Monday 17 August 2015

भारत में 4.5 लाख करोड़ का निवेश करेगा यूएई

मोदी ने किए कई समझौते, आतंकवाद को लेकर पाक पर निशाना साधा
दुबई: यूएई की दो दिन की यात्रा समाप्त करने पर मोदी ने कहा कि यूएई और भारत मिलकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ेंगे। मोदी ने इशारा किया कि जो लोग आतंकी घटनाओं में वांछित हैं उनके खिलाफ भी दोनों देशों ने मिलकर कार्रवाई का खाका तैयार किया है। इसके अलावा मोदी ने अपने दौरे की सबसे बड़ी उपलब्धि 4.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश को बताया जिसका वायदा यूएई ने किया है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवाद को अभी तक परिभाषित नहीं करने और आतंकवाद का प्रसार करने वाले देशों और समूहों को अभी साफ तौर पर चिन्हित नहीं करने पर भारी असंतोष जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद की मानसिकता वाले देशों के खिलाफ मानवतावाद में विश्वास करने वाले देशों के एक होकर लडऩे का वक्त आ गया है।


प्रधानमंत्री ने यहां दुबई क्रिकेट ग्राउंड में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद को परिभाषित करने के बारे में संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव बहुत लम्बे समय से लटका पड़ा है। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र का जन्म पीडि़त मानव समुदाय को मरहम लगाने और आगे विश्व में ऐसे संकट की नौबत न आए, ऐसी व्यवस्था विकसित करने के लिए हुआ था। लेकिन संयुक्त राष्ट्र अभी तक आतंकवाद की परिभाषा नहीं कर पाया है। वह यह तय नहीं कर पाया है कि आतंकवादी कौन है, किस देश को आतंकवाद का शिकार माना जाए और किसे आतंकवाद का समर्थक माना जाए, यह तय नहीं कर पाया है।
मोदी ने कहा कि आतंकवाद की व्यापक परिभाषा के लिए अतंरराष्ट्रीय आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव लाया गया लेकिन यह कई वर्षो से लटका हुआ है। भारत का कहना है कि इस पर चर्चा हो जाए और निर्णय हो जाए लेकिन इसे टाला जा रहा है। पाकिस्तान का नाम लिये बिना प्रधानमंत्री ने कहा लेकिन संयुक्त अरब अमीरात ने भारत की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ दो टूक शब्दों में, बिना लाग लपेट के और बिना किसी की परवाह किये साफ शब्दो में संकेत दे दिया है। मोदी ने कहा कि 'गुड टेररिज्म और बैड टेररिज्म’, ‘गुड तालिबान और बैड तालिबान’ अब नहीं चलेगा। हर किसी को अब तय करना होगा कि आप मानवता के साथ हैं या टेरर के।
इससे पहले यूएई के नेताओं के साथ अबू धाबी और दुबई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यापक वार्ता करने के बाद दोनों देशों के बीच रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए कई घोषणाएं की गई। एक संयुक्त बयान में बताया गया कि दोनों देश कट्टरपंथी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले कोषों के नियंत्रण, नियमन और इनके प्रवाह के बारे में सूचना साझा करने पर सहमत हुए। साथ ही इसके अवैध प्रवाह को रोकने और संबद्ध लोगों तथा संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी दोनों देश राजी हुए।
प्रधानमंत्री ने यूएई के शहजादे मोहमद बिन जायद अल नहयान से अबू धाबी में व्यापक वार्ता की जबकि उन्होंने दुबई में उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशि अल मक्तूम के साथ वार्ता की। सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देशों ने एक रणनीतिक सुरक्षा वार्ता शुरू करने का फैसला किया ताकि बड़े मुद्दों पर चर्चा की जा सके। दोनों देश अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदों के बीच वार्ता के लिए भी राजी हुए। बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, दोनों देशों की सुरक्षा से जुडे उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ हर छह महीने पर मिलेंगे।
भारत और यूएई रक्षा संबंधों को नौसेना, वायुसेना, थल सेना और विशेष बलों तथा तटीय रक्षा के क्षेत्र को नियमित अभ्यास कर मजबूत करने के लिए सहमत हुए। यूएई ने भारत को इस बात से भी अवगत कराया कि यह भारत में रक्षा उपकरणों के विनिर्माण में सहयोग करेगा।  संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने कानून प्रवर्तन, एंटी मनी लाउंड्रिंग, मादक पदार्थों की तस्करी, एक देश की सीमा से दूसरे देश की सीमा के अंदर तक होने वाले अपराधों, प्रत्यर्पण और पुलिस प्रशिक्षण में सहयोग मजबूत करने का फैसला किया। वे आतंकवाद के लिए साइबर के इस्तेमाल, कट्टरपंथ और सामाजिक सौहार्द में खलल को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने पर भी सहमत हुए। दोनों देश ऑपरेशनल सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए अपनी सुरक्षा एजेंसियों के बीच संपर्क बिंदु भी स्थापित करेंगे। दोनों देश खाड़ी और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा मजबूत करने में सहयोग करने को भी सहमत हुए जो दोनों देशों की समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है।

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