Wednesday 4 November 2015

Narendra Modi सरकार के सबसे बेहतरीन व फिसड्डी विभागों के बारे में जानिये!

नई दिल्लीः एक दैनिक द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक मोदी सरकार के सबसे अच्छे व फिसड्डी मंत्रालय इस तरह से हैंः- 

आवंटित धन का सर्वाधिक इस्तेमाल करने वाले शीर्ष 6 मंत्रालय

1- आवंटित धनराशि में से सर्वाधिक राशि कस इस्तेमाल करने के मामले में नागरिक उड्डयन मंत्रालय पहले स्थान पर है। इस मंत्रालय को इस वित्तीय वर्ष में 2720 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, अप्रैल से सितंबर के बीच मंत्रालय ने 90 फीसदी धनराशि का इस्तेमाल कर लिया। इस मंत्रालय की कमान अशोक गजपति राजू पुष्पति के हाथों में है।

2- पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय को 6236 करोड़ रूपए आवंटित किए गए थे, अप्रैल से सितंबर के बीच उसमें से 87 फीसदी धनराशि का इस्तेमाल किया गया। चौधरी बीरेंद्र सिंह इस मंत्रालय के मंत्री हैं।

3- मेनका गांधी के नेतृत्व में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने आवंटित धनराशि का 83 फीसदी इस्तेमाल अप्रैल से सितंबर के बीच किया। इस मंत्रालय को 10286.73 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे।

4- सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय इस सूची में चौथे स्थान पर है। नितिन गडकरी के नेतृत्व में इस मंत्रालय को 42912.65 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। अप्रैल से सितंबर के बीच इस मंत्रालय ने 70 फीसदी धन का इस्तेमाल योजनाओं के क्रियान्वयन में किया। 

5- वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय को इस वित्तीय वर्ष में 3689.65 करोड़ रुपए आवंटित किया गया था। अप्रैल से सितंबर के बीच मंत्रालय ने 66 फीसदी धनराशि का इस्तेमाल किया। इस मंत्रालय की कमान निर्मला सीतारमण के पास है। 

6- आवंटित धनराशि का इस्तेमाल करने के मामले में ग्रामीण विकास मंत्रालय छठे स्थान पर है। चौधरी बीरेंद्र सिंह के मंत्रालय को 73269.77 करोड़ रुपए आवंटित हुए थे। अप्रैल से सितंबर के बीच मंत्रालय ने 66 फीसदी धनराशि का इस्तेमाल योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए किया है।                                                         
आवंटित धन का इस्तेमाल करने में 6 फिसड्डी मंत्रालय


1- इस वित्तीय वर्ष में आवासीय एवं शहरी गरीबी निर्मूलन मंत्रालय को 5625.3 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे लेकिन इस मंत्रालय ने अप्रैल से सितंबर के बीच केवल छह फीसदी धनराशि ही इस्तेमाल किया। सबसे कम धनराशि का इस्तेमाल करने के मामले में यह पहले नंबर पर है। वेंकैया नायडू के पास इस मंत्रालय की कमान है।

2- इस सूची में दूसरा स्थान है श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का। इस मंत्रालय को 2153.02 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे लेकिन अप्रैल से सितंबर के बीच 16 फीसदी धनराशि का ही इस्तेमाल हो पाया। बंडारू दत्तात्रेय इस मंत्रालय के मंत्री हैं। 

3- पर्यटन मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे महेश शर्मा को इस वित्तीय वर्ष में 1483.2 करोड़ रुपए आवंटित किया गया था लेकिन अप्रैल से सितंबर के बीच उनका मंत्रालय केवल 18 फीसदी धनराशि का ही इस्तेमाल कर पाया।

4- अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय भी आवंटित धनराशि खर्च करने में फिसड्डी साबित हुआ है। इस वित्तीय वर्ष में मंत्रालय को 3712.78 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे लेकिन मंत्रालय अप्रैल से सितंबर के बीच केवल 29 फीसदी धनराशि ही इस्तेमाल कर पाया। भाजपा की वरिष्ठ नेता नजमा हेपतुल्ला इस मंत्रालय की मंत्री हैं। 

5- इस वित्तीय वर्ष में पूर्वोत्तर क्ष्ोत्र के विकास मंत्रालय को 2334.5 करोड़ रुपए आवंटित हुए थे। लेकिन इस मंत्रालय की कमान संभालने वाले जितेंद्र सिंह अप्रैल से सितंबर के बीच 34 फीसदी धनराशि का ही इस्तेमाल कर पाए।

6- संचार एवं सूचना प्रद्योगिकी मंत्रालय को इस वित्तीय वर्ष में 8236.56 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। लेकिन अप्रैल से सितंबर के बीच यह मंत्रालय 34 फीसदी धनराशि का ही इस्तेमाल कर पाया। इस मंत्रालय की कमान रविशंकर प्रसाद के हाथों में है।   

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