Tuesday 6 October 2015

गन्ना बकाया भुगतान के मुद्दे पर क्या कहा राजनाथ और संजीव बालियान ने ?

स्व. महेंद्र सिंह टिकैत के 80 वें जन्मदिन समारोह में कई बातें साफ की केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने

नई दिल्ली (न्यूजवेव रिपोर्ट): गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि सरकार नकदी संकट से जूझ रही चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों के करीब 12,200 करोड़ रुपये के बकाये का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के समाधान पर काम कर रही है। सिंह ने कहा, गन्ना किसानों का मुद्दा एक गंभीर मुद्दा है। सरकार ने गन्ना किसानों के भुगतान की सुविधा के लिए चीनी मिलों को सस्ती दर पर 6,000 करोड़ रुपये का कर्ज उपलब्ध कराने को मंजूरी दी थी लेकिन योजना अधिक सफल साबित नहीं हुई। हमने इस बारे में विचार विमर्श किया है और कोई समाधान तलाशेंगे।
राजनाथ यहां भारत किसान यूनियन के संस्थापक महेन्द्र सिंह टिकैत के 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे। कृषि राज्यमंत्री संजीव बालियान ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों की स्थिति में सुधार लाने के लिए कुछ चीजें की गई हैं लेकिन अभी भी बहुत कुछ किये जाने की आवश्यकता है। बालियान ने संकेत दिया कि सरकार को अधिक कृषि जिंसों को खरीदने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हम 22 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा करते हैं जबकि मुख्यत: दो फसलें, गेहूं और चावल की ही खरीद करते हैं। तब दूसरी फसलों की बिक्री एमएसपी से कम कीमत पर की जाती है। यह व्यवस्था तब बिगडऩे लगी जब किसानों को खुले बाजार के भरोसे छोड़ दिया गया। चीनी मिलों की स्थिति में सुधार लाने के तमाम उपायों में उन्हें 6,000 करोड़ रुपये का आसान दरों पर ऋण देना भी शामिल है। इसके बावजूद 2014..15 के सत्र (अक्तूबर से सितंबर) के अंत में किसानों का गन्ना बकाया 12,248 करोड़ रुपये के लगभग पहुंच गया। गन्ने के उंचे दाम और चीनी का भाव बाजार में नरम पडऩे से मिलों के समक्ष यह संकट खड़ा हुआ। सरकार ने मिलों को सस्ती दरों पर 6,000 करोड़ रुपये का ऋण देने की योजना को चीनी सत्र के मध्य में मंजूर किया था। इसके तहत मिलों ने अब तक 2,700 करोड़ रुपये के कर्ज के लिये आवेदन किया। जिसमें से 30 सितंबर तक बैंक केवल 800 करोड़ रुपये ही वितरित कर पाये हैं। शेष 1,900 करोड़ रुपये अभी वितरित किये जाने हैं। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले सप्ताह कहा था कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुये सरकार ने 1,900 करोड़ रपये का सस्ती दरों का कर्ज बांटने के लिये 15 दिन का और समय दिया है ताकि मिलें गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान कर सकें। सस्ते कर्ज की नीति के अनुसार बैंकों को यह कर्ज सितंबर अंत तक वितरित करने को कहा गया था। जिन चीनी मिलों ने 31 अगस्त तक गन्ना बकाये का 50 प्रतिशत भाग का भुगतान कर दिया उन्हें सस्ती दरों पर यह कर्ज उपलब्ध कराया जायेगा। सरकार ने गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान सुनिश्चित करने के लिये कुछ और कदम भी उठाये हैं। आयात शुल्क में वृद्धि, कच्ची चीनी के निर्यात पर सब्सिडी में वृद्धि तथा पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण की सीमा बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने जैसे कई अन्य उपाय शामिल हैं।

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