Tuesday 11 August 2015

सुंदर पिचाई की सफलता पर इतराया सारा भारत

गूगल के नए सीईओ के पद पर विराजमान हुए हैं चेन्नई के पूर्व छात्र
नई दिल्लीः भारतीय मूल के अमरीकी सुंदर पिचाई को गूगल ने अपना नया सीईओ नियुक्त किया है और इस समय हर ओर उन्हीं की कहानी बताई जा रही हैं। सुंदर पिचाई का जन्म 12 जुलाई 1972 में चेन्नई (तमिलनाडु)में हुआ और उनके पिता पेशे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे जो एक ब्रितानी कंपनी जीईसी में काम करते थे। जबकि सुंदर की मां स्टेनोग्राफर थी। सुंदर पिचाई अपने स्कूल की हाई स्कूल क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे और और उनकी कप्तानी में टीम ने तमिलनाडु राज्य का क्षेत्रीय टूर्नामेंट जीता था। स्कूली शिक्षा के बाद सुंदर पिचाई को आईआईटी खडग़पुर में दाखिला मिल गया और उन्होंने मेटालर्जी में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। अमरीका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमएस (मैटीरियल साइंस) करने के बाद सुंदर ने अमरीका के सबसे प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूलों में से एक व्हर्टन से एमबीए भी किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद पिचाई ने कन्सल्टिंग कंपनी मैकेंजी के प्रॉडक्ट मैनेजमेंट विभाग में कई सालों तक काम किया। 2004 में सुंदर ने सर्च इंजन कंपनी गूगल ज्वाइन कर ली और दुनिया भर में फैले कंपनी के ग्राहकों के इस्तेमाल के लिए बनाए जाने वाले नए प्रॉडक्ट्स की जिम्मेदारी संभाल ली। सुंदर पिचाई के करियर में दो चीजें मील का पत्थर साबित हुईं। पहले उन्होंने जी-मेल और गूगल मैप ऐप्स तैयार कराए जो सफलता की बुलंदियों पर हैं। पिचाई ने गूगल के सभी प्रॉडक्ट्स के लिए एंड्रॉयड ऐप्प पर भी काम किया। गूगल के ब्राउजर क्रोम पर भी पिचाई ने काम किया। एक समय उन्हें माइक्रोसाफ्ट के सीईओ की दौड़ में भी गिना जाने लगा था। सुंदर पिचाई की पत्नी का नाम अंजलि है और इनके दो बच्चों में एक बेटी और दूसरा बेटा है। कहते हैं कि सुंदर पिचाई की याददाश्त का जवाब नहीं। जब तमिलनाडु में इनके घर पर 1984 में पहली बार टेलीफोन लगा था तो सभी रिश्तेदार किसी दूसरे का नंबर भूल जाने पर सुंदर की याददाश्त का सहारा लेते थे। सुंदर को सभी नंबर याद रहते थे।
मंगलवार को चेन्नई के वनवाणी मैट्रिकुलेशन हायर स्कूल में मंगलवार को जश्न का माहौल रहा। यहां सुंदर ने अपनी स्कूली पढ़ाई की थी। स्कूल में बाकायदा ऐलान किया गया कि सुंदर पिचाई ने कितनी बड़ी सफलता हासिल की है। बच्चे उनके बारे में ज्यादा वाकिफ नहीं थे लेकिन स्कूल में सुबह के वक्त हुई एसेंबली में शिक्षकों ने इस बारे में बताया और उनकी सफलता की बात कही गई। एसेंबली में स्कूल की प्रिंसिपल कावेरी पद्मनाभन ने बच्चों को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बच्चों से सुंदर के जीवन से प्रेरणा लेने को कहा और बताया कि अगर वे भी अपने इस सीनियर की तरह मेहनत करें तो उन्हें भी कामयाबी मिल सकती है। ये स्कूल आईआईटी चेन्नई के कैंपस में ही मौजूद है। पद्मनाभन ने इस अवसर पर मीडिया से कहा कि उन्हें और स्कूल के सभी कर्मचारियों को इस बात पर गर्व है कि पिचाई की इस कामयाबी में उनका भी कुछ न कुछ योगदान तो है ही। कावेरी कहती हैं कि हम उन्हें स्कूल में आमंत्रित करना चाहेंगे और ये भी चाहेंगे कि वो हमारे छात्रों से बात करें जिससे बच्चों के बीच वे प्रेरणा बन सकें।  उन्होंने कहा कि जो भी शानदार काम उन्होंने किया और बड़ी कामयाबी पाई है, वो हमारे लिए एक बेहद सम्मान की बात है। हम इस खबर और इस पल का जश्न मना रहे हैं और बच्चे बहुत खुश हैं और हमसे इस बारे में और ज्यादा जानना चाहते हैं। सुब्रमण्यम, जो स्कूल में सुंदर से दो साल सीनियर थे वे बताते हैं कि सुंदर मेहनती थे और किताबों में डूबे रहते थे।  सुंदर के चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान रहती थी लेकिन वो एक तरह से किताबी कीड़ा थे। चेन्नई में बीएमडब्ल्यू के प्लांट में लॉजिस्टिक्स के प्रमुख के तौर पर काम कर रहे सुब्रमण्यम कहते हैं कि एक बार मैं उनसे पेन्सिलवेनिया (अमरीका) में मिला था लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि ये कम बोलने वाला लड़का कभी इतना बड़ा आदमी बनेगा? इतनी बड़ी वैश्विक कंपनी का नेतृत्व करना बहुत ही सम्मान और गर्व की बात है कि हमारे बीच से ही एक लड़का यहां पहुंच पाया है। मुरुगावेल सेलवन भी स्कूल में सुंदर से दो क्लास आगे थे और वे स्वंय भी इस समय एक आईटी उद्यमी हैं। सेलवन बताते हैं कि हाल ही में सुंदर पिचाई ने चेन्नई में अपने माता-पिता के लिए एक सुपर लग्जरी फ्लैट खरीदा है और उसकी कीमत चार से पांच करोड़ केबीच बताई जाती है। सेलवन का कहना है कि उनकी कामयाबी दिखाती है कि भले ही आपकी पृष्ठभूमि कुछ भी रही हो, लेकिन अगर आप किसी अपने लक्ष्य की दिशा में मेहनत करें तो सफलता निश्चित है।


No comments:

Post a Comment