Friday 7 August 2015

राधे मां को पुलिस की क्लीन चिट, कहा- हिरासत में लेने वाली कोई वजह नहीं

औरंगाबाद में पूछताछ की महाराष्ट्र पुलिस ने, भक्तों ने समर्थन में की नारेबाजी 

राधे मां के दो रूप 
औरंगाबाद/नई दिल्लीः दहेज प्रताड़ना और अश्लीलता फैलाने के आरोपों के बाद पहली बार शुक्रवार देर रात राधे मां औरंगाबाद जिले में मीडिया के सामने आईं। जब मीडिया ने राधे मां से आरोपों के बारे में पूछा तो उन्होंने बस इतना कहा- मेरा न्याय ऊपरवाला करेगा। नांदेड के लिए रवाना हो रही राधे मां से मीडिया ने जैसे ही सवालों का सिलसिला शुरू किया, वह बेहोश होकर गिर पड़ी। इसके बाद एक भक्त ने गोद में उठा कर उन्हें कार में बैठाया। खुद को देवी बताने वाली राधे मां मिडॉज रिजॉर्ट में रुकी थीं। खुद को देवी का अवतार बताने वाली राधे मां के खिलाफ मुंबई के बोरीवली इलाके में केस दर्ज हो चुका है। राधे मां पर एक महिला को उसके पति और ससुरालवालों से प्रताड़ित करवाने का आरोप लगा है। बोरीवली पुलिस ने इस मामले में राधे मां समेत 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
शुक्रवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में पुलिस ने राधे मां से दो घंटे पूछताछ की। कहा जा रहा है कि इसी पूछताछ के लिए वे यहां आई हैं। पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि उनके पास से कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला। उन्हें हिरासत में लेने जैसा कोई आदेश नहीं था। राधे मां से पूछताछ की खबर लगते ही वहां उनके भक्तों की भीड़ जमा हो गई। दर्जनों भक्तों ने रिजॉर्ट के बाहर नारेबाजी की। इसी बीच, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत कराया। वहां कुछ लोग ऐसे भी पहुंचे थे जो राधे मां का विरोध कर रहे थे और उन्हें अरेस्ट किए जाने की मांग कर रहे थे।
ऐसी खबरें थीं कि राधे मां विदेश फरार होने के चक्कर में हैं, जिसके बाद पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। हालांकि, मुंबई पुलिस ने इस बात से इनकार करते हुए कहा कि राधे मां किसी भी मामले में वॉन्टेड नहीं हैं। राधे मां के देश छोड़कर ऑस्ट्रेलिया भाग जाने की भी खबर थीं, हालांकि शुक्रवार को वह औरंगाबाद में नजर आईं।
राधे मां का अतीतः

राधे मां का जन्म पंजाब के गुरदासपुर जिले के एक सिख परिवार में हुआ था। उनकी शादी पंजाब के ही रहने वाले व्यापारी सरदार मोहन सिंह से हुई। शादी के बाद एक महंत से राधे मां की मुलाक़ात हुई, जिसके बाद ही उन्होंने आध्यात्मिक जीवन अपनाया। कुछ समय बाद वह मुंबई आ गईं और वे राधे मां के नाम से मशहूर हो गईं। राधे मां के प्रभाव का अंदाजा इसी तथ्य से लग जाता है कि उनके भक्तों की सूची में कई हाईप्रोफाइल नाम शामिल हैं, जो उनका आशीर्वाद लेने जाया करते थे। इनमें पूर्व क्रिकेटर नवजोज सिंह सिद्धू, डाली बिंद्रा, भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार रवि किशन, मनोज तिवारी आदि प्रमुख हैं।
पंजाब के गुरदासपुर स्थित दोरांगला गांव में 4 अप्रैल 1965 को राधे मां का जन्म हुआ था। उनका असली नाम सुखविंदर कौर है। बचपन से ही उनका झुकाव आध्यात्म की ओर था और वह ज्यादातर समय गांव की काली मंदिर में बिताती थी। राधे मां को आध्यात्म से परिचय महान रामदीन दास ने 23 से की उम्र में कराया। तब से वह माता की चौकियों में जाती थी और स्वयं को देवी के रूप में भक्तों के सामने पेश करती थी। कहने को राधे मां स्वयंभू देवी हैं लेकिन गृहस्थ जीवन से कभी दूर नहीं रह सकी। राधे मां के तीन बच्चे हैं। यहां तक कि उनके बच्चों के भी बच्चे हो चुके हैं। उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने वाली महिला के मुताबिक राधे मुंबई स्थित घर में भी अपने परिवार के साथ रहती थी।
दरअसल, राधे मां उर्फ सुखविन्दर की जिंदगी में एक करोड़पति बिजनेसमैन के आने के बाद इतना बड़ा बदलाव आया, जिसने उसे आम सुखविन्दर से बदलकर करोड़ों में खेलने वाली राधे मां बना दिया। होशियारपुर के मुकेरियां में अपना ससुराल घर छोड़ने के बाद मुंबर्इ पहुंची सुखविन्दर कौर की मुलाकात मुंबई के मशहूर बिजनेसमैन एम. एम. गुप्ता के साथ हुई। गुप्ता मुंबई की मशहूर 'एम. एम. मिठाई वाला' दुकान का मालिक है। किसी ने गुप्ता को बता दिया कि सुखविन्दर कौर में देवी की चमत्कारी शक्तियां हैं।  इसके बाद ही गुप्ता सुखविन्दर के पास गया और उसे अपने बंगले में ले आया। उसने अपने बंगले की 2 मंज़िले सुखविन्दर को रहने के लिए दे दी। सुखविन्दर को चमत्कारी देवी समझ कर उसका प्रचार दू -दूर तक होने लग पड़ा और लोगों ने उसे नया नाम दिया 'राधे मां'। इसके बाद ही राधे मां पैसों के साथ करोड़पति हो गई और उसके हरेक प्रोग्राम में लाखों रुपए खर्च किए जाने लगे।



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