Saturday 10 October 2015

भाजपा विधायक संगीत सोम का मांस व्यापार से संबंध होने से इनकार, 2008 तक बोर्ड में थे

नई दिल्ली: दादरी हत्या मामले की पृष्ठभूमि में गोमांस सेवन के खिलाफ एक कठोर अभियान चलाने वाले तेजतर्रार भाजपा नेता संगीत सोम के बारे में यह बात सामने आयी है कि वह स्वयं में 'हलाल मांस’ के उत्पादन और निर्यात करने वाली एक प्रमुख कंपनी के बोर्ड में एक निदेशक के तौर पर मांस व्यापार से जुड़े हुए थे। 'अल दुआ फूड प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी की ओर से नियमों के तहत मुहैया करायी गई जानकारी यह दिखाती है कि सोम उस कंपनी में एक निदेशक थे और उन्होंने कंपनी के पंजीकरण के बाद तीन वर्ष तक बोर्ड में रहने के बाद 2008 में निदेशक पद से त्यागपत्र दे दिया था।
प्रकाशित दस्तावेज यह भी दिखाते हैं कि सोम अल दुआ के 'मेमोरेंडम आफ एसोसिएशन’ पर पहले हस्ताक्षरकर्ता थे जब उसका 2005 में मांस और उससे जुड़े उत्पादों के उत्पादन, प्रसंस्करण, खरीद और बिक्री के स्पष्ट उद्देश्य से पंजीकरण हुआ था। सोम ने कंपनी से अपने संबंधों से इनकार किया। यद्यपि वह मांस कंपनी के अपने निदेशक पद से संबंधित विशिष्ट सवालों को टाल गए।
सम्पर्क किये जाने पर सोम ने किसी भी मांस कंपनी से जुड़े होने से इनकार किया और कहा कि उनके खिलाफ आरोप उनकी छवि को धूमिल करने के लिए लगाये जा रहे हैं। सरधना से भाजपा विधायक सोम ने कहा, मैं तो अंडा भी नहीं खाता, मांस का व्यापार तो दूर की बात है। सोम 2013 के मुजफ्फरनगर दंगा मामले के एक आरोपी भी हैं। उन्होंने कहा, यह मेरी छवि धूमिल करने का पहला प्रयास नहीं है, समाजवादी पार्टी मेरे खिलाफ ऐसे आरोप अतीत में छह बार लगा चुकी है। मांस व्यापार से जुड़ी कंपनी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कोई भी कंपनी हजारों चीजों का व्यापार करती है और यह कैसे संभव है कि उन्हें सब कुछ की जानकारी होगी।
अल दुआ अपनी वेबसाइट पर दावा करती है कि वह भारत से हलाल मांस की प्रमुख उत्पादक और निर्यातक है और कहती है कि वह प्रसिद्ध एमके समूह की कंपनियों का हिस्सा है। अल दुआ कंपनी के निदेशक के तौर पर अलीगढ़ में जमीन खरीद के बारे में पूछे जाने पर सोम ने कहा कि वह न तो निदेशक थे और न ही किसी मांस कंपनी से किसी भी तरह से जुड़े थे। सोम ने स्वीकार किया कि उन्होंने कुछ वर्ष पहले अलीगढ़ में जमीन का एक टुकड़ा ‘निवेश के उद्देश्य’ से खरीदा था लेकिन साथ ही कहा कि उन्होंने बाद में उस जमीन को बेच दिया था। उन्होंने कहा,'जमीन निवेश के उद्देश्य से खरीदी गई थी और मांस प्रसंस्करण इकाई के लिए नहीं। इस तरीके से मैंने निवेश के लिए अनेक जमीन के टुकड़े खरीदे हैं।
मामला तब प्रकाश में आया जब उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने सोम पर एक बूचड़खाने के लिए परमिट मांगने का आरोप लगाया। उत्तर प्रदेश के दादरी में 50 वर्षीय एक व्यक्ति की एक भीड़ द्वारा इस अफवाह पर पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी कि उसने और उसके परिवार ने गोमांस खाया और उसे रखा। उस घटना के बाद से राज्य में एक बड़ा राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। दादरी के बाद मैनपुरी जिले में गोहत्या की अफवाह से उपजी हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के वाहनों को निशाना बनाया और दुकानों को आग लगा दी।
हिंसा तब शुरू हुई जब कुछ व्यक्तियों ने नगर में साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न करने के इरादे से करहल क्षेत्र में गोहत्या की अफवाह फैलायी। यद्यपि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह बात पता चली कि गाय की मृत्यु बीमारी से हुई थी। गोहत्या उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में प्रतिबंधित है। उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी ने केंद्र की भाजपा सरकार को बीफ निर्यात को प्रतिबंधित करने की चुनौती दी है। कुछ बीफ (जिसमें गोमांस, सांड और बछड़े का मांस शामिल है) के निर्यात पर प्रतिबंध है, भैंसे के हड्डी रहित मांस और बकरे एवं भेड़ के मांस के निर्यात की अनुमति है। भारत वास्तव में पूरे विश्व में भैंसे के मांस का निर्यात करने वाला सबसे बड़ा देश है और देश से निर्यात होने वाले मांस में हाल के वर्षों में बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही ऐसे निर्यात के लिए लक्षित देशों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है।

No comments:

Post a Comment