Monday 17 August 2015

रवि शास्त्री ने कहा, हार भले ही गए लेकिन हम खेलने की अपनी शैली को नहीं बदलेंगे

चोटिल हुए शिखर धवन नहीं खेल पाएंगे शेष सीरीज में 

कोलंबो: भारत की पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में श्रीलंका के हाथों हैरतअंगेज हार के बावजूद टीम निदेशक रवि शास्त्री ने आज स्पष्ट किया कि टीम अगले दोनों टेस्ट मैचों में खेलने की अपनी शैली में बदलाव नहीं करेगी और कहा कि टीम का प्रयास हमेशा 'बेपरवाह क्रिकेट’ खेलना रहा है। गाले में खेले गये पहले टेस्ट मैच का पासा एकदम से पलटा और भारत को 63 रन से हार का सामना करना पड़ा। हार से हताश टीम कल यहां पहुंची लेकिन उसे सुबह यह खबर मिली कि शिखर धवन अपने दायें हाथ में हेयरलाइन फ्रैक्चर के कारण दौरे के बाकी मैचों में नहीं खेल पाएंगे।
शास्त्री ने पत्रकारों से कहा, उम्मीद है कि कहर दोबारा नहीं बरपेगा क्योंकि हम खेलने की अपनी शैली नहीं बदल रहे हैं। हमारी मानसिकता पहले जैसी ही रहेगी। परिणाम अपने पक्ष में करने के लिये आपको लंबी राह तय करनी है और पहले टेस्ट मैच में हमने यह गलती की। इसके बाद तो कई जीत की शुरूआत हो जाएगी। पूर्व कप्तान से पूछा गया कि क्या टीम दबाव में है, उन्होंने नकारात्मक जवाब दिया। उन्होंने कहा, यह दबाव में आकर बिखरने का सवाल नहीं था। उन्हें लगा कि पिच का मिजाज बदल सकता है और उन्होंने खुद पर दबाव बनाया। मेरा मानना है कि एक जीत दर्ज करने के बाद उनकी कई जीत की शुरूआत हो जाएगी।
भारत के सामने 176 रन का लक्ष्य था लेकिन उसकी पूरी टीम 49.5 ओवर में 112 रन पर आउट हो गयी। इस तरह से श्रीलंका ने तीन मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली। शास्त्री ने कहा कि बल्लेबाज दूसरी पारी में वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाये जैसा उन्हें स्पिनरों के सामने करना चाहिए था और इस हार से पूरी टीम आहत है।शास्त्री ने कहा, मैं आपको बता सकता हूं कि खिलाडिय़ों का मूड अच्छा नहीं था। हम डेढ़ घंटे तक बाहर नहीं निकले क्योंकि प्रत्येक बेहद आहत था और वहां अच्छी और सहज चर्चा चल रही थी।
उन्होंने कहा कि जब आपने छह सत्र जीते हो लेकिन दो सत्र में हारने के कारण आप श्रृंखला में 0-1 से पीछे हो जाते हो, इस मैच से काफी कुछ सीखने को मिला। इसके लिये हमारे पास कोई बहाना नहीं है। हमें अब टीम के रूप में आगे बढऩा होगा और उस टेस्ट में क्या गड़बड़ी हुई उससे सीखना होगा। भारत को पहली पारी में 192 रन की बढ़त मिली थी लेकिन उन्होंने अपनी गलती से मैच गंवाया। इस तरह से कोहली और शिखर धवन के शतक तथा अश्विन का दस विकेट लेने का प्रयास बेकार चला गया। दिनेश चंदीमल के नाबाद शतक के बाद रंगना हेराथ और तारिंदु कौशल ने दूसरी पारी में सभी दस विकेट निकाले। इस बल्लेबाजी क्रम की यह आदत बन गयी है क्योंकि इससे पहले वे इंग्लैंड में मोईन अली और आस्ट्रेलिया में नाथन लियोन के सामने भी जूझते हुए नजर आये थे। 

शास्त्री ने कहा, अच्छा होता यदि वे आखिरी दिन रक्षात्मक के बजाय आक्रामक खेल खेलते। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि उन्हें चौके और छक्के मारने शुरू कर देने थे लेकिन आक्रामक खेलना अधिक सकारात्मक होता। वे एक इरादे से खेलते और स्कोर बोर्ड को चलायमान रखते। मोईन अली के खिलाफ वे बहुत आक्रामक थे। यहां वे बहुत अधिक रक्षात्मक हो गये। उन्हें अधिक आक्रामक होना चाहिए था। उन्होंने कहा, जब आप इस तरह से टेस्ट मैच गंवाते हो तो इससे अन्य की तुलना में आप सबसे अधिक आहत होते हो। आपका मैच में पलड़ा भारी है और आप उसे हार गये। इसलिए आपको अन्य की तुलना में इस तरह के मैचों से अधिक सबक मिलता है और उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में यह दिखायी देगा।
शास्त्री ने कहा कि कुछ खिलाडिय़ों के चोटिल होने के कारण दूसरे टेस्ट के लिये टीम में कुछ बदलाव होंगे। उन्होंने कहा, कुछ बदलाव होंगे। धवन पहले टेस्ट मैच के शुरूआती दिन तब चोटिल हो गया था जब उसने स्लिप में कैच छोड़ा था। उसने दर्द के बावजूद दोनों पारियों में बल्लेबाजी की और शतक भी जड़ा। हालांकि यह पारी टीम को जीत नहीं दिला पायी। इस बीच मुरली विजय हैमस्ट्रिंग की चोट से तेजी से उबर रहे हैं लेकिन उनके चयन को लेकर आखिरी फैसला मैच से 24 घंटे पहले किया जाएगा। स्टुअर्ट बिन्नी जल्द टीम से जुड़ेंगे जबकि धवन के स्थान पर अभी तक किसी खिलाड़ी का चयन नहीं किया गया है। शास्त्री ने कहा, आजकल जितनी अधिक क्रिकेट खेली जा रही है उसमें आपको इसका आदी होना पड़ेगा। खेल के तीन प्रारूप हैं और कुछ खिलाड़ी सभी प्रारूपों में खेलते हैं। इसलिए उनके चोटिल होने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिखर नहीं खेल पाएगा क्योंकि वह शानदार खिलाड़ी है। उसने पिछले मैच में साहस दिखाया और पहली पारी से पहले चोटिल होने के बावजूद बल्लेबाजी की। उसके हाथ में फ्रैक्चर था लेकिन उसने शतक बनाया। इसके बाद उसके हाथ की स्थिति अच्छी नहीं थी लेकिन उसने तब भी दूसरी पारी में बल्लेबाजी की। यह एक खिलाड़ी का सकारात्मक पहलू है कि टीम की जरूरत को देखकर उसने चोट भुला दी।
कप्तान विराट कोहली का गेंदबाजी में बदलाव करते समय स्पिनरों के उपयोग करने की रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं लेकिन शास्त्री ने कप्तान का बचाव किया। उन्होंने कहा, कोहली सीखेगा। आप जितना अधिक खेलते हो आप उतना ज्यादा सीखते हो। भारत अक्सर तीन स्पिनरों के साथ नहीं खेलता है। अश्विन ने पूरे मैच में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन आपको अन्य से भी बेहतर प्रदर्शन की जरूरत पड़ती है।

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