Thursday 1 October 2015

अब इमरजैंसी के लिए पूरे देश में 112 नंबर

साल भर के भीतर खत्म कर दिए जाएंगे बाकी हेल्पलाइन नंबर

लोगों में जागरुकता के लिए चलाया जाएगा कैंपेन भी

नई दिल्ली: इमरजैंसी में इंसान अक्सर पुलिस के 100 नंबर के अलवा किसी नंबर को ध्यान नहीं रख पाता। न जाने कितनी तरह की हेल्पलाइन चल पड़ी हैं। अब आप कितने नंबर याद रखेंगे या अपने मोबाइल में सेव करेंगे? इसका समाधान ढूंढने के प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द ही पूरे देश में एक ही आपात नंबर होगा। किसी भी तरह की इमरजैंसी हो लेकिन आपको 112 नंबर डायल करना होगा। सिंगल इमरजैंसी नंबर अलॉट कर दिया गया है और ट्राई ने इसे हरी झंडी दे दी है।

अभी सेवारत इमरजैंसी नंबर 100 (पुलिस),101 (अग्निशमन),102 (एंबुलेंस) और 108 (आपातकालीन सेवा) आदि हैं। हालांकि नया नंबर शुरू हो जाने के बाद भी चारों इमरजैंसी नंबर को सैकेंडरी नंबर्स के तौर पर कायम रखा जाएगा, और इन सभी नंबरों पर आने वाली सभी कॉल्स को प्राइमरी नंबर 112 पर रि-रूट किया जाएगा। भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनीकेशन्स (डीओटी) ने टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के सिंगल इमरजेंसी नंबर के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है।
खबरों के मुताबिक ट्राई को जवाब देते हुए डीओटी ने बताया है कि अभी चल रहे इमरजेंसी नंबर्स को फेस्ड मैनर में हटाया जाएगा यानी एकदम से ऐसा नहीं किया जाएगा बल्कि इसके लिए पहले पब्लिक अवेयरनैस कैंपेन चलाया जाएगा। माना जा रहा है कि वर्तमान में चल रहे इमरजेंसी नंबर एक साल तक इस्तेमाल होते रहेंगे और इसके बाद चार के बजाय केवल एक ही इमरजेंसी नंबर लागू कर दिया जाएगा। डीओटी ने ट्राई के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) एनेबल्ड प्रस्ताव को यह कहकर मानने से मना कर दिया कि अभी भारत में कम कीमत वाले फोन धारक ज्यादा संख्या में है। यह फोन चूंकि जीपीएस सपोर्ट नहीं करते हैं, इसलिए यह प्रस्ताव नहीं माना जा सकता।





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