वर्मा (7444), तेजपाल सैनी (3491)
35- विक्रम सैनी (9521),सज्जाद (8300)
36- नजर सिंह गुर्जर (3369), इरशाद (2885)
37- रोशनजहां (6147),मुंदरेश (5511)
38- कौसरजहां (5787), कविता (4465)
39- ज्ञानेंद्र गुर्जर (5088),रईस जेहरा (2823)
40- शोएब अहमद (2962), मरगूब उर रहमान (2841)
41- आंचल (5651),गुड्डी (4240)
42- अनीता देवी (7922),संगीता (4886)
43- सुशीला (7727), अनुराधा (4695)



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