Tuesday 27 October 2015

'मन की बात' में शामिल कविता के लिए गरिमा को सुषमा ने किया सम्मानित

एसडी पब्लिक स्कूल की छात्रा को नई दिल्ली में किया गया सम्मानित 

मुजफ्फरनगर: एसडी पब्लिक स्कूल की छात्रा गरिमा इस समय पूरे जिले की हीरो बन गई है। हर ओर उसी की बात हो रही है। स्कूल की ओर से भी उसे सम्मानित करने की योजना बन रही है। आकाशवाणी पर इस रविवार को मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और अफ्रीका के संबंधों पर चर्चा में गरिमा गुप्ता की लिखी कविता पढ़ी थी। देश भर के 1600 स्कूलों के प्रतिभागियों में कक्षा छह से आठ तक के वर्ग में एसडी पब्लिक स्कूल की विद्यार्थी गरिमा की कविता को पहले स्थान पर चुना गया। मंगलवार को केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज गरिमा को दिल्ली में पुरस्कृत भी किया। चेन्नई की श्रेया प्रभाकर और पटना बी अंशुमन को दूसरा और तीसरा पुरस्कार मिला। कुछ और विजेता बच्चों को भी सुषमा स्वराज ने सम्मानित किया।
सुषमा के साथ गरिमा (दाएं)
बता दें, पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारत-अफ्रीका संबंधों पर देश और दुनिया के बच्चों की बातों की चर्चा की थी। मोदी ने स्कूलों के बच्चों की व्यापक दृष्टि और गहराई में छिपे दर्शन की प्रशंसा करते हुए देश भर के 1600 स्कूलों की कविता प्रतियोगिता में आई एक रचना की ओर सबका ध्यान खींचा था। पीएम ने कहा था कि मुजफ्फरनगर की गरिमा गुप्ता ने स्पर्धा में एक कविता लिखी है। मोदी ने गरिमा की रचना-अफ्रीका में नील नदी, सागर नाम है लाल/ महाद्वीप विशाल है, प्रवासी भारतीय खुशहाल, की दस पंक्तियां पढ़ी। इसके बाद जवाहर कालोनी निवासी छात्रा गरिमा गुप्ता के घर में खुशी की लहर दौड़ गई थी। एसडी पब्लिक स्कूल की कक्षा सात की यह छात्रा जानती तक नहीं थी कि मन की बात में पीएम उसकी रचना पढे़ंगे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूली बच्चों की तीन वर्गों में भारत-अफ्रीका संबंधों पर कविता प्रतियोगिता आयोजित की थी। कक्षा छह से आठ के वर्ग में गरिमा की रचना को राष्ट्रीय स्तर पर पहला पुरस्कार मिला है।
गरिमा ने बताया कि टीचर शुचि अग्रवाल ने तैयारी को प्रोत्साहित किया। नेट पर कोई विशेष जानकारी नहीं मिली, तब बाबा ओमप्रकाश गुप्ता के संग्रह में से हमारा भूमंडल किताब से मिली जानकारी के बाद अफ्रीका और भारत के रिश्तों पर रचना लिखी।

गरिमा की कविताः

भारत-अफ्रीका देशों में, प्रगाढ़ संबध राजनयिक।

हम दोनों की आजादी, लगभग है सम-सामयिक।।

गांधीजी ने शुरू किया, अफ्रीका से आंदोलन।

ऐसा चलाया जादू सब पर, जीत लिया सबका मन।।

अफ्रीका में नील नदी, सागर का नाम है लाल।

महाद्वीप विशाल है, प्रवासी भारतीय खुशहाल।।

जैसे सिंधु घाटी की सभ्यता, है भारत की पहचान।

नील नदी है और कार्थेज है,अफ्रीकी सभ्यता में महान।।

अफ्रीकी तटों से होकर, वास्को डि गामा भारत आया।

तब यूरोपियों देशों ने अफ्रीकी उपनिवेश बनाया।।

दास बने अफ्रीकी निवासी, ले गए उन्हें अमेरिका।

ब्रिटिश राज में भारत ने भी, समान दृश्य था देखा।।

नाइजर, कांगो, ओरेंज, लिम्पोपो, नदी यहां है नील।

रुडोल्फ अल्बर्ट, विक्टोरिया, न्यासा है अफ्रीकी झील।।

किम्बरले, प्रिटोरिया में है हीरे की खान।

हीरों का पन्ना शहर, है भारत की शान।।

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